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Blog / 14 Oct 2025

अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार 2025

संदर्भ:

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज़ ने वर्ष 2025 का अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार  संयुक्त रूप से जोएल मोकिर, फिलिप अघियन और पीटर हॉविट को प्रदान किया। यह सम्मान उन्हें नवाचार-आधारित आर्थिक विकास की प्रक्रिया को समझाने और यह स्पष्ट करने के लिए दिया गया कि आधुनिक अर्थव्यवस्था में सतत और दीर्घकालिक विकास संभव कैसे होता है

पुरस्कार विजेताओं के मुख्य योगदान:

जोएल मोकिर:

·        नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर जोएल मोकिर को तकनीकी प्रगति के ज़रिए सतत विकास के लिए आवश्यक शर्तों की पहचान करने के लिए पुरस्कार दिया गया। उनके आर्थिक इतिहास पर शोध से यह स्पष्ट हुआ कि सतत विकास के लिए "उपयोगी ज्ञान" का निरंतर प्रवाह आवश्यक है, जिसमें प्रस्तावात्मक ज्ञान (यह समझना कि कोई चीज़ क्यों काम करती है) और निर्देशात्मक ज्ञान (व्यावहारिक निर्देश) शामिल हैं।

फिलिप अघियन और पीटर हॉविट:

·        अघियन और हॉविट ने रचनात्मक विनाश (Creative Destruction) के माध्यम से सतत विकास के सिद्धांत को विकसित करने के लिए पुरस्कार साझा किया। उनका गणितीय मॉडल सतत विकास के तंत्र को उजागर करता है और दिखाता है कि कैसे नए, बेहतर उत्पाद लगातार बाज़ारों में प्रवेश करते हैं व पुराने उत्पाद बेचने वाली कंपनियों को विस्थापित करते हैं।

Nobel Prize in Economics 2025 awarded to Joel Mokyr, Philippe Aghion and  Peter Howitt - The Economic Times

महत्त्व:

इन तीनों अर्थशास्त्रियों ने मिलकर बताया कि किस प्रकार विश्व धीमी या शून्य वृद्धि के दौर से निकलकर ऐसे दौर में पहुंच गया है, जहां वृद्धि "नई सामान्य बात" बन गई है।

यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि:

    • समाज ने सही संस्थाओं (जैसे कानून, स्कूल और अनुसंधान केंद्र) का निर्माण किया।
    • उन्होंने नवाचार और विज्ञान का समर्थन किया।
    • और उन्होंने व्यवसायों को प्रतिस्पर्धा करने और बढ़ने का अवसर दिया।

नीतिगत सुझाव और चुनौतियाँ:

·         अनुसंधान, विकास और नवाचार नीति: सरकारों को बुनियादी विज्ञान और अनुप्रयुक्त अनुसंधान दोनों का समर्थन करना चाहिए, साथ ही निजी क्षेत्र में नवाचार (जैसे अनुदान, कर छूट) के लिए भी प्रोत्साहन देना चाहिए। हालांकि, अत्यधिक संरक्षण या बिना प्रतिस्पर्धा वाली सब्सिडी उलटा असर डाल सकती है।

·         प्रतिस्पर्धा, विकेंद्रीकरण और बाजार प्रवेश: नीतियों का उद्देश्य खुले और प्रतिस्पर्धात्मक बाजार सुनिश्चित करना होना चाहिए। इसके तहत स्थापित कंपनियों को नए उद्यमों के प्रवेश में बाधा डालने से रोकना और स्टार्टअप्स व रचनात्मक फर्मों के लिए प्रवेश बाधाओं को कम करना आवश्यक है।

·         संस्थागत सुधार: आर्थिक विकास उन संस्थाओं पर निर्भर करता है जो कानून के शासन, संपत्ति अधिकार, प्रतिभा प्रवाह के लिए खुलापन, शिक्षा और प्रयोग की संस्कृति को बढ़ावा देती हैं।

·         विघटन और सामाजिक समानता में संतुलन: रचनात्मक विनाश की प्रक्रिया में श्रमिक और कंपनियों का विस्थापन अनिवार्य है। इसलिए सामाजिक सुरक्षा जाल, पुनर्प्रशिक्षण कार्यक्रम और संक्रमणकालीन सहायता जैसी नीतियाँ आवश्यक हैं।

·         वैश्विक एकीकरण और खुलापन: पुरस्कार विजेताओं ने संरक्षणवाद और वैश्वीकरण के उलट प्रवृत्तियों के प्रति चेतावनी दी। खंडित और अलग-अलग बाजार नवाचार के प्रसार को धीमा करते हैं और पैमाने की क्षमता को सीमित कर देते हैं।

निष्कर्ष:

2025 के नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने आधुनिक आर्थिक विकास को समझने का दृष्टिकोण पूरी तरह बदल दिया है। उनके शोध से यह स्पष्ट हुआ कि आज हम ऐसे युग में जी रहे हैं जहाँ नवाचार, मजबूत संस्थाएँ और सक्रिय प्रतिस्पर्धा मिलकर विकास को सामान्य और सतत बनाते हैं। साथ ही, उन्होंने यह चेतावनी भी दी है कि विकास अपने आप स्थायी नहीं होता, इसे बनाए रखने और आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास और रणनीतियाँ आवश्यक हैं।