संदर्भ:
हाल ही में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने न्यू वर्ल्ड स्क्रूवर्म संक्रमण से संक्रमित होने वाले पहले मानव मामले की पुष्टि की है।
न्यू वर्ल्ड स्क्रूवर्म के बारे में:
न्यू वर्ल्ड स्क्रूवर्म (कोक्लिओमिया होमिनिवोरैक्स- Cochliomyia hominivorax) एक परजीवी मक्खी है, जो ब्लोफ्लाई प्रजाति से संबंधित है। यह मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिका और कैरेबियन क्षेत्र में पाई जाती है।
- यह जीव मांस खाने वाले लार्वा (कीड़े के बच्चे) के लिए प्रसिद्ध है, जो गर्म खून वाले जीवों और कभी-कभी इंसानों के शरीर के ऊतकों में भी हो सकते हैं।
- इसे "स्क्रूवर्म" इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके लार्वा जीवित मांस के भीतर पेंच की तरह घूमते हुए अंदर की ओर बढ़ते हैं।
- मादा स्क्रूवर्म मक्खी विशेष रूप से खतरनाक होती है, क्योंकि यह अपने अंडे खुले घावों या शरीर के प्राकृतिक छिद्रों (जैसे नाक, मुंह, कान) में देती है।
- एक अकेली मादा मक्खी एक बार में लगभग 300 अंडे दे सकती है और अपने 10 से 30 दिन के जीवनकाल में करीब 3,000 अंडे तक देती है।
संक्रमण के लक्षण:
न्यू वर्ल्ड स्क्रूवर्म का संक्रमण बेहद दर्दनाक और अगर समय पर इलाज न हो तो जानलेवा भी हो सकता है। मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- ऐसे घाव जो लगातार बने रहे या जो लंबे समय तक न भरे
- प्रभावित हिस्से से खून आना
- घाव के भीतर कुछ हलचल का एहसास होना
- उस जगह से दुर्गंधयुक्त स्राव (फाउल-स्मेलिंग डिस्चार्ज) आना
अगर समय पर इलाज न किया जाए तो संक्रमण शरीर के महत्वपूर्ण ऊतकों तक फैल सकता है, जिससे सेप्सिस (खून में संक्रमण) या यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए शुरुआती पहचान और लार्वा को हटाना आवश्यक होता है।
आम परजीवी रोग:
· लसीका फाइलेरियासिस / हाथीपाँव रोग: यह रोग वुचेरेरिया बैनक्रॉफ्टी और ब्रुगिया मलेई नामक मच्छरों द्वारा फैलता है। इसमें हाथ-पाँव या शरीर में असामान्य सूजन आ जाती है, जिससे विकलांगता हो सकती है।
· मलेरिया: यह रोग प्लास्मोडियम परजीवी से होता है, जो मादा एनोफिलीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके लक्षणों में बुखार, कंपकंपी, पसीना और गंभीर स्थिति में दौरे शामिल हैं।
· टॉक्सोप्लाज़मोसिस: यह रोग टॉक्सोप्लाज़मा गोंडी परजीवी से होता है। यह अधिकतर घाव वाले मांस के माध्यम से फैलता है। यह बीमारी कमज़ोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों और गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक होती है।
· अमीबायसिस: यह रोग एंटामोइबा हिस्टोलिटिका परजीवी से होता है। यह दूषित पानी या भोजन के सेवन से फैलता है। इससे दस्त, पेट दर्द और कभी-कभी जानलेवा जटिलताएँ हो सकती हैं।
· जिआर्डियासिस: यह रोग जिआर्डिया लैम्ब्लिया परजीवी से होता है। यह आंत्र संक्रमण है, जो अधिकतर दूषित पानी पीने से फैलता है। इसके लक्षणों में दस्त, पेट फूलना और कमजोरी शामिल हैं।
· शिस्टोसोमायसिस: यह रोग शिस्टोसोमा नामक रक्त-परजीवी से होता है। यह संक्रमण तब होता है जब व्यक्ति दूषित ताजे पानी के संपर्क में आता है। यह आंत, मूत्राशय और यकृत को प्रभावित करता है।
· लीशमैनियासिस: सैंडफ्लाई के काटने से फैलता है, जो त्वचा या आंतरिक अंगों को प्रभावित करता है।