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Blog / 21 Jul 2025

भारतीय नौसेना ने आईएनएस निस्तार को किया कमीशन

संदर्भ:
18 जुलाई को भारतीय नौसेना ने विशाखापट्टनम के नौसेना डॉकयार्ड में आईएनएस निस्तार को कमीशन किया, जो भारत की गहरे समुद्र में बचाव क्षमताओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से निर्मित, निस्तार दो डाइविंग सपोर्ट वेसल्स (DSVs) में से एक है जिसे विशेष रूप से पानी के भीतर फंसे पनडुब्बी कर्मचारियों को बचाने जैसे जटिल मिशनों को अंजाम देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

आईएनएस निस्तार की प्रमुख विशेषताएं:

  • विशेष डाइविंग कॉम्प्लेक्स जिसमें एयर और सैचुरेशन डाइविंग सिस्टम शामिल हैं।
  • पानी के नीचे खोज के लिए रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (ROVs) और साइड-स्कैन सोनार सिस्टम।
  • 15 टन की सबसी क्रेन, जो उपकरण उठाने और बचाव कार्यों में सहायक है।
  • आईसीयू, ऑपरेशन थिएटर और हाइपरबैरिक मेडिकल यूनिट्स सहित ऑनबोर्ड अस्पताल सुविधाएँ, जो गोताखोरों और बचाए गए लोगों के इलाज के लिए हैं।
  • डीएसआरवी (Deep Submergence Rescue Vehicle) के संचालन के लिए तैयार मदरशिपकी भूमिका इससे बचाव सबमर्सिबल को तुरंत लॉन्च और रिकवर किया जा सकता है।

INS Nistar

रणनीतिक महत्व:

  • संचालनात्मक तैयारी में वृद्धि: निस्तार और इसकी सहयोगी जहाज़ निपुण भारत की पनडुब्बी संचालन तैयारी को और मजबूत करेंगे, जिससे आपात स्थितियों में तेज प्रतिक्रिया संभव होगी।
  • समुद्री सुरक्षा: निस्तार की तैनाती हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में भारत की समुद्री रणनीति को और सुदृढ़ बनाती है और इसे एक विश्वसनीय 'फर्स्ट रिस्पॉन्डर' के रूप में स्थापित करती है।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग: भारत ने दुनिया भर में पनडुब्बी बचाव सेवाएँ देने और आपात स्थिति में मदद करने का संकल्प लिया है, जिससे वैश्विक स्तर पर भारत की छवि और सहयोग की भावना मजबूत होती है।

समुद्री सुरक्षा पर प्रभाव:

  • तेज़ प्रतिक्रिया: निस्तार की उच्च गति आपातकाल में जल्दी पहुँच सुनिश्चित करती है, जिससे संकट की घड़ी में बचाव समय कम हो जाता है।
  • मानवीय सहायता एवं आपदा राहत: इस जहाज की क्षमताएँ नौसेना द्वारा की जाने वाली मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) गतिविधियों में अहम भूमिका निभाएंगी।
  • वैश्विक समुद्री सुरक्षा: निस्तार के साथ, भारत अब वैश्विक समुद्री सुरक्षा में अधिक प्रभावी योगदान देने में सक्षम है और यह भारत की बढ़ती नौसैनिक क्षमताओं और क्षेत्रीय साझेदारी के अनुरूप है।

निष्कर्ष:

जैसे-जैसे जल के नीचे के मिशन और अधिक जटिल और जोखिम भरे होते जा रहे हैं, आईएनएस निस्तार सुनिश्चित करता है कि भारत हर चुनौती के लिए तैयार है वह भी तेज़ी, दक्षता और संवेदनशीलता के साथ। चाहे वह पनडुब्बी कर्मचारियों को बचाना हो, मानवीय मिशन में सहायता देना हो या किसी अन्य देश की मदद करना हो निस्तार समुद्र की गहराई में भारत के दूत के रूप में खड़ा है, जो वैश्विक समुद्री सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराता है।