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Blog / 01 Nov 2025

नौरादेही अभयारण्य: मध्य प्रदेश में भारत का तीसरा चीता आवास | Dhyeya IAS

सन्दर्भ:
हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की कि नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य राज्य में कुनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधी सागर अभयारण्य के बाद चीतों का तीसरा घर बनेगा।

नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य के बारे में:
मध्य प्रदेश के सागर और दमोह जिलों में स्थित नौरादेही राज्य का सबसे बड़ा वन्यजीव अभयारण्य है, जो लगभग 1,200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।
इसमें शुष्क पतझड़ी वनों, घास के मैदानों और झाड़ियों का मिश्रित परिदृश्य है, जो चीतों के लिए उपयुक्त आवास प्रदान करता है, ठीक उनके मूल अफ्रीकी आवासों के समान।
यह अभयारण्य पहले से ही चीतल, काला हिरन (ब्लैकबक), नीलगाय और जंगली सूअर जैसी प्रजातियों का घर है, जो चीतों के लिए प्राकृतिक शिकार के रूप में कार्य कर सकती हैं।

प्रोजेक्ट चीता के बारे में:
भारत में कभी व्यापक रूप से पाए जाने वाले चीते को अत्यधिक शिकार और आवास विनाश के कारण 1952 में आधिकारिक रूप से विलुप्त घोषित किया गया था।

·         सितंबर 2022 में प्रोजेक्ट चीता के तहत भारत ने नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका के सहयोग से मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (श्योपुर) में आठ अफ्रीकी चीतों को पुनः बसाया।

·         बाद में गांधी सागर अभयारण्य को दूसरा पुनर्वास स्थल के रूप में चिन्हित किया गया, ताकि कुनो पर जनसंख्या दबाव कम हो और नए आवास विकसित किए जा सकें।

·         अब नौरादेही अभयारण्य का समावेश इस महत्वाकांक्षी पहल का और विस्तार है, जिसका उद्देश्य भारत में कई भौगोलिक रूप से फैले हुए चीता समूह स्थापित करना है, जिससे उनकी दीर्घकालिक जीवंतता (viability) सुनिश्चित की जा सके।

मुख्य उद्देश्य:

·         चीतों को शीर्ष शिकारी (top predator) के रूप में पुनर्स्थापित करना ताकि शिकार प्रजातियों की जनसंख्या का स्वास्थ्य और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखा जा सके।

·         भारत में चीता जनसंख्या स्थापित करके वैश्विक संरक्षण प्रयासों में योगदान देना।

·         इको-टूरिज्म (पर्यावरण पर्यटन) के माध्यम से स्थानीय समुदायों के लिए राजस्व उत्पन्न करना और वन्यजीवों के साथ सह-अस्तित्व को बढ़ावा देना।

चीते के बारे में:
चीते दुनिया के सबसे तेज़ स्थलीय प्राणी हैं, जो 120 किलोमीटर प्रति घंटा की गति तक दौड़ सकते हैं।

·         संचार (Communication): अन्य बड़ी बिल्लियों की तरह यह दहाड़ते नहीं हैं; बल्कि ये ऊँची-ध्वनि वाली चहचहाहट (chirp) और भौंकने जैसी आवाज़ें निकालते हैं।

·         शिकार (Hunting): ये अपने अर्ध-सिकुड़ने वाले पंजों (semi-retractable claws) से विशेष ट्रिपिंग तकनीकका उपयोग करके शिकार को गिराते हैं।

·         संरक्षण स्थिति:

o    आईयूसीएन: असुरक्षित (Vulnerable) श्रेणी में सूचीबद्ध।

o    CITES: Appendix I में सूचीबद्ध।

o    भारत: वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-II में शामिल।

निष्कर्ष:
नौरादेही अभयारण्य का भारत के तीसरे चीता आवास के रूप में स्थापित होना देश की संरक्षण यात्रा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उचित आवास प्रबंधन, वैज्ञानिक निगरानी और सामुदायिक भागीदारी के साथ, मध्य प्रदेश शीघ्र ही भारत का चीता राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है यह न केवल खोई हुई प्रजातियों को पुनर्स्थापित करने, बल्कि पारिस्थितिक संतुलन पुनर्स्थापन के भारत के व्यापक दृष्टिकोण को भी सशक्त बनाता है।