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Blog / 27 Jun 2025

नाटो का नया रक्षा व्यय लक्ष्य

संदर्भ:

नाटो के सदस्य देश रक्षा व्यय में बढ़ोतरी की योजना को मंजूरी देने के पक्ष में हैं। हेग (The Hague) में होने वाले शिखर सम्मेलन में सदस्य राष्ट्र एक नई नीति को मंजूरी मिलने की उम्मीद है, जिसके तहत हर सदस्य देश को 2035 तक अपनी जीडीपी (GDP) का 5% रक्षा और सुरक्षा से जुड़ी चीज़ों पर खर्च करना होगा। यह लक्ष्य 2014 में निर्धारित मौजूदा 2% के लक्ष्य की तुलना में काफी अधिक है।

नए खर्च की रूपरेखा:

यह बदलाव बढ़ते सुरक्षा खतरों की ओर संकेत करता है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने यह आशंका बढ़ा दी है कि रूस भविष्य में नाटो के खिलाफ भी सैन्य कार्रवाई कर सकता है। नाटो के महासचिव मार्क रुट ने चेतावनी दी है कि रूस अगले पांच वर्षों के भीतर नाटो के खिलाफ सैन्य बल का उपयोग करने की स्थिति में आ सकता है।

नया रक्षा लक्ष्य दो भागों में विभाजित किया गया है:

  • 3.5% जीडीपी: सैन्य बल, हथियारों और उपकरणों जैसे मुख्य रक्षा खर्चों के लिए
  • 1.5% जीडीपी: व्यापक सुरक्षा निवेश के लिए, जिसमें आधारभूत संरचना का उन्नयन, साइबर सुरक्षा और ऊर्जा आपूर्ति की सुरक्षा शामिल है

इस नई नीति का उद्देश्य नाटो सेनाओं को आधुनिक खतरों और आपूर्ति श्रृंखला संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर तैयार करना है।

NATO’s New Defence Spending Target

खर्च की वर्तमान स्थिति और अनुमान:

2024 में नाटो देशों ने मुख्य रक्षा गतिविधियों पर 1.3 ट्रिलियन डॉलर से अधिक खर्च किया। यदि उस समय 3.5% जीडीपी का नया लक्ष्य लागू होता, तो यह खर्च बढ़कर लगभग 1.75 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाता। वहीं, पूरे 5% लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर वर्ष सैकड़ों अरब डॉलर अतिरिक्त खर्च करने होंगे।

वर्तमान में नाटो देशों के रक्षा खर्च में भारी अंतर है:

  • पोलैंड अपनी जीडीपी का 4% से अधिक रक्षा पर खर्च करता है।
  • स्पेन मात्र 1.3% खर्च करता है।

2024 में नाटो के 32 में से 22 सदस्य देश मौजूदा 2% लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहे।
अब सभी देशों को 2035 तक नए 5% लक्ष्य तक पहुंचना होगा, जिसकी पहली समीक्षा 2029 में की जाएगी। नाटो ने स्पष्ट किया है कि इस प्रक्रिया से कोई देश बाहर नहीं रह सकता।

अगर कोई देश निर्धारित लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाता, तो उससे यह अपेक्षा की जाएगी कि वह अपने रक्षा खर्च और क्षमताओं में सुधार करे।

 

यूरोपीय संघ की सहायता योजनाएं:

यूरोपीय संघ (EU) ने सदस्य देशों को रक्षा खर्च बढ़ाने में सहायता देने के लिए कुछ विशेष नीतियाँ लागू की हैं:

  • EU देशों को अगले चार वर्षों तक अपनी जीडीपी का प्रति वर्ष 1.5% तक रक्षा पर अतिरिक्त खर्च करने की अनुमति दी गई है, और इस अवधि में उन पर बजट घाटे को लेकर कोई जुर्माना नहीं लगेगा।
  • इसके अलावा, 150 अरब यूरो का एक रक्षा कोष स्थापित किया गया है, जिससे सदस्य देशों को रक्षा परियोजनाओं के लिए ऋण (लोन) प्रदान किया जाएगा।

हालाँकि, कुछ देश ऋण के बजाय अनुदान (ग्रांट) की मांग कर रहे हैं, लेकिन जर्मनी और नीदरलैंड जैसे वित्तीय रूप से सतर्क देश अभी भी इस पर संयमित और सावधान रुख अपनाए हुए हैं।

दुनियाभर के खर्च की तुलना:

नया लक्ष्य तय करने के बावजूद, नाटो का खर्च रूस की तुलना में जीडीपी के हिसाब से अब भी कम है।

·         2024 में रूस ने सैन्य गतिविधियों पर अपनी जीडीपी का 7.1% खर्च किया, जो लगभग 149 अरब डॉलर था।

·         चीन, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रक्षा खर्च करने वाला देश है, उसने सिर्फ 1.7% जीडीपी खर्च की।

ज्यादातर नाटो देशों में रक्षा खर्च अभी भी उनके कुल सरकारी बजट का छोटा हिस्सा है:

·         इटली: 3.2%

·         फ्रांस: 3.6%

·         पोलैंड: 8.5%

जबकि रूस में 2023 में सैन्य खर्च पूरे बजट का लगभग 19% था।

निष्कर्ष:

यह महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव दर्शाता है कि नाटो अब बदलते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य को गंभीरता से लेते हुए अपनी सामूहिक रक्षा क्षमता को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, सदस्य देशों के सामने अब एक बड़ी चुनौती यह होगी कि वे रक्षा खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि करें और साथ ही अपने आर्थिक विकास और सामाजिक आवश्यकताओं के बीच संतुलन भी बनाए रखें।