संदर्भ:
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा आयोजित दो-दिवसीय आतंकवाद-रोधी सम्मेलन–2025 के दौरान देश का पहला संगठित अपराध नेटवर्क डेटाबेस (ओसीएनडी) लॉन्च किया। यह ऐतिहासिक पहल विभिन्न राज्यों में सक्रिय संगठित आपराधिक नेटवर्क की पहचान, जांच और उनके उन्मूलन की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण और दूरगामी परिवर्तन का संकेत देती है।
संगठित अपराध नेटवर्क डेटाबेस (ओसीएनडी) के बारे में:
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- ओसीएनडी एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित उन्नत विश्लेषणात्मक मंच है, जिसे विभिन्न राज्यों और एजेंसियों से संबंधित संगठित अपराध के डेटा को त्वरित रूप से जोड़ने, समेकित करने तथा उसका गहन विश्लेषण करने के उद्देश्य से विकसित किया गया है।
- यह राज्य पुलिस बल एवं ‘राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड’ के सहयोग से ‘राष्ट्रीय जांच एजेंसी’ द्वारा विकसित किया गया।
- ओसीएनडी एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित उन्नत विश्लेषणात्मक मंच है, जिसे विभिन्न राज्यों और एजेंसियों से संबंधित संगठित अपराध के डेटा को त्वरित रूप से जोड़ने, समेकित करने तथा उसका गहन विश्लेषण करने के उद्देश्य से विकसित किया गया है।
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मुख्य विशेषताएँ:
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- एकीकृत राष्ट्रीय भंडार: यह विभिन्न राज्यों से प्राप्त प्राथमिकी, आरोप पत्र, अपराधियों की फाइलें और अन्य आपराधिक रिकॉर्ड को एक ही खोज योग्य प्रणाली में जोड़ता है।
- तत्काल खुफिया जानकारी साझा करने की सुविधा: जांच एजेंसियाँ और प्रवर्तन संस्थान देशभर की जानकारी तुरंत प्राप्त कर सकते हैं।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित प्रश्न प्रणाली: अधिकारी सामान्य भाषा में प्रश्न पूछकर जटिल संगठित अपराध नेटवर्क और अपराधी प्रोफाइल का विश्लेषण कर सकते हैं।
- बायोमेट्रिक एवं फॉरेंसिक उपकरण: इसमें आवाज़ मिलान और उंगलियों के निशान से जुड़ा डेटा शामिल है, जिससे संदिग्धों की पहचान अधिक सटीक हो जाती है।
- केंद्रीय समन्वय व्यवस्था: राष्ट्रीय जांच एजेंसी केंद्रीय समन्वयक की भूमिका निभाते हुए सत्यापित और कार्रवाई-योग्य खुफिया सूचना का प्रसार सुनिश्चित करती है।
- एकीकृत राष्ट्रीय भंडार: यह विभिन्न राज्यों से प्राप्त प्राथमिकी, आरोप पत्र, अपराधियों की फाइलें और अन्य आपराधिक रिकॉर्ड को एक ही खोज योग्य प्रणाली में जोड़ता है।
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ओसीएनडी क्यों महत्वपूर्ण है?
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- ओसीएनडी से पूर्व संगठित अपराध से संबंधित खुफिया जानकारी विभिन्न राज्यों और एजेंसियों में बिखरी हुई थी, जिसका लाभ उठाकर अपराधी गिरोह प्रशासनिक सीमाओं के पार अपनी गतिविधियाँ संचालित करते थे।
- यह एकीकृत डेटाबेस इन संरचनात्मक खामियों को दूर करता है और देशभर में वास्तविक समय में उपयोगी एवं कार्रवाई-योग्य जानकारी उपलब्ध कराता है।
- राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड के माध्यम से विभिन्न रिकॉर्ड को जोड़कर ओसीएनडी पहले से अलग-अलग उपलब्ध डेटा को एक साझा विश्लेषणात्मक मंच पर लाता है, जिससे त्वरित प्रतिक्रिया, बेहतर समन्वय और गहन जांच संभव होती है।
- ओसीएनडी से पूर्व संगठित अपराध से संबंधित खुफिया जानकारी विभिन्न राज्यों और एजेंसियों में बिखरी हुई थी, जिसका लाभ उठाकर अपराधी गिरोह प्रशासनिक सीमाओं के पार अपनी गतिविधियाँ संचालित करते थे।
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महत्व और प्रभाव:
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- ओसीएनडी की शुरुआत पारंपरिक एवं बिखरी हुई पुलिसिंग व्यवस्था से आगे बढ़कर तकनीक आधारित तथा खुफिया जानकारी पर केंद्रित जांच प्रणाली की दिशा में एक निर्णायक कदम है। इससे अपेक्षा की जाती है कि:
- जांच प्रक्रियाओं में होने वाली देरी तथा सूचना की असमानता में कमी आएगी।
- विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा और वास्तविक समय में खतरे का आकलन संभव हो सकेगा।
- संगठित अपराध और आतंकवाद के वित्तपोषण के आपसी संबंधों की पहचान करने तथा उन्हें प्रभावी रूप से बाधित करने की क्षमता सुदृढ़ होगी।
- जांच प्रक्रियाओं में होने वाली देरी तथा सूचना की असमानता में कमी आएगी।
- ओसीएनडी की शुरुआत पारंपरिक एवं बिखरी हुई पुलिसिंग व्यवस्था से आगे बढ़कर तकनीक आधारित तथा खुफिया जानकारी पर केंद्रित जांच प्रणाली की दिशा में एक निर्णायक कदम है। इससे अपेक्षा की जाती है कि:
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संगठित अपराध के बारे में:
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- संगठित अपराध से तात्पर्य ऐसे सुनियोजित और लगातार किए जाने वाले आपराधिक कार्यों से है, जिन्हें किसी समूह द्वारा आर्थिक या भौतिक लाभ के उद्देश्य से अंजाम दिया जाता है। इनमें हिंसा, धमकी, दबाव, भ्रष्टाचार और अन्य अवैध तरीकों का उपयोग शामिल है। ये गतिविधियाँ अक्सर भौगोलिक और प्रशासनिक सीमाओं को पार करती हैं और सिस्टमैटिक योजना एवं समन्वय के माध्यम से संचालित होती हैं।
- भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 111 के अनुसार, संगठित अपराध को निरंतर अवैध गतिविधि के रूप में परिभाषित किया गया है। इसमें अपहरण, लूट, साइबर अपराध, मानव तस्करी, मादक पदार्थ, हथियार या अन्य अवैध वस्तुओं की तस्करी शामिल हैं, जिन्हें किसी समूह द्वारा मिलकर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आर्थिक लाभ के उद्देश्य से अंजाम दिया जाता है।
- संगठित अपराध से तात्पर्य ऐसे सुनियोजित और लगातार किए जाने वाले आपराधिक कार्यों से है, जिन्हें किसी समूह द्वारा आर्थिक या भौतिक लाभ के उद्देश्य से अंजाम दिया जाता है। इनमें हिंसा, धमकी, दबाव, भ्रष्टाचार और अन्य अवैध तरीकों का उपयोग शामिल है। ये गतिविधियाँ अक्सर भौगोलिक और प्रशासनिक सीमाओं को पार करती हैं और सिस्टमैटिक योजना एवं समन्वय के माध्यम से संचालित होती हैं।
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