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Blog / 21 Nov 2025

NFSA लाभार्थी सूची का शुद्धिकरण

संदर्भ:

हाल ही में भारत सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के अंतर्गत लगभग 2.25 करोड़ अयोग्य लाभार्थियों के नाम राशन कार्ड सूची से हटाए हैं। यह निर्णय उस समय लिया गया है जब सरकार मुफ़्त मासिक राशन योजना के तहत पात्र परिवारों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम नि:शुल्क अनाज प्रदान कर रही है।

अयोग्य लाभार्थियों को हटाने के कारण:

केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने कई श्रेणियों की पहचान की:

1. आय/संपत्ति मानदंड से अधिक रखने वाले लोग

     चार-पहिया वाहन के मालिक

     राज्य द्वारा तय मासिक आय-सीमा से अधिक आय वाले परिवार

     पंजीकृत कंपनियों के निदेशक

2. मृत व्यक्ति

     क्षेत्रीय स्तर की सत्यापन प्रक्रिया में ऐसे कई नाम मिले जो मृत्यु के बाद भी सूची में बने थे, जिन्हें हटा दिया गया।

3. केंद्रीय डेटाबेस में मिली डेटा विसंगतियाँ

     केंद्र ने संदिग्ध डेटा राज्यों को भेजा। राज्य सरकारों ने  सत्यापन के बाद ही नाम हटाए।

NFSA अधिनियम के विषय में:

    • यह प्रावधान वर्ष 2013 में लागू किया गया। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत देश की बड़ी आबादी को सब्सिडी वाले खाद्यान्न का अधिकार सुनिश्चित किया गया है। इसके अंतर्गत ग्रामीण जनसंख्या के 75% तथा शहरी जनसंख्या के 50% लोगों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से रियायती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराए जाते हैं।
    • कुल मिलाकर 813.5 मिलियन (81.35 करोड़) लोग इस अधिनियम के तहत आते हैं (जनगणना 2011 के आधार पर)
    • NFSA के अंतर्गत लाभार्थी दो श्रेणियों में आते हैं। पहली श्रेणी अंत्योदय अन्न योजना (AAY) है, जिसमेंसबसे गरीबपरिवार शामिल होते हैं। इन परिवारों को प्रति माह 35 किलोग्राम खाद्यान्न दिया जाता है।
    • दूसरी श्रेणी प्राथमिकता परिवार (PHH) की है, जिसमें राज्यों द्वारा चिन्हित कमजोर/गरीब परिवार शामिल होते हैं। इन्हें प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न प्रदान किया जाता है।

वर्तमान स्थिति:

     देशभर में 19 करोड़ से अधिक राशन कार्ड सक्रिय हैं और लगभग 5 लाख उचित मूल्य दुकानें (FPS) खाद्यान्न वितरण का कार्य कर रही हैं।

राज्य सरकारों की भूमिका:

     हालाँकि खाद्यान्न की खरीद और वितरण का संपूर्ण प्रबंधन केंद्र सरकार तथा भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा किया जाता है, लेकिन पात्र लाभार्थियों की पहचान करना, राशन कार्ड जारी करना, गलत या अयोग्य नामों को सूची से हटाना, और उचित मूल्य दुकानों (FPS) तक खाद्यान्न की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करनाये सभी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ राज्य सरकारों के अधीन होती हैं।

शुद्धिकरण का महत्व:

1. सब्सिडी के दुरुपयोग को रोकता है:

     खाद्य सब्सिडी सरकार के सबसे बड़े कल्याणकारी व्यय में से एक है। गैर-पात्र लाभार्थियों को हटाना वित्तीय रूप से आवश्यक कदम है।

2. वास्तविक गरीबों को शामिल करने का अवसर

     2.25 करोड़ नाम हटने के बाद अब लगभग 7.9 करोड़ वास्तविक पात्र लेकिन अब तक वंचित व्यक्तियों को NFSA प्रणाली में शामिल करने का अवसर मिलेगा, विशेष रूप से आकांक्षी जिलों और नए बने परिवारों में रहने वाले लाभार्थियों को इसका सीधा लाभ पहुंच सकेगा।

3. योजना की विश्वसनीयता बढ़ती है

     सही लाभार्थी सूची से NFSA पर जनता का भरोसा बढ़ता है और आधार प्रमाणीकरण, e-POS, रीयल-टाइम FPS मॉनिटरिंग जैसे डिजिटल सुधार और मजबूत होते हैं।

4. खाद्य सुरक्षा लक्ष्यों को मजबूती

     सबसे कमजोर समूह- महिला-प्रधान परिवार, वृद्धजन, भूमिहीन मजदूर, प्रवासी श्रमिक को स्थायी और विश्वसनीय खाद्य सुरक्षा मिलती है।

चिंताएँ:

1. वास्तविक गरीबों के गलत बहिष्करण का खतरा:

     जिन परिवारों के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं या जो दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों में रहते हैं, उनके नाम अनजाने में सूची से हट जाने की आशंका बनी रहती है।

2. 2011 की जनगणना पर निर्भरता:

     पुराने जनगणना डेटा के कारण वर्तमान जनसंख्या और खाद्यान्न आवश्यकता का सही आकलन नहीं हो पाता, जिससे कवरेज में असंतुलन पैदा होता है।

3. राज्यों में पात्रता मानदंडों की असमानता:

     NFSA राज्यों को पात्रता मानदंड तय करने की स्वतंत्रता देता है, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न राज्यों में अलग-अलग मानदंड लागू होते हैं और इससे लाभार्थी चयन में असमानता उत्पन्न होती है।

निष्कर्ष:

 लाभार्थियों की सूची का यह शुद्धिकरण खाद्य सब्सिडी प्रणाली को अधिक पारदर्शी, लक्षित और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। अयोग्य नाम हटने से वास्तविक गरीबों के लिए स्थान बनता है और योजना की विश्वसनीयता बढ़ती है। हालाँकि, गलत बहिष्करण, पुराने जनगणना डेटा, और राज्यों के भिन्न मानदंड जैसी चुनौतियाँ संकेत देती हैं कि निरंतर सुधार आवश्यक है। कुल मिलाकर, यह प्रक्रिया NFSA को अधिक न्यायसंगत और परिणामोन्मुख बनाती है।