होम > Blog

Blog / 03 Oct 2025

भारत सरकार ने रबी फसलों के लिए MSP में वृद्धि की घोषणा | Dhyeya IAS करंट अफेयर्स

संदर्भ:

1 अक्टूबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने वर्ष 2026-27 के विपणन सत्र के लिए सभी अधिसूचित रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने की मंजूरी दी। इस फैसले का उद्देश्य किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना और आवश्यक फसलों की खेती को प्रोत्साहित करना है।

प्रमुख रबी फसलों का एमएसपी:

प्रमुख रबी फसलों के लिए अनुमोदित एमएसपी इस प्रकार हैं:

    • गेहूँ: ₹2,585 प्रति क्विंटल (पिछले सत्र से ₹160 की बढ़ोतरी)
    • जौ: ₹2,150 प्रति क्विंटल (₹170 की बढ़ोतरी)
    • चना (ग्राम): ₹5,875 प्रति क्विंटल (₹225 की बढ़ोतरी)
    • मसूर (लेंटिल): ₹7,000 प्रति क्विंटल (₹300 की बढ़ोतरी)
    • सरसों और राई: ₹6,200 प्रति क्विंटल (₹250 की बढ़ोतरी)
    • सफ्लॉवर: ₹6,540 प्रति क्विंटल (₹600 की बढ़ोतरी)

एमएसपी में वृद्धि के पीछे तर्क:

    • किसानों को उचित और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना
    • दालों और तिलहनों की खेती को प्रोत्साहित करना
    • आवश्यक कृषि उत्पादों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना

किसानों के लिए निहितार्थ:

बढ़ी हुई एमएसपी से निम्नलिखित की उम्मीद है:

    • बेहतर लाभ मिलेगा और किसानों की आय का स्तर सुधरेगा
    • दालों और तिलहनों की खेती करने के लिए प्रेरणा मिलेगी, जो पोषण सुरक्षा के लिए जरूरी हैं
    • इन वस्तुओं के आयात पर निर्भरता कम होगी

Government Hikes Minimum Support Prices for Rabi crops for 2026-27  Marketing Season

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बारे में:

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर सरकार किसानों से कुछ निर्धारित फसलें खरीदने की गारंटी देती है। यह किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है, जिससे उन्हें अपने उत्पाद के लिए उचित मूल्य मिल सके और बाजार में कीमतों के उतार-चढ़ाव के कारण होने वाले नुकसान से बचाव हो।

एमएसपी की मुख्य विशेषताएँ:

·         सरकारी खरीद: एमएसपी वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर भारतीय खाद्य निगम (FCI) और अन्य राज्य सरकारी एजेंसियाँ किसानों से फसल खरीदती हैं।

·         CACP की सिफारिशें: एमएसपी तय करने के लिए कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) सिफारिशें करता है, जो कृषि मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है। यह आयोग उत्पादन लागत, बाजार की स्थिति और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं का मूल्यांकन करके उचित एमएसपी तय करता है।

o    आयोग मुख्य रूप से 23 फसलों के लिए एमएसपी सुझाता है, जिनमें 22 अधिसूचित फसलें और गन्ने के लिए लाभकारी व पारिश्रमिक मूल्य (FRP) शामिल हैं।

o    22 अधिसूचित फसलों में 14 खरीफ, 6 रबी और 2 वाणिज्यिक फसलें शामिल हैं। वर्तमान में कुल 25 फसलों के लिए एमएसपी घोषित किया जाता है, जिनमें तोरिया और बिना छिलके का नारियल भी शामिल हैं।

·         कानूनी दर्जा नहीं: एमएसपी किसानों की आय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन इसका कोई कानूनी आधार नहीं है। यदि बाजार भाव एमएसपी से कम हो जाए, तो सरकार पर यह बाध्यता नहीं है कि वह अनिवार्य रूप से फसल खरीदे। इसलिए, एमएसपी केवल एक दिशानिर्देश के रूप में काम करता है, न कि कानूनी रूप से लागू मूल्य के रूप में।