सन्दर्भ:
हाल ही में 13 अक्टूबर 2025 को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने लीप्स 2025 (Logistics Excellence, Advancement, and Performance Shield) पहल को औपचारिक रूप से लॉन्च किया। यह कार्यक्रम नई दिल्ली में प्रधानमंत्री गतिशक्ति (PM Gati Shakti) की चौथी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों के दौरान प्रारंभ किया गया।
लीप्स पहल 2025 के बारे में:
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- लीप्स 2025 एक राष्ट्रीय बेंचमार्किंग पहल है, जिसका उद्देश्य भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में उत्कृष्टता, नवाचार और नेतृत्व को मान्यता देना और उसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा के स्तर तक पहुंचाना है।
- लीप्स 2025, राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (National Logistics Policy 2022) और प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना की दृष्टि पर आधारित है। इसका लक्ष्य भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को अधिक कुशल, एकीकृत और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।
- यह पहल उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा लागू की जा रही है।
- इसने सस्टेनेबिलिटी (ESG), ग्रीन लॉजिस्टिक्स, पारदर्शिता और लचीलापन (Resilience) को लॉजिस्टिक्स तंत्र का मुख्य आधार बताया है।
- लीप्स 2025 एक राष्ट्रीय बेंचमार्किंग पहल है, जिसका उद्देश्य भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में उत्कृष्टता, नवाचार और नेतृत्व को मान्यता देना और उसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा के स्तर तक पहुंचाना है।
प्रधानमंत्री गतिशक्ति (PM Gati Shakti) के बारे में:
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- अक्टूबर 2021 में शुरू की गई प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना भारत की राष्ट्रीय मास्टर प्लान है, जिसका उद्देश्य मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के माध्यम से बुनियादी ढांचे के विकास को गति देना, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना और एकीकृत योजना के जरिए आर्थिक विकास को तेज करना है।
- यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसे भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (BISAG-N) ने विकसित किया है।
- इसमें 16 मंत्रालयों के डेटा को भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) टूल्स और इसरो की उपग्रह इमेजरी के माध्यम से एकीकृत किया गया है, जिससे विभागों के बीच समन्वय और रियल-टाइम प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग संभव होती है।
- अक्टूबर 2021 में शुरू की गई प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना भारत की राष्ट्रीय मास्टर प्लान है, जिसका उद्देश्य मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के माध्यम से बुनियादी ढांचे के विकास को गति देना, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना और एकीकृत योजना के जरिए आर्थिक विकास को तेज करना है।
मुख्य उद्देश्य एवं विशेषताएँ:
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- विभिन्न विभागों के बीच साइलो मानसिकता को तोड़कर परियोजनाओं का सामंजस्यपूर्ण और समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करना।
- रेलवे, सड़क, बंदरगाह, जलमार्ग, हवाई अड्डे, सार्वजनिक परिवहन और लॉजिस्टिक्स अवसंरचना के बीच निर्बाध संपर्क स्थापित करना।
- लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार कर लागत घटाना और भारतीय उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना।
- औद्योगिक कॉरिडोर, रक्षा कॉरिडोर, और टेक्सटाइल क्लस्टर जैसे आर्थिक क्षेत्रों का एकीकृत विकास।
- विभिन्न विभागों के बीच साइलो मानसिकता को तोड़कर परियोजनाओं का सामंजस्यपूर्ण और समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करना।
प्रधानमंत्री गतिशक्ति के छह स्तंभ (Six Pillars):
1. समग्रता (Comprehensiveness) – बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का 360° दृष्टिकोण।
2. प्राथमिकता (Prioritization) – मंत्रालयों के बीच समन्वय और रणनीतिक आवश्यकताओं के आधार पर प्राथमिकताएँ तय करना।
3. सर्वोत्तमकरण (Optimization) – सबसे लागत-प्रभावी मार्गों और तरीकों का चयन करना।
4. समन्वय (Synchronization) – समन्वित कार्रवाई के माध्यम से समयबद्ध निष्पादन।
5. विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण (Analytical) – स्थानिक और डेटा-आधारित निर्णय लेने वाले उपकरणों का उपयोग।
6. गतिशीलता (Dynamic) – रियल-टाइम अपडेट और बदलती आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलन क्षमता।
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के बारे में:
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (NLP 2022) का शुभारंभ भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा 17 सितंबर 2022 को किया गया था। इसका उद्देश्य भारत में एक एकीकृत, लागत-कुशल और सतत लॉजिस्टिक्स पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
भारत की लॉजिस्टिक्स लागत ऐतिहासिक रूप से GDP का 14–18% रही है, जो वैश्विक औसत 8% से कहीं अधिक है।
मुख्य उद्देश्य:
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- 2030 तक लॉजिस्टिक्स लागत को GDP के 8% तक लाना।
- विश्व बैंक की लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक (LPI) में भारत की रैंकिंग को 2030 तक शीर्ष 25 में लाना (2018 में 44वें से 2023 में 38वें स्थान पर सुधार हुआ)।
- डेटा-आधारित निर्णय प्रणाली के माध्यम से लॉजिस्टिक्स दक्षता को बढ़ाना।
- निर्यात में वृद्धि के लिए लॉजिस्टिकल बाधाओं को कम करना।
- मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों को तेज़ी से वस्तुओं की आवाजाही के माध्यम से सशक्त करना।
- 2030 तक लॉजिस्टिक्स लागत को GDP के 8% तक लाना।
निष्कर्ष:
लीप्स 2025 पहल का शुभारंभ भारत सरकार द्वारा लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में उत्कृष्टता को संस्थागत रूप देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल मान्यता, बेंचमार्किंग, ESG मानकों और नवाचार को एक साथ जोड़कर भारत के लॉजिस्टिक्स परिदृश्य को रूपांतरित करने का लक्ष्य रखती है। इसकी सफलता राज्यों की सक्रिय भागीदारी, नीतिगत समन्वय, और दक्षता, पारदर्शिता व स्थायित्व में ठोस सुधारों पर निर्भर करेगी।
