सन्दर्भ:
हाल ही में नाइजीरिया में लासा फीवर का गंभीर प्रकोप सामने आया है। अब तक 18 राज्यों में 717 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 138 लोगों की मृत्यु हुई है। वर्तमान मृत्यु दर 19.2% है, जो 2024 की इसी अवधि के दौरान दर्ज की गई 18% दर से अधिक है।
लासा फीवर के बारे में:
लासा फीवर एक तीव्र वायरल बीमारी है, जो लासा वायरस के कारण होती है। यह वायरस पहली बार 1969 में नाइजीरिया के लासा शहर में पाया गया था। यह बीमारी नाइजीरिया, सिएरा लियोन, गिनी और लाइबेरिया जैसे पश्चिमी अफ्रीकी देशों में सामान्य है।
बीमारी से जुड़ी मुख्य जानकारियाँ:
· स्रोत: लासा वायरस का प्रमुख स्रोत एक विशेष प्रकार का चूहा है जिसे मल्टीमैमेट रैट (Mastomys natalensis) कहा जाता है। यह प्रजाति पश्चिम अफ्रीका में बड़ी संख्या में पाई जाती है।
· मृत्यु दर: सामान्य परिस्थितियों में लासा फीवर से मृत्यु दर लगभग 1% होती है, लेकिन अस्पताल में भर्ती मरीजों और विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं के मामले में यह दर अधिक हो जाती है।
· लक्षण: लगभग 80% संक्रमित व्यक्तियों में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते। जिनमें लक्षण होते हैं, उनमें बुखार, गले में खराश, उल्टी, सीने में दर्द जैसे सामान्य लक्षणों के साथ-साथ गंभीर मामलों में आंतरिक रक्तस्राव और अंग विफलता जैसी जटिलताएँ भी हो सकती हैं।
प्रभावित जनसंख्या और संक्रमण का स्वरूप:
• आयु वर्ग: लासा फीवर से सबसे अधिक प्रभावित होने वाला वर्ग 21 से 30 वर्ष के बीच के युवा वयस्क हैं। संक्रमित व्यक्तियों की औसत आयु लगभग 30 वर्ष पाई गई है।
• लिंग अनुपात: यह संक्रमण पुरुषों में थोड़ा अधिक पाया गया है। पुरुषों और महिलाओं के बीच संक्रमण का अनुपात लगभग 1:0.8 है।
संक्रमण के तरीके:
• मुख्य स्रोत: लासा वायरस मुख्य रूप से संक्रमित चूहों (मल्टीमैमेट रैट) के मूत्र या मल से दूषित भोजन, पानी या घरेलू वस्तुओं के संपर्क में आने से फैलता है। यह संक्रमण साँस के माध्यम से भी हो सकता है, जब व्यक्ति दूषित कणों को अनजाने में भीतर ले लेता है।
• मानव से मानव में संक्रमण: यह अपेक्षाकृत दुर्लभ है, लेकिन संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थों (जैसे रक्त, थूक, मूत्र आदि) या दूषित चिकित्सीय उपकरणों के संपर्क में आने से संक्रमण हो सकता है। इसलिए अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में सख्त संक्रमण नियंत्रण उपायों का पालन अत्यंत आवश्यक है।
चुनौतियाँ और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी चिंताएँ:
नाइजीरिया में लासा फीवर का बार-बार उभरना एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन गया है। इसके नियंत्रण में कई चुनौतियाँ सामने आती हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
· ग्रामीण और झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में स्वच्छता की कमी और चूहों की अत्यधिक संख्या
· प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी ढांचे की अपर्याप्तता
· उच्च जोखिम वाले समुदायों में रोग के प्रति जागरूकता का अभाव
· दूर-दराज और ग्रामीण इलाकों में त्वरित जांच और उपचार सुविधाओं की सीमित उपलब्धता
निष्कर्ष:
लासा फीवर नाइजीरिया और पूरे पश्चिमी अफ्रीका में एक गंभीर और सतत सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बना हुआ है। इससे प्रभावी ढंग से निपटने के लिए त्वरित, समन्वित और दीर्घकालिक प्रयास आवश्यक हैं। इसके अंतर्गत निगरानी तंत्र को सुदृढ़ करना, समुदायों में जागरूकता फैलाना और स्वास्थ्य सेवाओं की क्षमता में सुधार करना प्रमुख उपाय हैं। चूहों की संख्या पर नियंत्रण, जन शिक्षा, और प्रारंभिक पहचान व उपचार इस बीमारी के प्रसार को रोकने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।