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Blog / 26 Nov 2025

मलेरिया वैक्सीन तक आसान पहुँच के लिए अहम समझौता | Dhyeya IAS

संदर्भ:

हाल ही में वैक्सीन एलायंस (GAVI) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने एक ऐतिहासिक समझौते की घोषणा की है, जिसके तहत R21/Matrix-M मलेरिया वैक्सीन को पहले से कहीं अधिक सुलभ और किफ़ायती बनाया जाएगा। यह कदम लाखों बच्चों को इस घातक बीमारी से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण वैश्विक उपलब्धि माना जा रहा है।

समझौते की मुख्य विशेषताएँ:

1.      कीमत में कमी:

·        इस नए समझौते के तहत R21/Matrix-M मलेरिया वैक्सीन की कीमत लगभग US$ 4 प्रति डोज से घटाकर US$ 2.99 कर दी जाएगी और यह लगभग एक साल में लागू होगी।

·        इस कमी से आने वाले वर्षों में वैक्सीन एलायंस (GAVI) और भागीदारी देशों के लिए लगभग US$ 90 मिलियन की बचत होने का अनुमान है।

2.     वैक्सीन की आपूर्ति और कवरेज में वृद्धि:

·        कीमत घटने से हुई बचत का उपयोग अगले पाँच सालों में लगभग 30 मिलियन अतिरिक्त डोज़ उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा, जिससे अधिक बच्चों तक टीकाकरण पहुँच सकेगा।

3.     बाज़ार स्थिरता और दीर्घकालिक रणनीति:

·        यह समझौता केवल एक अस्थायी व्यापारिक लेन-देन नहीं है, बल्कि मलेरिया वैक्सीन के लिए एक स्थायी और प्रतिस्पर्धी बाज़ार बनाने में वैक्सीन एलायंस (GAVI) और UNICEF की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

·        यह वैक्सीन एलायंस (GAVI) के उस दीर्घकालिक लक्ष्य से भी जुड़ा है, जिसके तहत 2030 तक मलेरिया के खिलाफ 50 मिलियन और बच्चों को पूर्ण टीकाकरण देने का लक्ष्य रखा गया है।

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महत्व और प्रभाव:

·        समान पहुंच: वैक्सीन की कीमत कम होने से यह उन निम्नआय वाले देशों के लिए भी अधिक सुलभ हो जाएगी, जहाँ मलेरिया का बोझ भारी है और स्वास्थ्य बजट सीमित हैं।

·        स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूती: अतिरिक्त डोज़ उपलब्ध होने से अधिक बच्चों तक टीकाकरण पहुँच सकेगा और मलेरिया टीकाकरण को राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रमों में शामिल करने की संभावना मजबूत होगी।

·        वैश्विक स्वास्थ्य कूटनीति: यह समझौता बहुपक्षीय सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। एक वैश्विक गठबंधन (Gavi), संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UNICEF), वैक्सीन निर्माता (सीरम संस्थान) और वित्तीय तंत्र (IFFIm) मिलकर वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य को आगे बढ़ा रहे हैं।

मलेरिया के बारे में:

मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है, जो प्लास्मोडियम (Plasmodium) परजीवी के कारण होती है। यह मुख्य रूप से संक्रमित मादा एनोफिलीज़ मच्छर के काटने से मनुष्यों में फैलती है। यह बीमारी ज्यादातर उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती है। मलेरिया पूरी तरह रोका और ठीक किया जा सकता है, फिर भी यह आज भी एक बड़ी वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बना हुआ है।

कारक परजीवी (Causative Agents):

मनुष्यों में मलेरिया फैलाने वाली प्लास्मोडियम (Plasmodium) की पाँच प्रमुख प्रजातियाँ हैं:

·        पी. फ़ैल्सिपरमसबसे घातक प्रजाति, अफ्रीका में सबसे अधिक पाई जाती है।

·        पी. विवैक्सउप-सहारा अफ्रीका के बाहर प्रमुख प्रजाति।

·        पी. मलेरियाए

·        पी. ओवले

·        पी. नोलेसी / नोउलेसी

रोग का बोझ:

·        वैश्विक संक्रमण: 2023 में 263 मिलियन मामले दर्ज हुए, जो 2022 के 252 मिलियन मामलों से बढ़कर हैं।

·        मौतें: 2023 में लगभग 597,000 मौतें हुईं, जिनमें 76% मौतें पाँच वर्ष से कम उम्र के अफ्रीकी बच्चों में हुईं।

·        मुख्य प्रभावित देश: आधी से ज़्यादा मौतें चार देशों नाइजीरिया, कॉंगो गणराज्य (DRC), नाइजर और तंजानियामें हुई है।

WHO द्वारा स्वीकृत दो टीके:

·        R21/Matrix-Mऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और भारत के सीरम संस्थान द्वारा सह-विकसित, जिसमें नोवावैक्स के मैट्रिक्स-एम एडजुवेंट का उपयोग किया गया है।

·        RTS,S/AS01ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (जीएसके), PATH और अन्य साझेदारों द्वारा विकसित।