संदर्भ:
लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के वन्यजीव संरक्षण विभाग द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में क्षेत्र में 477 हिम तेंदुओं (Snow Leopards) की उपस्थिति का अनुमान लगाया गया है, जो भारत की कुल हिम तेंदुआ आबादी का लगभग 68% है। यह निष्कर्ष PLOS One पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि लद्दाख दुनिया के उन क्षेत्रों में से एक है जहाँ हिम तेंदुओं की सघनता सबसे अधिक है।
अध्ययन की मुख्य बातें:
जनसंख्या और वितरण-
अध्ययन ने 59,000 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में हिम तेंदुओं की आबादी का आकलन किया। इसके अनुसार यह प्रजाति लद्दाख की 47,500 वर्ग किलोमीटर से अधिक भूमि में पाई जाती है। यह वितरण निम्नलिखित पारिस्थितिक रूप से महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल करता है:
• हेमिस नेशनल पार्क
• कारगिल क्षेत्र
• लेह जिला
उच्च जनसंख्या घनत्व के कारण-
लद्दाख में हिम तेंदुओं की अधिक संख्या के पीछे कई पारिस्थितिक और सामाजिक-सांस्कृतिक कारण हैं:
• पारिस्थितिक संसाधन: यह क्षेत्र समृद्ध अल्पाइन घासभूमि, मध्यम जलवायु और प्रचुर मात्रा में शिकार उपलब्धता जैसे संसाधनों से परिपूर्ण है, जो हिम तेंदुओं की स्थिर आबादी बनाए रखने में सहायक हैं।
• मानवों के साथ सह-अस्तित्व: आश्चर्यजनक रूप से, लद्दाख के 61% हिम तेंदुओं को मानव बस्तियों के समीप देखा गया। यह सह-अस्तित्व की उच्च दर असामान्य है और यह समुदाय की सक्रिय भागीदारी व संघर्ष प्रबंधन की प्रभावी रणनीतियों को दर्शाती है।
• सांस्कृतिक और आर्थिक कारण: लद्दाख की स्थानीय जनता वन्यजीवों के प्रति सांस्कृतिक श्रद्धा रखती है, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएँ कम होती हैं। इसके अलावा, हिम तेंदुओं पर आधारित पार्यटन (ईको-टूरिज्म) स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ देता है, जिससे संरक्षण के प्रयासों को बल मिलता है। संघर्ष प्रबंधन व जागरूकता कार्यक्रमों ने भी इस संतुलन को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हिम तेंदुए के बारे में (Panthera uncia):
हिम तेंदुआ दक्षिण और मध्य एशिया के उच्च पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र की प्रमुख प्रजाति है। इसका विस्तार 12 देशों में है, जिनमें भारत, चीन, नेपाल, पाकिस्तान, भूटान और मंगोलिया शामिल हैं।
हिम तेंदुए आमतौर पर 3,000 से 5,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित खड़ी और बीहड़ पर्वतीय क्षेत्रों में रहते हैं, जहाँ चट्टानें, खड़ी ढलानें और गहरी घाटियाँ होती हैं। ये एकाकी और संध्या व प्रातःकालीन गतिविधियों वाले प्राणी हैं।
भारत में हिम तेंदुए मुख्यतः निम्न क्षेत्रों में पाए जाते हैं:
• पश्चिमी हिमालय: जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम
• पूर्वी हिमालय: अरुणाचल प्रदेश
संरक्षण स्थिति और कानूनी सुरक्षा-
हिम तेंदुए वर्तमान में कई खतरों का सामना कर रहे हैं, जैसे आवास का क्षरण, शिकार, और मवेशियों के शिकार के कारण प्रतिशोध में मारे जाना। इन्हीं कारणों से उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्चतम संरक्षण प्रदान किया गया है:
• IUCN रेड लिस्ट: संकटग्रस्त (Vulnerable)
• CITES: परिशिष्ट I
• प्रवासी प्रजातियों पर सम्मेलन (CMS): परिशिष्ट I
• भारत का वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची I
यह जनसंख्या मूल्यांकन भारत के संरक्षण प्रयासों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह भविष्य की निगरानी के लिए वैज्ञानिक आधार प्रदान करता है और समुदाय-आधारित संरक्षण मॉडल की प्रभावशीलता को रेखांकित करता है। यह अध्ययन वैश्विक हिम तेंदुआ संरक्षण में लद्दाख के परिदृश्य के महत्व को भी उजागर करता है, जिससे यह जैव विविधता और पारिस्थितिकीय संतुलन के लिए एक रणनीतिक प्राथमिकता बन जाता है।