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Blog / 01 Nov 2025

केरल बना भारत का पहला राज्य जो अत्यंत गरीबी मुक्त | Dhyeya IAS

सन्दर्भ:
1 नवंबर 2025 को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य विधानसभा में आधिकारिक रूप से घोषणा की कि केरल, अत्यंत गरीबी (Extreme Poverty) से मुक्त होने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है।

अतिदरिद्र निर्मूलन परियोजना (Extreme Poverty Eradication Project, EPEP)के बारे में:
यह परियोजना 2021 में केरल सरकार द्वारा शुरू की गई थी, जिसका लक्ष्य नवंबर 2025 तक राज्य से अत्यंत गरीबी का पूर्ण उन्मूलन करना था।
पहचान प्रक्रिया के दौरान कुल 64,006 परिवारों (लगभग 1,03,099 व्यक्तियों) को अत्यंत वंचित स्थिति में जीवनयापन करने वाला पाया गया।

पहचान के लिए चार प्रमुख अभाव  संकेतक (deprivation indicators) अपनाए गए:

  • पर्याप्त भोजन की कमी,
  • खराब आवास या भूमिहीनता,
  • अपर्याप्त आय या आजीविका साधन,
  • खराब स्वास्थ्य स्थिति या स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता।

प्रत्येक पहचाने गए परिवार के लिए स्थानीय स्वशासन संस्थाओं (LSGIs) और महिलाओं के नेटवर्क कुडुंबश्री (Kudumbashree) द्वारा एक योजना तैयार की गई।

इन योजनाओं के अंतर्गत:

  • आवश्यक दस्तावेजों (जैसे आधार, राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, दिव्यांगजनों के लिए UDID) की व्यवस्था और स्वास्थ्य बीमा व सामाजिक सुरक्षा पेंशन जैसी मूलभूत सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना।
  • बच्चों की शिक्षा के लिए सहायता अध्ययन सामग्री, वित्तीय सहायता और भोजन की सुविधा ताकि उनकी पढ़ाई बाधित न हो।
  • बुनियादी ढांचा और संस्थागत सहायताघर निर्माण, भूमि आवंटन, मकान मरम्मत, आजीविका पहल (जैसे कुडुंबश्री की उज्जीवनम्योजना) और अन्य विभागीय कार्यक्रमों के माध्यम से सहायता।
  • परियोजना की निगरानी के लिए एक डिजिटल प्रबंधन सूचना प्रणाली विकसित की गई, जिससे प्रत्येक परिवार की प्रगति का नियमित रूप से ट्रैक किया जा सके।

इस उपलब्धि का महत्व:

  • राज्य स्तर पर अत्यंत गरीबी के उन्मूलन की उपलब्धि एक बड़ी नीतिगत सफलता है, जो यह दर्शाती है कि लक्षित कल्याण कार्यक्रम और सामुदायिक भागीदारी मिलकर लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।
  • यह पहल पारंपरिक गरीबी उन्मूलन से आगे बढ़कर उन अंतिम वंचित परिवारों पर केंद्रित है जो सामान्य कल्याण योजनाओं की पहुंच से बाहर रह गए थे।
  • यह संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (SDG)–1 रीबी का अंत” (No Poverty) के वैश्विक ढांचे से मेल खाती है, क्योंकि यह दिखाती है कि कोई राज्य स्तर की इकाई पूर्ण रूप से गरीबी को ख़त्म कर सकती है।
  • यह अन्य भारतीय राज्यों के लिए एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत करती है कि कैसे सूक्ष्म योजना, डेटा-आधारित पहचान और स्थानीय स्वशासन के माध्यम से समावेशी विकास प्राप्त किया जा सकता है।

निष्कर्ष:
केरल की अतिदरिद्र निर्मूलन परियोजना समाज में सबसे अधिक वंचित वर्गों को उन्नत करने का एक साहसिक और केंद्रित प्रयास है। राज्य द्वारा स्वयं को भारत का पहला अत्यंत गरीबी-मुक्तराज्य घोषित करना एक ऐतिहासिक नीतिगत उपलब्धि है। हालांकि असली चुनौती अब दीर्घकालिक स्थिरता, पूर्ण समावेशन और इस मॉडल की अन्य राज्यों में पुनरावृत्ति (replicability) सुनिश्चित करने में निहित है।