सन्दर्भ:
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय (MEA) ने हाल ही में वर्ष 2024 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में भारत की प्रमुख कूटनीतिक पहलों और उपलब्धियों को दर्शाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत की विदेश नीति ने “ऊर्जावान और व्यावहारिक” दृष्टिकोण अपनाते हुए वैश्विक परिस्थितियों के बीच राष्ट्रीय हितों को मजबूती से आगे बढ़ाया।
मुख्य बिंदु:
1. वैश्विक चुनौतियाँ:
वर्ष 2024 में विश्व को आर्थिक अस्थिरता, जलवायु परिवर्तन और विभिन्न संघर्षों जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। ऐसे समय में भारत ने अपने कूटनीतिक प्रयासों को मजबूती से जारी रखा।
2. वैश्विक दक्षिण (Global South) की आवाज:
भारत ने विकासशील देशों की चिंताओं को वैश्विक मंचों पर प्रमुखता से उठाया और वैश्विक शासन संस्थाओं में सुधार की मांग की।
1. द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहभागिता:
- भारत ने संयुक्त राष्ट्र, G20, G7, क्वाड (Quad), एससीओ और ब्रिक्स जैसे मंचों पर सक्रिय भागीदारी निभाई।
- G20 ट्रोइका (भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका) के तहत सामाजिक समावेशन, ऊर्जा संक्रमण और संस्थागत सुधार को प्राथमिकता दी गई।
- भारत की अध्यक्षता के बाद अफ्रीकी संघ को G20 का स्थायी सदस्य बनाना एक बड़ी उपलब्धि रही।
2. वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ सम्मेलन:
- भारत ने तीसरे “वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ सम्मेलन” की मेज़बानी वर्चुअली की।
- 123 देशों के 173 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
- “वैश्विक विकास संधि (Global Development Compact)” का प्रस्ताव दिया गया, जिसमें व्यापार, तकनीकी साझेदारी, कौशल विकास और वित्तीय सहयोग जैसे मुद्दे शामिल थे।
3. वैश्विक शिखर सम्मेलनों में भारत की भागीदारी:
- भारत ने इटली में हुए G7 सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भाग लिया।
- चर्चा के मुख्य विषय थे: तकनीकी शासन, डिजिटल बदलाव और समावेशी विकास।
- भारत ने इंसानों को केंद्र में रखते हुए तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सहयोग के लिए उपयोग करने पर ज़ोर दिया।
आतंकवाद और वित्तीय अपराधों के खिलाफ प्रयास:
- भारत ने आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग को मज़बूत किया।
- फ्रांस, कज़ाखस्तान, ऑस्ट्रेलिया और क्वाड देशों के साथ आतंकवाद विरोधी कार्य समूहों में भागीदारी बढ़ाई गई।
- FATF मूल्यांकन में भारत को मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग और प्रसार वित्त रोकने में उच्च स्तर की सफलता मिली।
मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR):
भारत ने संकट के समय "विश्वसनीय पहले प्रत्युत्तर देने वाला" (First Responder) होने की भूमिका निभाई:
- ऑपरेशन इंद्रवती: हैती में अशांति के बीच भारतीयों को सुरक्षित निकाला गया।
- कुवैत में मानवीय एयरलिफ्ट: 45 मृत भारतीयों के शव स्वदेश लाए गए।
- ऑपरेशन सद्भाव: म्यांमार में तूफान से आई बाढ़ के बाद राहत सामग्री भेजी गई।
- 20 से अधिक देशों को मानवीय सहायता दी गई।
- सीरिया को कैंसर रोधी दवाएं और फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के साथ राहत सामग्री पहुंचाई गई।
- ओमान के पास डूबे जहाज से 9 नाविकों को बचाने के लिए संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।
निष्कर्ष:
वर्ष 2024 में भारत की विदेश नीति ने राष्ट्रहित और वैश्विक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाए रखा। बहुपक्षीय नेतृत्व से लेकर मानवीय मदद तक, भारत ने “जिम्मेदार वैश्विक भागीदार” के रूप में अपनी भूमिका को और मजबूत किया। विदेश मंत्रालय की यह रिपोर्ट भारत की स्थिर कूटनीति और न्यायपूर्ण वैश्विक व्यवस्था की ओर उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।