संदर्भ:
हाल ही में भारत सरकार ने एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) परियोजना के क्रियान्वयन मॉडल को मंजूरी दे दी है। यह एक पाँचवीं पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया जा रहा है।
एएमसीए के बारे में:
एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) भारत का पहला स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया पाँचवीं पीढ़ी का स्टील्थ (रडार से बचने में सक्षम) लड़ाकू विमान है। इसका विकास एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा किया जा रहा है, और इसका निर्माण प्रतिस्पर्धात्मक ढंग से भारतीय कंपनियों द्वारा किया जाएगा, जिनमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) प्रमुख भूमिका निभाएगी।
एएमसीए परियोजना 'आत्मनिर्भरता' (Atmanirbharta) के तहत रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने की एक बड़ी पहल का हिस्सा है। इस पहल में शामिल हैं:
- तेजस Mk1/Mk2
- LCA नेवी
- स्टील्थ ड्रोन कार्यक्रम
- मिसाइल प्रणालियाँ जैसे MPATGM और VSHORAD
एएमसीए परियोजना की प्रमुख विशेषताएँ:
- विमान की संरचना: एएमसीए एक 25 टन वजनी, दो इंजन वाला अत्याधुनिक लड़ाकू विमान होगा, जिसमें उन्नत स्टील्थ तकनीक होगी, जिससे यह दुश्मन के रडार की पकड़ में आने से बच सकेगा।
- आंतरिक ईंधन क्षमता: इसमें एक बड़ा आंतरिक ईंधन टैंक होगा, जो लगभग 6.5 टन तक ईंधन ले सकेगा, जिससे विमान की स्टील्थ क्षमता प्रभावित नहीं होगी।
- आंतरिक हथियार प्रणाली: एएमसीए में हथियारों को उसके भीतर (बेली) छिपा कर ले जाने की व्यवस्था होगी, जिससे विमान की रडार पर पकड़ और भी कम हो जाएगी।
- इंजन: एएमसीए Mk1 संस्करण में 90 kN श्रेणी के मौजूदा अमेरिकी GE-414 इंजन का उपयोग किया जाएगा, जबकि Mk2 संस्करण में DRDO द्वारा विकसित किया जा रहा 110 kN क्षमता का स्वदेशी इंजन लगाया जाएगा।
पाँचवीं पीढ़ी की प्रमुख विशेषताएँ:
- स्टील्थ डिजाइन, आंतरिक हथियार प्रणाली और कम रडार दृश्यता
- AI आधारित ‘इलेक्ट्रॉनिक पायलट’ जो रियल टाइम निर्णय ले सके
- सेंसर फ्यूज़न तकनीक से बेहतर स्थिति की जानकारी
- सुपरक्रूज़ क्षमता (बिना आफ्टरबर्नर के सुपरसोनिक उड़ान)
- नेट-सेंट्रिक वॉरफेयर सिस्टम, जो UAV जैसे अन्य उपकरणों के साथ तालमेल बैठाए
- एकीकृत वाहन स्वास्थ्य निगरानी (IVHM) से रखरखाव की सटीक जानकारी
एएमसीए की तुलना:
विशेषता |
एएमसीए (भारत) |
F-35 (अमेरिका) |
Su-57 (रूस) |
J-20 (चीन) |
स्टील्थ |
हाँ |
हाँ |
आंशिक |
हाँ |
थ्रस्ट |
90–110 kN |
~191 kN |
~147 kN x 2 |
गोपनीय (~150 kN x 2) |
सुपरक्रूज़ |
योजना में |
हाँ |
हाँ |
बताया गया है |
एवियोनिक्स |
उन्नत + AI पायलट |
उन्नत + MADL |
सामान्य |
उन्नत |
आंतरिक हथियार क्षमता |
~1,500 किग्रा |
~8,160 किग्रा |
~2,200 किग्रा |
~1,500–2,000 किग्रा |
स्थिति |
विकासाधीन |
सेवा में |
सीमित सेवा में |
सेवा में |
प्रमुख ताकत |
स्वदेशी + AI |
स्टील्थ + अंतरसंचालनीयता |
अत्यधिक गतिशीलता |
लंबी दूरी की मिसाइलें |
परियोजना का महत्व:
एएमसीए परियोजना भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल करेगी, जो पाँचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों का विकास और संचालन करने में सक्षम हैं। यह परियोजना न केवल भारत की सैन्य शक्ति को सशक्त बनाएगी, बल्कि एयरोस्पेस क्षेत्र में तकनीकी आत्मनिर्भरता को भी महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ाएगी। इस विमान के विकास पर लगभग ₹15,000 करोड़ की लागत आने का अनुमान है और कैबिनेट की मंजूरी के पाँच वर्षों के भीतर इसकी पहली परीक्षण उड़ान होने की संभावना है।
निष्कर्ष:
एएमसीए परियोजना के कार्यान्वयन मॉडल को मिली मंजूरी, भारत के पाँचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह कदम न केवल देश की रक्षा क्षमताओं को नई ऊँचाई देगा, बल्कि स्वदेशी तकनीक के विकास और रणनीतिक आत्मनिर्भरता को भी मजबूती प्रदान करेगा।