होम > Blog

Blog / 05 May 2025

भारत का निर्यात FY 2024–25 में रिकॉर्ड $824.9 बिलियन पर पहुँचा

सन्दर्भ:

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है कि वित्तीय वर्ष 2024–25 में देश का कुल निर्यात बढ़कर रिकॉर्ड $824.9 बिलियन तक पहुँच गया। यह पिछले वर्ष के $778.1 बिलियन की तुलना में 6.01% की वृद्धि दर्शाता है।

FY 2024–25 में भारत के निर्यात प्रदर्शन की प्रमुख झलकियाँ

श्रेणी

FY 2024–25

FY 2023–24

वृद्धि (%)

कुल निर्यात

$824.9 बिलियन

$778.1 बिलियन

+6.01%

सेवाओं का निर्यात

$387.5 बिलियन

$341.1 बिलियन

+13.6%

गैर-पेट्रोलियम वस्तु निर्यात

$374.1 बिलियन

$352.9 बिलियन

+6.0%

कुल वस्तु निर्यात

$437.4 बिलियन

$433.9 बिलियन

+0.08%

इंजीनियरिंग सामान

$116.67 बिलियन

$109.3 बिलियन

+6.74%

निर्यात में बढ़ोतरी के कारण:

1. सेवाएं (Services):

सेवा क्षेत्र में भारत के निर्यात में सबसे बड़ा योगदानकर्ता बना हुआ है, जो कुल निर्यात का लगभग 47% हिस्सा है। इस क्षेत्र की सेवाएं जैसे:

  • सूचना प्रौद्योगिकी (IT)
  • बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट (BPM)
  • वित्तीय सेवाएं
  • यात्रा और पर्यटन

इनमें 13.6% की वृद्धि हुई है और कुल $387.5 बिलियन तक पहुँच गई हैं। यह दिखाता है कि भारत डिजिटल अर्थव्यवस्था, फिनटेक और आउटसोर्सिंग जैसे क्षेत्रों में एक वैश्विक सेवा केंद्र बनता जा रहा है।

2. गैर-पेट्रोलियम वस्तु निर्यात:

हालाँकि कुल वस्तु निर्यात में बहुत मामूली वृद्धि (केवल +0.08%) हुई है, लेकिन गैर-पेट्रोलियम वस्तुओं के निर्यात में 6.0% की वृद्धि दर्ज की गई है। प्रमुख उत्पाद जो इसमें शामिल हैं:

  • इंजीनियरिंग सामान (रिकॉर्ड $116.67 बिलियन)
  • इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकॉम उपकरण
  • दवाइयाँ
  • वस्त्र और परिधान

यह बदलाव दिखाता है कि भारत अब पारंपरिक कच्चे माल के निर्यात से हटकर उच्च मूल्य वाले औद्योगिक उत्पादों की ओर बढ़ रहा है।

बाहरी मांग का योगदान:

भारत के निर्यात में आई तेज़ी का एक महत्वपूर्ण कारण है विश्व भर में भारतीय उत्पादों और सेवाओं की बढ़ती माँग। विशेष रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों में भारत के निर्यात को नया बल मिला है:

  • अमेरिका
  • यूरोपीय संघ
  • दक्षिण पूर्व एशिया
  • मध्य पूर्व और अफ्रीका

भारत की एक्ट ईस्ट और नेबरहुड फर्स्ट जैसी विदेश नीति पहलों और नए व्यापार समझौतों ने नए बाजारों तक पहुँच बनाने में मदद की है।

भारत के प्रमुख निर्यात गंतव्य:

शीर्ष वस्तु निर्यात देश:

1.        अमेरिका

2.      संयुक्त अरब अमीरात (UAE)

3.      नीदरलैंड

4.      चीन

5.      सिंगापुर

रणनीतिक महत्व:

FY25 का निर्यात प्रदर्शन कई राष्ट्रीय रणनीतियों के अनुरूप है:

  • विदेश व्यापार नीति 2023, जिसका लक्ष्य 2030 तक $2 ट्रिलियन निर्यात का है।
  • उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI), जो इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयों आदि के निर्यात को बढ़ावा देती है।
  • ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस, डिजिटल व्यापार सुविधा और पीएम गति शक्ति जैसी योजनाएँ, जो बंदरगाह और लॉजिस्टिक्स में सुधार ला रही हैं।

इन सुधारों से भारतीय निर्यातक वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूत हो रहे हैं और व्यापार में आसानी बढ़ रही है।

आगे की चुनौतियाँ:

हालांकि तस्वीर सकारात्मक है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ बनी हुई हैं:

  • वैश्विक महंगाई और भू-राजनीतिक तनाव (विशेष रूप से पश्चिम एशिया और यूरोप में)
  • आपूर्ति शृंखला में व्यवधान
  • कुछ देशों में बढ़ती व्यापार संरक्षण नीति और शुल्क बाधाएँ

निष्कर्ष:

वित्तीय वर्ष 2024–25 में $824.9 बिलियन का रिकॉर्ड निर्यात यह दर्शाता है कि भारत अब एक वैश्विक व्यापार शक्ति बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। सेवा क्षेत्र की तेज़ बढ़त और औद्योगिक उत्पादों की विविधता भारत की आर्थिक मजबूती और लचीलापन का संकेत है।