संदर्भ:
हाल ही में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने 'सेरेबो' नामक एक पोर्टेबल निदान उपकरण लॉन्च किया है, जिसे दर्दनाक मस्तिष्क चोटों (TBI) की त्वरित पहचान के लिए विकसित किया गया है।
पृष्ठभूमि:
· भारत में सिर की चोटों की दर विश्व में सबसे अधिक है, जहाँ प्रति वर्ष 1,00,000 से अधिक मृत्यु एवं दस लाख से अधिक गंभीर चोटों के मामले दर्ज किए जाते हैं।
· इन मामलों में दर्दनाक मस्तिष्क चोटें (TBI) प्रमुख भूमिका निभाती हैं, जिनमें लगभग 50% मौतें चोट लगने के पहले दो घंटों के भीतर होती हैं।
· इसके बावजूद, देश के अनेक ग्रामीण क्षेत्रों और आपातकालीन स्थितियों में सीटी स्कैन एवं एमआरआई जैसे उन्नत नैदानिक उपकरणों की उपलब्धता सीमित है।
सेरेबो के बारे में:
· भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), चिकित्सा उपकरण एवं निदान मिशन सचिवालय (MDMS), एम्स भोपाल, निमहांस बेंगलुरु और बायोस्कैन रिसर्च के सहयोग से विकसित यह नवोन्मेषी उपकरण विशेष रूप से ग्रामीण और आपातकालीन स्थितियों में मस्तिष्क चोटों के त्वरित, सुलभ और किफायती निदान की आवश्यकता को पूरा करता है।
· यह उपकरण मशीन लर्निंग एल्गोरिद्म द्वारा संचालित अवरक्त स्पेक्ट्रोस्कोपी (Near-Infrared Spectroscopy) तकनीक का उपयोग करता है, जो एक मिनट से भी कम समय में अंतःकपालीय रक्तस्राव (Intracranial Hemorrhage) एवं मस्तिष्क सूजन का पता लगाने में सक्षम है।
· इस उपकरण को नैदानिक सत्यापन, बहु-केंद्रीय परीक्षणों तथा नियामक अनुमोदनों की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा है, जिससे न केवल भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में इसका व्यापक उपयोग संभव हुआ है, बल्कि आपदा प्रबंधन एवं सैन्य चिकित्सा के क्षेत्र में इसके संभावित वैश्विक उपयोग का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है।
प्रमुख विशेषताएँ:
· यह विकिरण-मुक्त है, जिससे यह शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित रहता है।
· पैरामेडिक्स या अकुशल उपयोगकर्ताओं को इसे संचालित करने के लिए केवल 30 मिनट का न्यूनतम प्रशिक्षण आवश्यक होता है।
· त्वरित प्राथमिकता निर्धारण और निर्णय लेने में सहायता के लिए रंग-कोडित परिणाम (Color-coded results) प्रदान करता है।
· यह बिजली या बड़े बुनियादी ढांचे पर निर्भर नहीं करता, जिससे दूर-दराज़ और संसाधनहीन क्षेत्रों में भी इसका उपयोग संभव है।
· इसे एम्बुलेंस, ट्रॉमा सेंटर, ग्रामीण क्लीनिक और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया जा सकता है।
यह उपकरण उन स्थानों पर निदान के अंतर को प्रभावी रूप से कम करंता है, जहाँ सीटी स्कैन और एमआरआई जैसे उन्नत साधन उपलब्ध नहीं हैं या महंगे हैं।
सेरेबो के लाभ:
1. त्वरित और शीघ्र निदान:
-
- मस्तिष्क रक्तस्राव जैसी जानलेवा स्थितियों का शीघ्र पता लगाने में सहायक, जिससे रोगी की जान बचाई जा सकती है।
- “गोल्डन आवर” के दौरान यह उपकरण महत्वपूर्ण होता है, जब समय पर त्वरित चिकित्सीय हस्तक्षेप अत्यंत आवश्यक होता है।
- मस्तिष्क रक्तस्राव जैसी जानलेवा स्थितियों का शीघ्र पता लगाने में सहायक, जिससे रोगी की जान बचाई जा सकती है।
2. दूरस्थ क्षेत्रों में पहुँच:
-
- ग्रामीण भारत के लिए आदर्श, जहाँ इमेजिंग बुनियादी ढाँचा सीमित या न के बराबर है।
- तृतीयक देखभाल केंद्र तक मरीजों के परिवहन के दौरान एम्बुलेंस कर्मियों द्वारा भी इसे आसानी से संचालित किया जा सकता है।
- ग्रामीण भारत के लिए आदर्श, जहाँ इमेजिंग बुनियादी ढाँचा सीमित या न के बराबर है।
3. लागत-कुशलता:
-
- सीटी/एमआरआई स्कैन की तुलना में काफ़ी सस्ता।
- बड़े अस्पतालों और महंगे बुनियादी ढाँचे पर निर्भरता कम करता है।
- सीटी/एमआरआई स्कैन की तुलना में काफ़ी सस्ता।
4. आपातकालीन कक्षों में ट्राइएज सहायता:
-
- डॉक्टरों को रोगियों की प्राथमिकता निर्धारण में मदद करता है, जिससे भीड़भाड़ वाले ट्रॉमा सेंटरों में निदान का बोझ कम होता है।
- डॉक्टरों को रोगियों की प्राथमिकता निर्धारण में मदद करता है, जिससे भीड़भाड़ वाले ट्रॉमा सेंटरों में निदान का बोझ कम होता है।
निष्कर्ष:
CEREBO दर्दनाक मस्तिष्क चोटों के निदान और उपचार में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह पोर्टेबल उपकरण इंट्राक्रैनील रक्तस्राव और सूजन का त्वरित, सुरक्षित और विकिरण-मुक्त पता लगाने में सक्षम है। इससे आपातकालीन देखभाल और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की पहुँच बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।