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Blog / 22 Sep 2025

भारत–कनाडा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की सुरक्षा सहयोग पर वार्ता

संदर्भ:

18 सितंबर 2025 को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने नई दिल्ली में अपने कनाडाई समकक्ष नथाली जी. ड्रूइन से मुलाकात की। यह बैठक 2023 से चले आ रहे राजनयिक गतिरोध के बाद दोनों देशों के संबंधों को सुधारने के प्रयासों का हिस्सा थी।

प्रमुख निष्कर्ष:

·         सुरक्षा पर सहयोग: दोनों पक्षों ने आतंकवाद-रोधी सहयोग को मज़बूत करने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध के विरुद्ध मिलकर कार्य करने और खुफिया जानकारी साझा करने की प्रक्रिया को और सुदृढ़ करने का निर्णय लिया।

·         विश्वास पुनर्निर्माण: दोनों देशों के वरिष्ठ नेतृत्व स्तर पर विश्वास बहाली की स्पष्ट गति दिखाई दे रही है। दोनों राष्ट्र अपने द्विपक्षीय संबंधों के लिए नए अध्यायकी ओर सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहते हैं।

·         मौजूदा तंत्र और संवाद: दोनों देशों ने नए ढाँचे खड़े करने के बजाय मौजूदा सुरक्षा संवाद तंत्र (जैसे नियमित उच्च-स्तरीय बैठकें और कार्य-स्तरीय सहयोग) को मज़बूत करने का निर्णय लिया। इन वार्ताओं में पहले के प्रधानमंत्री स्तर के संवाद (विशेष रूप से जून 2025 में जी7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और कनाडा के पीएम मार्क कार्नी की मुलाकात) की प्रगति की भी समीक्षा की गई।

पृष्ठभूमि:

2023 में कनाडा ने यह आरोप लगाया था कि भारतीय सरकार के एजेंट सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल थे। भारत ने इन दावों को कड़े शब्दों में खारिज किया। इस राजनयिक विवाद में दोनों देशों के राजनयिकों का निष्कासन, भारतीय उच्चायुक्त की वापसी और विभिन्न द्विपक्षीय संवादों का ठप पड़ना शामिल था।

India, Canada NSAs hold talks in New Delhi to boost security cooperation

निहितार्थ:

·         बेहतर सुरक्षा सहयोग: मज़बूत खुफिया जानकारी साझा करना और अंतरराष्ट्रीय अपराध नेटवर्कों के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई दोनों देशों को आतंकवाद, उग्रवाद और अवैध नेटवर्क जैसी चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगी।

·         राजनयिक संबंधों में सुधार: उच्चायुक्तों की पुनर्बहाली और नियमित राजनयिक चैनलों की सक्रियता से तनाव कम होगा और गलतफहमियाँ घटेंगी।

·         व्यापार और आर्थिक अवसर: विश्वास बहाल होने के साथ व्यापार वार्ताएँ और रणनीतिक सहयोग (जैसे महत्वपूर्ण खनिज, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा इत्यादि) फिर से शुरू या तेज़ हो सकते हैं।

भारतकनाडा संबंधों के बारे में:

भारत और कनाडा ऐतिहासिक रूप से जुड़े हैं और उनके बीच 19वीं शताब्दी में राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे। दोनों राष्ट्र राष्ट्रमंडल और जी20 के सदस्य हैं। 2023 में दोनों देशों के बीच व्यापार $9.36 बिलियन तक पहुँचा।

·         भारत की स्वतंत्रता के बाद कनाडा ने विशेष रूप से कोलंबो योजना के माध्यम से विकास सहायता में भूमिका निभाई। हालाँकि, 1974 में भारत के परमाणु परीक्षण (जिसमें कनाडाई रिएक्टर का इस्तेमाल हुआ) के बाद संबंध बिगड़ गए। 1985 में कनाडा में स्थित खालिस्तानी उग्रवादियों द्वारा किया गया एयर इंडिया बम विस्फोट भी रिश्तों पर गंभीर आघात था।

·         1990 के दशक में आर्थिक उदारीकरण ने रुचि को पुनर्जीवित किया और 2010 का परमाणु सहयोग समझौता प्रगति का प्रतीक बना। फिर भी, कनाडा द्वारा खालिस्तानी समूहों के प्रति कथित उदारता समय-समय पर बड़े अवरोध के रूप में सामने आती रही।

·         चुनौतियों के बावजूद, मज़बूत प्रवासी भारतीय समुदाय और आर्थिक संबंध विश्वास बहाली और दीर्घकालिक सहयोग के अवसर बनाए रखते हैं।

निष्कर्ष:

भारत और कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के प्रति नई प्रतिबद्धता का संकेत है। सुरक्षा सहयोग को मज़बूत कर और संवाद तंत्र को पुनः सक्रिय कर दोनों देश विश्वास निर्माण और व्यापार, ऊर्जा तथा आतंकवाद-रोधी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहते हैं। यह विकास दोनों देशों के संबंधों पर सकारात्मक प्रभाव डालने की उम्मीद है और नए सहयोग व विकास के अवसर खोल सकता है।