सन्दर्भ:
हाल ही में एक उच्च स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सऊदी अरब के साथ उर्वरकों, रसायनों, स्वास्थ्य और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से समझौते किये है। पिछले एक दशक में भारत और सऊदी अरब के बीच ऊर्जा, निवेश और व्यापार के क्षेत्र में रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी गहराई है। उर्वरक भारत की कृषि सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि देश घरेलू मांग पूरी करने के लिए काफी हद तक आयात पर निर्भर है।
उर्वरक आपूर्ति से जुड़े मुख्य समझौते:
11 से 13 जुलाई के बीच दमाम और रियाद में हुई तीन दिवसीय यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए:
· सऊदी अरब की मादेन कंपनी और भारत की इंडियन पोटाश लिमिटेड (IPL), कृभको (KRIBHCO) और CIL जैसी कंपनियों के बीच दीर्घकालिक समझौते हुए।
· इन समझौतों के तहत 2025-26 से हर साल 31 लाख मीट्रिक टन DAP (डायअमोनियम फॉस्फेट) उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
· ये समझौते पांच वर्षों के लिए वैध हैं, जिन्हें आपसी सहमति से और पांच वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है।
उर्वरक आपूर्ति में बढ़ोतरी:
· 2023-24 में भारत ने सऊदी अरब से 16 लाख मीट्रिक टन DAP आयात किया था।
· 2024-25 में यह बढ़कर 19 लाख मीट्रिक टन हो गया, जो 17% की वृद्धि है।
· नया समझौता वर्तमान आपूर्ति को लगभग दोगुना कर देता है, जिससे भारत की उर्वरक सुरक्षा में उल्लेखनीय सुधार होगा।
· दोनों पक्षों ने यूरिया जैसे अन्य उर्वरकों में भी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
निवेश और अनुसंधान सहयोग:
· दोनों देशों ने एक-दूसरे के उर्वरक क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने पर सहमति जताई।
· एक संयुक्त टीम बनाई गई है जो दीर्घकालिक सहयोग पर काम करेगी। यह टीम भारत की ओर से उर्वरक सचिव और सऊदी अरब की ओर से खनन मामलों के उप मंत्री के नेतृत्व में कार्य करेगी।
· प्राथमिकता वाले क्षेत्र होंगे: भारत के लिए विशेष उर्वरक तैयार करना और वैकल्पिक उर्वरकों पर अनुसंधान को बढ़ावा देना।
आर्थिक साझेदारी को मजबूती:
प्रतिनिधिमंडल ने सऊदी उद्योग और ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और निम्न विषयों पर चर्चा की:
· रणनीतिक साझेदारी परिषद के तहत आर्थिक सहयोग का विस्तार।
· खनन और रसायन जैसे अन्य क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करना।
· दोनों देशों के बीच उर्वरक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने की पहल करना।
सऊदी अरब भारत को उर्वरक आपूर्ति करने वाला एक प्रमुख देश है, जिसमें Maaden अग्रणी कंपनी है।
स्वास्थ्य और फार्मा क्षेत्र में सहयोग:
· भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सऊदी स्वास्थ्य अधिकारियों से मेडिकल सेवाओं, फार्मास्यूटिकल्स, डिजिटल हेल्थ और ज्ञान आदान-प्रदान को लेकर चर्चा की।
· यह वार्ताएं प्रधानमंत्री की हाल की सऊदी यात्रा के दौरान हुए स्वास्थ्य समझौते पर आधारित थीं।
· दोनों देशों ने तकनीक के माध्यम से स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
निष्कर्ष:
यह सफल यात्रा भारत-सऊदी अरब संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दीर्घकालिक उर्वरक समझौते भारत की खाद्य सुरक्षा और किसानों को समर्थन देने के लिए आवश्यक उर्वरक स्थिरता सुनिश्चित करेंगे। साथ ही, स्वास्थ्य, फार्मा और डिजिटल नवाचार में सहयोग से नए अवसरों का सृजन होगा। यह साझेदारी आने वाले वर्षों में आर्थिक विकास और रणनीतिक सहयोग को मजबूती प्रदान करेगी।