संदर्भ:
हाल ही में, भारत को संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में आयोजित 28वें UPU कांग्रेस के दौरान सार्वभौमिक डाक संघ (UPU) की प्रशासन परिषद (CA) और डाक संचालन परिषद (POC) में पुनः निर्वाचित किया गया है।
पुनर्निर्वाचन का महत्व:
· वैश्विक मान्यता: दोनों परिषदों में भारत का पुनर्निर्वाचन सदस्य देशों के भारत के नेतृत्व और वैश्विक डाक शासन में उसकी बढ़ती भूमिका पर विश्वास को दर्शाता है।
· एशिया-प्रशांत प्रतिनिधित्व: भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र का प्रतिनिधित्व जारी रखते हुए UPU ढाँचे में विकासशील देशों की चिंताओं और प्राथमिकताओं को सामने रखता है।
· डाक आधुनिकीकरण: भारत की डाक सेवाओं के डिजिटलीकरण में प्रगति — जैसे इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB), इलेक्ट्रॉनिक मनी ऑर्डर और उन्नत पार्सल ट्रैकिंग — इसे डाक क्षेत्र में नवाचार का एक मॉडल बनाती है।
· रणनीतिक लाभ: यह मंच भारत को वैश्विक डाक नियमों के निर्माण, सीमा-पार मेल आदान-प्रदान को मज़बूत करने और ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स, साइबर सुरक्षा तथा डाक सेवाओं में पर्यावरणीय स्थिरता जैसी उभरती चुनौतियों पर सहयोग करने में सक्रिय योगदान करने का अवसर देता है।
सार्वभौमिक डाक संघ (UPU) के बारे में:
सार्वभौमिक डाक संघ (UPU) संयुक्त राष्ट्र की एक विशिष्ट एजेंसी है, जिसकी स्थापना 1874 में हुई थी। यह वैश्विक डाक नीतियों का समन्वय करता है, अंतरराष्ट्रीय मेल नियम तय करता है और सार्वभौमिक डाक सेवा सुनिश्चित करता है।
· इसका मुख्यालय बर्न, स्विट्ज़रलैंड में स्थित है और इसके 192 सदस्य देश हैं।
· यह अंतरराष्ट्रीय डाक सहयोग का प्रमुख मंच है, जो डाक उत्पादों और सेवाओं के वैश्विक नेटवर्क का समर्थन करता है तथा सदस्य देशों को तकनीकी सहायता प्रदान करता है।
· सार्वभौमिक डाक कांग्रेस (Universal Postal Congress) UPU की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है, जो हर चार वर्ष में मिलती है।
UPU की शासी निकायें:
प्रशासन परिषद (CA):
· चल रहे कार्यों की निगरानी करती है, गतिविधियों की देखरेख करती है और प्रशासनिक, विधायी तथा कानूनी मामलों को संभालती है।
· इसमें 41 सदस्य देश होते हैं, जिनमें पिछले कांग्रेस की मेजबानी करने वाला देश एक सीट रखता है और CA की अध्यक्षता करता है।
डाक संचालन परिषद (POC):
· यह एक तकनीकी और संचालन निकाय है, जो अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाओं के व्यावसायिक, संचालनात्मक और तकनीकी पहलुओं पर केंद्रित रहता है।
· इसमें 48 निर्वाचित सदस्य देश शामिल होते हैं।
निष्कर्ष:
सार्वभौमिक डाक संघ की प्रशासन परिषद और डाक संचालन परिषद में भारत का पुनर्निर्वाचन डाक सेवाओं के आधुनिकीकरण और वैश्विक डाक सहयोग में उसके योगदान की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। यह अंतरराष्ट्रीय नीति-निर्माण में भारत की आवाज़ को सशक्त बनाता है और प्रौद्योगिकी का उपयोग कर समावेशी विकास और कनेक्टिविटी के व्यापक दृष्टिकोण का समर्थन करता है।