संदर्भ:
हाल ही में भारत को अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) की काउंसिल में 2025–2028 की अवधि के लिए पुनः निर्वाचित किया गया। यह चुनाव 27 सितंबर 2025 को मॉन्ट्रियल, कनाडा में आयोजित 42वें आईसीएओ महासभा के दौरान संपन्न हुआ।
अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के बारे में:
अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक विशेष एजेंसी है, जिसकी स्थापना 1944 में अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन सम्मेलन (शिकागो कन्वेंशन) के तहत हुई थी।
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- इसका मुख्य उद्देश्य विश्व स्तर पर शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन के सुरक्षित, प्रभावी और व्यवस्थित विकास को बढ़ावा देना है।
- आईसीएओ में वर्तमान में 193 सदस्य राष्ट्र हैं, जो सभी शिकागो कन्वेंशन के हस्ताक्षरकर्ता हैं। इसका मुख्यालय मॉन्ट्रियल, कनाडा में स्थित है और यह अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीतियों और नियमों का वैश्विक समन्वय केंद्र है।
- इसका मुख्य उद्देश्य विश्व स्तर पर शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन के सुरक्षित, प्रभावी और व्यवस्थित विकास को बढ़ावा देना है।
आईसीएओ की शासन संरचना:
आईसीएओ महासभा संगठन का सर्वोच्च निकाय है, जिसमें सभी 193 सदस्य राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। यह हर तीन साल में वैश्विक नागरिक उड्डयन नीतियों पर चर्चा करने, मानक अपनाने और आईसीएओ काउंसिल के सदस्यों के चुनाव के लिए आयोजित होती है।
आईसीएओ के कार्य:
आईसीएओ अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन को आकार देने में निम्नलिखित प्रमुख भूमिकाएँ निभाता है:
· मानक और नियम निर्धारित करना: आईसीएओ अंतरराष्ट्रीय मानक और अनुशंसित प्रथाओं का निर्माण और कार्यान्वयन करता है, जो विमानन सुरक्षा, संचालन की दक्षता और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करते हैं। ये मानक सदस्य राज्यों को उनके नागरिक उड्डयन क्षेत्रों के नियमन में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
· विमानन सुरक्षा और सुरक्षा: संगठन विमानन सुरक्षा और अवैध हस्तक्षेप की रोकथाम के लिए वैश्विक प्रोटोकॉल स्थापित करता है, जिससे देशों को सुरक्षित हवाई क्षेत्र बनाए रखने और यात्रियों, विमानों व हवाई अड्डों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।
· सुविधाजनकता और आर्थिक विकास: आईसीएओ सीमा पार प्रक्रियाओं को सरल बनाने और विमानन बाजारों के उदारीकरण को बढ़ावा देने का कार्य करता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन की आर्थिक वृद्धि और कनेक्टिविटी में सुधार होता है।
· कानूनी ढांचा और सहयोग: संगठन अंतरराष्ट्रीय सहयोग का मंच प्रदान करता है, सदस्य राज्यों के बीच नागरिक उड्डयन मुद्दों पर संवाद को बढ़ावा देता है और सुरक्षित तथा व्यवस्थित विकास सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय विमानन कानूनों का निर्माण करता है।
आईसीएओ परिषद के बारे में:
आईसीएओ परिषद इस विशेष एजेंसी का संचालन करने वाला मुख्य निकाय है। इसमें 36 सदस्य राज्य शामिल होते हैं, जिन्हें तीन वर्ष की अवधि के लिए चुना जाता है। परिषद को तीन वर्गों में बांटा गया है:
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- भाग I: वे राज्य जो हवाई परिवहन में प्रमुख महत्व रखते हैं।
- भाग II: वे राज्य जो अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन सुविधाओं के विकास में सबसे बड़ा योगदान देते हैं।
- भाग III: वे राज्य जो भौगोलिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करते हैं।
- भाग I: वे राज्य जो हवाई परिवहन में प्रमुख महत्व रखते हैं।
भारत को भाग II में पुनः निर्वाचित किया गया है, जो अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन में उसके महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाता है।
वैश्विक विमानन में भारत की प्रतिबद्धता:
· अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा, सुरक्षा और स्थिरता को मजबूत करना।
· हवाई कनेक्टिविटी में समान विकास को बढ़ावा देना।
· तकनीक और नवाचार को आगे बढ़ाना।
· आईसीएओ की ''कोई देश पीछे न छूटे-No Country Left Behind" पहल का समर्थन करना।
निष्कर्ष:
भारत का मजबूत जनादेश के साथ पुनः निर्वाचित होना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के विश्वास और वैश्विक नागरिक उड्डयन को विकसित करने में उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आईसीएओ का संस्थापक सदस्य होने के नाते, भारत नीति, नियामक ढांचे और अंतरराष्ट्रीय विमानन मानकों को आकार देने में निरंतर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

