संदर्भ:
हाल ही में फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर की भारत यात्रा के दौरान भारत और फिलीपींस के बीच रणनीतिक साझेदारी को औपचारिक रूप दिया गया। यह यात्रा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण विकास रही, जिससे रक्षा, व्यापार, समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे क्षेत्रों में व्यापक सहयोग को बढ़ावा मिला।
राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर की भारत यात्रा की मुख्य विशेषताएँ:
1. रणनीतिक साझेदारी को औपचारिक रूप: दोनों देशों ने अपने संबंधों को औपचारिक रूप से रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक विकसित किया, जिससे रक्षा, व्यापार और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में दीर्घकालिक सहयोग को बल मिला।
2. समुद्री सुरक्षा और रक्षा वार्ता: रक्षा प्रौद्योगिकियों और सैन्य प्रशिक्षण में सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित एक मंत्रिस्तरीय रक्षा वार्ता को संस्थागत रूप दिया गया।
3. ब्रह्मोस सौदे का विस्तार: फिलीपींस ने ब्रह्मोस मिसाइल सौदे के विस्तार में अपनी रुचि की पुष्टि की, जिसमें उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों के संयुक्त उत्पादन और सह-विकास की संभावनाएँ शामिल हैं।
4. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग: भारत ने क्षेत्रीय सुरक्षा ढाँचे में आसियान की केंद्रीय भूमिका का समर्थन दोहराया और भारत ने दक्षिण चीन सागर पर 2016 के मध्यस्थ न्यायाधिकरण के फैसले के प्रति भी अपना अटूट समर्थन व्यक्त किया, जो फिलीपींस की क्षेत्रीय स्थिति के अनुरूप है।
5. व्यापार और आर्थिक प्रतिबद्धताएँ: दोनों देशों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने की प्रतिबद्धता जताई। कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, विशेष रूप से फार्मास्यूटिकल्स, डिजिटल भुगतान और हरित ऊर्जा के क्षेत्रों में, जो आर्थिक संबंधों को और मजबूत करेंगे।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
- भारत और फिलीपींस के बीच 1949 से राजनयिक संबंध रहे हैं। दशकों से, उनके संबंध साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, उपनिवेश-विरोधी विरासतों और समान भू-राजनीतिक चिंताओं से विकसित हुए हैं। भारत की "पूर्व की ओर देखो" (Look East) और बाद में "पूर्व की ओर कार्य करो" (Act East) नीति ने दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ उसके जुड़ाव को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा दिया है, और फिलीपींस इस दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में उभरा है।
व्यापार और आर्थिक संबंध:
भारत और फिलीपींस के बीच लंबे समय से आर्थिक संबंध रहे हैं। उनके औपचारिक व्यापार समझौते पर 1979 में हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन 1990 के दशक के अंत में, भारत की पूर्वोन्मुखी नीति के कारण, द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जाने लगी।
• 2009 में हस्ताक्षरित भारत-आसियान वस्तु व्यापार समझौते ने इस व्यापार संबंध को और गति दी।
• द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में पहली बार 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार कर गया, जो 2023-24 में 3.53 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया। भारत वर्तमान में फिलीपींस के साथ व्यापार अधिशेष की स्थिति में है।
निष्कर्ष:
भारत-फिलीपींस रणनीतिक साझेदारी का औपचारिक रूप उनके बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण विकास है। दोनों देश विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा सहयोग, व्यापार विस्तार और क्षेत्रीय स्थिरता के प्रयासों से लाभ उठाने की दिशा में अग्रसर हैं। चीन की समुद्री आक्रामकता को लेकर साझा चिंताओं और एक स्वतंत्र, खुली तथा नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था की साझा प्रतिबद्धता के साथ, भारत-फिलीपींस संबंध दक्षिण-पूर्व एशिया और उससे आगे के सुरक्षा परिदृश्य को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।