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Blog / 04 Jun 2025

पेराग्वे राष्ट्रपति की भारत यात्रा

संदर्भ:
हाल ही में पेराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पेलासियोज़
2 से 4 जून, 2025 तक भारत की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर रहे। यह पेराग्वे के किसी राष्ट्राध्यक्ष की दूसरी भारत यात्रा है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु-
स्वच्छ ऊर्जा और तकनीक में सेतु निर्माण

इस यात्रा की सबसे बड़ी उपलब्धि  यह रही कि भारत और पेराग्वे ने हरित हाइड्रोजन और जैव ईंधन (बायोफ्यूल) के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने का निर्णय लिया।

  • पेराग्वे के पास विशाल जलविद्युत संसाधन हैं, जबकि भारत नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग में वैश्विक अग्रणी है।
  • दोनों देश मिलकर निम्न-कार्बन भविष्य की दिशा में काम करने के लिए स्वाभाविक साझेदार हैं।

संबंधों को औपचारिक रूप देने के लिए, दोनों देशों ने एक संयुक्त आयोग तंत्र (Joint Commission Mechanism) स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह मंच नियमित संवाद और सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान के लिए कार्य करेगा।

वैश्विक मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण

भारत और पेराग्वे कई वैश्विक विषयों पर समान सोच रखते हैं, जैसे:

  • आतंकवाद और साइबर अपराध, नशीली दवाओं की तस्करी जैसे अंतरराष्ट्रीय खतरों का मुकाबला
  • जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ ऊर्जा की ओर संक्रमण
  • संयुक्त राष्ट्र सहित वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता

आर्थिक और व्यापारिक सहयोग का विस्तार

  • पेराग्वे लैटिन अमेरिका में भारत का उभरता हुआ महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार बन रहा है।
  • भारत की ऑटोमोबाइल और दवा कंपनियों की पेराग्वे में मौजूदगी बढ़ रही है, वहीं पेराग्वे की कंपनियां भी भारत में सक्रिय हो रही हैं।
  • कृषि तकनीक, स्वच्छ ऊर्जा, आधारभूत संरचना और उन्नत निर्माण (Advanced Manufacturing) जैसे क्षेत्रों में व्यापार बढ़ाने की संभावनाएं जताई गईं।

पेराग्वे: एक संक्षिप्त परिचय

  • स्थान: दक्षिण अमेरिका का एक स्थल-रुद्ध (Landlocked) देश, जिसकी सीमाएँ बोलीविया, ब्राज़ील और अर्जेंटीना से लगती हैं।
  • राजधानी: असुन्सियोन (Asunción), जो पेराग्वे नदी के किनारे स्थित है।

प्रमुख भौगोलिक विशेषताएँ:

  • पेराग्वे नदी देश को दो भागों में बाँटती है:
    • पूर्वी क्षेत्र (Región Oriental): उपजाऊ, अधिक वर्षा वाला और घनी आबादी वाला।
    • पश्चिमी क्षेत्र (चाको बोरेल): गर्म, शुष्क और कम जनसंख्या वाला।
  • नदी-तंत्र: पेराग्वे, पराना, पिलकोमायो और अपा नदियाँ।
  • झीलें और घाटियाँ: यपकाराई और यपोआ झीलें प्रसिद्ध हैं।
  • पहाड़ियाँ: अमंबाय, म्बराकायू और सैन राफाएल पर्वतमालाएँ।
  • जलवायु: पूर्वी भाग में आर्द्र उपोष्णकटिबंधीय जलवायु (1,400–1,650 मिमी वर्षा), जबकि पश्चिम में अर्ध-शुष्क (लगभग 760 मिमी वर्षा)।
  • ऊर्जा: पेराग्वे दुनिया के शीर्ष जलविद्युत निर्यातक देशों में है जो भारत के हरित ऊर्जा लक्ष्यों के लिए महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष:

राष्ट्रपति पेना की यह यात्रा भारत-पेराग्वे संबंधों के लिए महत्तवपूर्ण है। राजनीतिक इच्छाशक्ति, वैश्विक मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण और आर्थिक तालमेल के चलते यह साझेदारी बहुआयामी रूप ले रही है। स्वच्छ ऊर्जा, डिजिटल विकास और रणनीतिक व्यापार पर केंद्रित सहयोग के साथ, दोनों देश आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर महत्वपूर्ण साझेदार बनकर उभर सकते हैं।