सन्दर्भ:
भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए आधिकारिक रूप से विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का स्थान हासिल कर लिया है। देश की नाममात्र (Nominal) सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार कर गई है। यह घोषणा नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने "विकसित राज्य से विकसित भारत 2047" विषय पर आयोजित 10वीं नीति आयोग संचालन परिषद की बैठक के उपरांत एक प्रेस वार्ता में की।
मुख्य बिंदु:
· अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, भारत की नाममात्र (नॉमिनल) जीडीपी वित्त वर्ष 2025-26 में 4.187 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो जापान की अनुमानित जीडीपी से थोड़ी अधिक होगी।
· भारत में प्रति व्यक्ति आय पिछले एक दशक में लगभग दोगुनी हो गई है। 2013-14 में यह 1,438 अमेरिकी डॉलर थी, जो 2025 तक बढ़कर 2,880 अमेरिकी डॉलर होने की संभावना है।
· वैश्विक आर्थिक रैंकिंग: भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। इससे ऊपर केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी हैं।
· विकास पूर्वानुमान: भारतीय अर्थव्यवस्था के वित्त वर्ष 2025-26 में 6.2% की दर से वृद्धि करने का अनुमान है। यह वृद्धि मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों में निजी खपत में हो रही तेजी के कारण होगी, भले ही वैश्विक व्यापार में अनिश्चितताएं बनी रहें।
विज़न 2047: विकसित भारत के बारे में:
भारत का दीर्घकालिक आर्थिक लक्ष्य नीति आयोग के विज़न "विकसित राज्य से विकसित भारत @2047" में स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया गया है। इस विज़न का उद्देश्य है कि वर्ष 2047 तक, जब भारत अपनी स्वतंत्रता की शतवार्षिकी मनाएगा तब देश न केवल एक उच्च आय वाला राष्ट्र बने, बल्कि उसकी अर्थव्यवस्था 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के स्तर तक पहुंच जाए।
छह रणनीतिक स्तंभ:
1. व्यापक आर्थिक लक्ष्य और रणनीति
2. सशक्त नागरिक
3. समृद्ध और टिकाऊ अर्थव्यवस्था
4. तकनीक और नवाचार में नेतृत्व
5. वैश्विक नेतृत्व (विश्व बंधु)
6. सहायक तंत्र – शासन, सुरक्षा और न्याय प्रणाली
यह ढांचा भारत को नवाचार, समान विकास, मजबूत शासन और वैश्विक नेतृत्व के रूप में बदलने पर केंद्रित है।
उच्च आय वाले देश क्या होते हैं?
विश्व बैंक के अनुसार, जिन देशों की प्रति व्यक्ति वार्षिक आय 14,005 अमेरिकी डॉलर (2024-25) से अधिक होती है, उन्हें उच्च आय वाला देश माना जाता है। भारत का लक्ष्य है कि वह 2047 तक इस श्रेणी में शामिल हो जाए।
उच्च आय की स्थिति का मार्ग:
भारत को उच्च आय वाला देश बनने के लिए निरंतर और तीव्र आर्थिक वृद्धि की आवश्यकता होगी, जो निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों पर आधारित होगी:
· निजी खपत: विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में निजी उपभोग में वृद्धि, आर्थिक विकास की एक प्रमुख प्रेरक शक्ति बनेगी।
· नवाचार और प्रौद्योगिकी: वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बने रहने और तीव्र प्रगति सुनिश्चित करने के लिए भारत को नवाचार और आधुनिक तकनीकों को तेजी से अपनाना होगा।
· सतत विकास: आर्थिक प्रगति को पर्यावरणीय संरक्षण और सामाजिक समावेशन के साथ संतुलित करना अनिवार्य होगा, ताकि विकास दीर्घकालिक और समावेशी हो।
निष्कर्ष:
भारत का चौथी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनना, पिछले एक दशक में हुए व्यापक आर्थिक परिवर्तनों का सशक्त प्रमाण है। यह उपलब्धि न केवल भारत की वर्तमान आर्थिक क्षमता को दर्शाती है, बल्कि भविष्य में वैश्विक नेतृत्व की ओर उसके सतत प्रयासों को भी रेखांकित करती है। रणनीतिक सुधारों, समावेशी विकास और वर्ष 2047 तक के लिए निर्धारित स्पष्ट एवं दूरदर्शी रोडमैप के साथ, भारत 21वीं सदी में वैश्विक आर्थिक मंच पर एक अग्रणी शक्ति के रूप में उभरने की दिशा में दृढ़तापूर्वक अग्रसर है।