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Blog / 15 Nov 2025

भारत-नेपाल ने प्रमुख रेल और व्यापार संपर्क समझौता किया

संदर्भ:

भारत और नेपाल ने हाल ही में भारत-नेपाल पारगमन संधि के प्रोटोकॉल में संशोधन करते हुए विनिमय पत्र (एलओई) का आदान-प्रदान किया, जिससे रेल गलियारों के माध्यम से द्विपक्षीय व्यापार संपर्क में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।इस कदम से दोनों देशों के बीच रेल मार्ग से होने वाले व्यापारिक संपर्क में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है

समझौते के बारे में:

इस समझौते के तहत भारत के जोगबनी सीमा बिंदु से नेपाल के बिराटनगर तक सीधे रेल मार्ग से माल ढुलाई (कंटेनरयुक्त और बल्क दोनों प्रकार के कार्गो) की अनुमति दी गई है। साथ ही, नेपाल को कोलकाता और विशाखापट्टनम जैसे भारतीय बंदरगाहों तक अधिक सुगम और व्यापक पहुँच मिलेगी, जिससे उसका अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जुड़ाव और मजबूत होगा।

India, Nepal sign pact to expand rail trade corridors - The Tribune

संधि के प्रमुख प्रावधान:

    • जोगबनी (भारत)विराटनगर (नेपाल) रेल लिंक के माध्यम से कंटेनरयुक्त तथा थोक माल (Bulk Cargo) की आवाजाही की अनुमति प्रदान करता है। इसके साथ ही पारगमन गलियारों का विस्तार किया गया है:
      • कोलकाता जोगबनी विराटनगर
      • कोलकाता नौतनवा (सुनौली)
      • विशाखापट्टनम नौतनवा (सुनौली)
    • बल्क कार्गोकी परिभाषा को और अधिक उदार बनाया गया है, जिससे संशोधित प्रोटोकॉल के तहत अधिक प्रकार के माल के परिवहन की अनुमति मिलती है।
    • भारतीय पारगमन मार्गों के माध्यम से वैश्विक बाजारों तक नेपाल की पहुँच को मजबूत करता है और इस प्रक्रिया में भारतीय बंदरगाहोंकोलकाता और विशाखापत्तनमकी भूमिका को और अधिक सुदृढ़ बनाता है।

महत्व और प्रभाव:

    • व्यापार सुगमता: इस समझौते से नेपाल के लिए भारत के रास्ते आयात-निर्यात प्रक्रिया और अधिक तेज़, सरल और किफायती हो जाएगी।
    • गहरी आर्थिक साझेदारी: भारत तीसरे देशों के साथ नेपाल के व्यापार का प्रमुख मार्ग बनता जा रहा है, जिससे दोनों देशों के आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे।
    • पड़ोसी प्रथम नीति: यह समझौता भारत की पड़ोसी प्रथम' नीति (Neighbourhood First Policy) को दर्शाता है और नेपाल के विकास हेतु कनेक्टिविटी बढ़ाने की इच्छा को भी प्रकट करता है।
    • इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा: इस पहल से दोनों देशों के बीच रेल संपर्क, सीमा अवसंरचना और लॉजिस्टिक हब जैसे क्षेत्रों में आगे और तेजी से विकास की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं।
    • क्षेत्रीय सप्लाई चेन पर प्रभाव: जैसे-जैसे नेपाल अपने व्यापारिक मार्गों का विस्तार और विविधीकरण कर रहा है, भारत एक क्षेत्रीय ट्रांज़िट हब के रूप में और अधिक महत्वपूर्ण होता जा रहा है।

भारत-नेपाल पारगमन संधि के बारे में:

जून 2023 में संशोधित भारतनेपाल पारगमन संधि एक महत्वपूर्ण व्यवस्था है, जो नेपाल को भारतीय क्षेत्र और बंदरगाहों तक पारगमन की सुविधा प्रदान करके उसके अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सुगम बनाती है। यह संधि 1950 की शांति और मैत्री संधि के साथ मिलकर भारतनेपाल संबंधों की आधारभूत संरचना को मजबूत करती है, और व्यापार एवं कनेक्टिविटी को अधिक प्रभावी बनाने हेतु समय-समय पर इसमें आवश्यक संशोधन किए जाते रहे हैं।

निष्कर्ष:

नवंबर 2025 में भारत और नेपाल के बीच हुआ यह समझौता दोनों देशों की व्यापारिक कनेक्टिविटी को एक नए स्तर पर ले जाता है। नेपाल के लिए भारतीय बंदरगाहों और ट्रांज़िट मार्गों तक बेहतर पहुँच का मतलब है कम लागत और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक ज्यादा पहुँच। वहीं भारत के लिए यह समझौता क्षेत्र में उसकी भूमिका को एक प्रमुख ट्रांज़िट हब और भरोसेमंद साझेदार के रूप में और मजबूत करता है।