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Blog / 08 Sep 2025

भारत हेल्थएआई वैश्विक नियामक नेटवर्क में हुआ शामिल

संदर्भ:

हाल ही में भारत आधिकारिक रूप से हेल्थएआई ग्लोबल रेगुलेटरी नेटवर्क (GRN) में शामिल हो गया है। यह कदम स्वास्थ्य क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जिम्मेदार, सुरक्षित और प्रभावी उपयोग को बढ़ावा देने वाले वैश्विक प्रयास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

हेल्थएआई ग्लोबल रेगुलेटरी नेटवर्क (GRN) के बारे में:

हेल्थएआई GRN जेनेवा स्थित एक स्वतंत्र गैर-लाभकारी संस्था है, जो दुनियाभर के स्वास्थ्य नियामकों को एक साथ लाती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि स्वास्थ्य क्षेत्र में एआई तकनीकों का उपयोग सुरक्षित, नैतिक और प्रभावी ढंग से हो।

हेल्थएआई GRN जेनेवा स्थित एक स्वतंत्र, गैर-लाभकारी संगठन है। इसका उद्देश्य दुनियाभर के स्वास्थ्य नियामकों को एक साझा मंच पर लाना है, ताकि स्वास्थ्य क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीकों का उपयोग सुरक्षित, नैतिक और प्रभावी रूप से किया जा सके।

GRN के प्रमुख लक्ष्य:

·         एआई आधारित स्वास्थ्य नवाचारों में भरोसा और पारदर्शिता स्थापित करना,

·         साझा प्रोटोकॉल और संयुक्त निगरानी के ज़रिये सुरक्षा को सुदृढ़ बनाना,

·         वैश्विक सहयोग और नियमों के सामंजस्य (harmonization) से जिम्मेदार नवाचार को बढ़ावा देना,

·         पंजीकृत एआई स्वास्थ्य उपकरणों की वैश्विक निर्देशिका तैयार करना,

·         नई तकनीकों से जुड़े संभावित जोखिमों के बारे में समय रहते चेतावनी जारी करना।

GRN का मूल उद्देश्य है कि एआई तकनीकों तक न्यायसंगत और सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित हो तथा डिजिटल स्वास्थ्य उपकरणों के लिए एक भरोसेमंद वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) का निर्माण किया जा सके।

India Joins HealthAI Global Regulatory Network

जीआरएन में भारत की भूमिका:

·        भारत इस नेटवर्क में अपनी सर्वोत्तम प्रथाएँ (best practices), निगरानी प्रोटोकॉल और नियामक अनुभव साझा करेगा, ताकि स्वास्थ्य क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के सुशासन को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

·        इस राष्ट्रीय सहयोग का नेतृत्व आईसीएमआरएनआईआरडीएचडीएस (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य एवं डेटा विज्ञान अनुसंधान संस्थान) और INDIAai द्वारा किया जाएगा।

वैश्विक और राष्ट्रीय महत्व:

  •  भारत की भागीदारी ऐसे समय में हो रही है, जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) स्वास्थ्य सेवाओं में तीव्र गति से परिवर्तन ला रहा है, चाहे वह निदान (diagnostics) हो या उपचार योजना (treatment planning)। किंतु, एकीकृत और स्पष्ट नियमों के अभाव में डेटा गोपनीयता, एल्गोरिदमिक पक्षपात (bias) और रोगियों की सुरक्षा जैसी गंभीर चिंताएँ सामने आ रही हैं।
  • हेल्थएआई जीआरएन इन चुनौतियों से सामूहिक रूप से निपटने और समन्वित समाधान तलाशने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है।
  • भविष्य में जैसे-जैसे स्वास्थ्य क्षेत्र में एआई का विस्तार होगा, भारत की सक्रिय भागीदारी न केवल वैश्विक नियामक क्षमता को सुदृढ़ करेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि एआई-आधारित समाधान भारत की विशिष्ट स्वास्थ्य आवश्यकताओं और चुनौतियों के अनुरूप विकसित हों।

आईसीएमआर-एनआईआरडीएचडीएस के बारे में:

·         आईसीएमआरराष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य एवं डेटा विज्ञान अनुसंधान संस्थान (NIRDHDS), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), नई दिल्ली की 26 स्थायी संस्थाओं में से एक है।

·         इस संस्थान का नाम 10 अप्रैल 2024 को बदला गया था। इससे पहले यह राष्ट्रीय चिकित्सीय सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान (NIMS) के नाम से जाना जाता था।

·         NIRDHDS डिजिटल स्वास्थ्य और डेटा विज्ञान के क्षेत्र में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है। यह संस्थान महामारी विज्ञान, रोग निगरानी, पोषण, प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य (RCH), कैंसर तथा जनस्वास्थ्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान और नीतिगत सहयोग प्रदान करता है।

INDIAai के बारे में:

·         INDIAai की शुरुआत 2021 में एक प्रोजेक्ट के रूप में हुई थी।

·         2023 में इसे डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (DIC) के तहत एक स्वतंत्र व्यवसायिक प्रभाग (business division) के रूप में स्थापित किया गया।

·         यह भारत का केंद्रीकृत ज्ञान केंद्र  है, जहाँ आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और उससे संबंधित क्षेत्रों की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। यह पहल भारत में एआई को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

निष्कर्ष:

हेल्थएआई ग्लोबल रेगुलेटरी नेटवर्क (GRN) में भारत का शामिल होना, स्वास्थ्य क्षेत्र में वैश्विक एआई नेतृत्व की दिशा में एक दूरदर्शी और रणनीतिक कदम है। यह न केवल भारत की जिम्मेदार एआई नियमन के प्रति प्रतिबद्धता को स्पष्ट करता है, बल्कि सुरक्षित, समावेशी और प्रभावी डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान भी है।