संदर्भ:
हाल ही में, 11 दिसंबर 2025 को भारत–इटली बिज़नेस फोरम 2025 का आयोजन मुंबई में किया गया। यह फोरम भारत और इटली के बीच आर्थिक सहयोग को और अधिक मजबूत करने तथा द्विपक्षीय व्यापारिक साझेदारियों के विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा।
उद्देश्य और प्रमुख फोकस क्षेत्र:
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- भारत और इटली के बीच द्विपक्षीय व्यापार तथा निवेश संबंधों को मजबूत करना।
- मजबूत, सुरक्षित और विविधीकृत आपूर्ति शृंखलाओं के निर्माण को बढ़ावा देना।
- तकनीकी साझेदारी और औद्योगिक सहयोग को प्रोत्साहित करना।
- प्राथमिक क्षेत्रों में संयुक्त उपक्रमों (Joint Ventures), सह-विकास पहलों तथा अनुसंधान एवं विकास (R&D) सहयोग को विस्तार देना।
- भारत और इटली के बीच द्विपक्षीय व्यापार तथा निवेश संबंधों को मजबूत करना।
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सहयोग के प्राथमिक क्षेत्र:
फोरम के दौरान आपसी रुचि के अनेक क्षेत्रों पर विशेष रूप से चर्चा की गई:
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- ऑटोमोटिव और ऑटो कंपोनेंट्स: उन्नत विनिर्माण, सटीक इंजीनियरिंग तथा तकनीकी सहयोग को सशक्त बनाने पर बल।
- स्वच्छ ऊर्जा और वेस्ट-टू-एनर्जी समाधान: सतत विकास को बढ़ावा देने और चक्रीय अर्थव्यवस्था (Circular Economy) आधारित मॉडलों पर सहयोग।
- कृषि-खाद्य और फूड प्रोसेसिंग: मूल्य संवर्धित कृषि, खाद्य प्रौद्योगिकी तथा निर्यात-उन्मुख प्रसंस्करण में सहयोग की व्यापक संभावनाएँ।
- खेल तकनीक और वस्त्र (टेक्सटाइल्स): विशिष्ट औद्योगिक क्षेत्रों में नवाचार-आधारित सहभागिता को गहराई प्रदान करना।
- कनेक्टिविटी और उन्नत विनिर्माण: अवसंरचनात्मक विकास और उच्च-प्रौद्योगिकी उत्पादन प्रणालियों के माध्यम से आर्थिक एकीकरण को सुदृढ़ करना।
- ऑटोमोटिव और ऑटो कंपोनेंट्स: उन्नत विनिर्माण, सटीक इंजीनियरिंग तथा तकनीकी सहयोग को सशक्त बनाने पर बल।
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रणनीतिक महत्व:
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- व्यापार और आर्थिक एकीकरण: भारत और इटली ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। इटली ने 2029 तक भारत के साथ वार्षिक व्यापार को €20 बिलियन तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है, जो दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ते आर्थिक तालमेल और परस्पर निर्भरता को दर्शाता है।
- तकनीक और नवाचार सहयोग: दोनों देशों ने नवाचार, अनुसंधान एवं विकास, शिक्षा तथा ज्ञान-साझेदारी को वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता और भविष्य-तैयार उद्योगों के निर्माण के लिए प्रमुख आधार के रूप में रेखांकित किया।
- भारत–यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता (FTA): फोरम के दौरान भारत–EU मुक्त व्यापार समझौते पर प्रगति के लिए समर्थन की पुनः पुष्टि की गई। भारत ने निष्पक्ष, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जबकि यूरोपीय संघ के एक प्रमुख सदस्य के रूप में इटली ने भारत–EU आर्थिक एकीकरण को सुदृढ़ करने का स्पष्ट समर्थन व्यक्त किया।
- व्यापार और आर्थिक एकीकरण: भारत और इटली ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। इटली ने 2029 तक भारत के साथ वार्षिक व्यापार को €20 बिलियन तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है, जो दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ते आर्थिक तालमेल और परस्पर निर्भरता को दर्शाता है।
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भारत–इटली संबंधों के बारे में:
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पहलू |
विवरण |
महत्व / टिप्पणी |
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ऐतिहासिक पृष्ठभूमि |
1947 में राजनयिक संबंधों की स्थापना |
स्वतंत्रता के बाद द्विपक्षीय संबंधों की मजबूत नींव |
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कला, वास्तुकला और शिक्षा में गहरे सांस्कृतिक संबंध |
सॉफ्ट पावर और सांस्कृतिक कूटनीति को सुदृढ़ करता है |
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राजनयिक संबंध |
मार्च 2023 में प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की भारत यात्रा के दौरान रणनीतिक साझेदारी की घोषणा |
राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा क्षेत्रों में उच्च-स्तरीय समन्वय को दर्शाता है |
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आर्थिक संबंध |
इटली, यूरोपीय संघ में भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार |
यूरोपीय बाजार तक पहुंच का एक प्रमुख द्वार |
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प्रमुख क्षेत्र: मशीनरी, ऑटोमोबाइल, रसायन, फैशन, नवीकरणीय ऊर्जा |
व्यापक वाणिज्यिक और तकनीकी सहयोग को दर्शाता है। |
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द्विपक्षीय व्यापार (2023–24): $15 बिलियन से अधिक |
मजबूत और निरंतर बढ़ते आर्थिक जुड़ाव का संकेत |
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हालिया प्रगति |
जेएसएपी (2025–29) पर हस्ताक्षर |
संयुक्त रणनीतिक योजना तंत्र को सुदृढ़ करता है। |
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IMEEC में इटली की भागीदारी |
बहुपक्षीय संपर्क और ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा |
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रक्षा औद्योगिक सहयोग और संयुक्त उपक्रमों का विस्तार |
रक्षा और तकनीकी साझेदारी को गहरा करता है। |
निष्कर्ष:
भारत–इटली बिज़नेस फोरम 2025 भारत और इटली के बीच आर्थिक तथा रणनीतिक सहयोग को नई दिशा प्रदान करने वाला एक महत्वपूर्ण मंच बनकर उभरा है। उद्योग-केंद्रित संवाद को सशक्त बनाकर, नवाचार-आधारित सहयोग को बढ़ावा देकर तथा द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यापार वार्ताओं को आगे बढ़ाते हुए, इस फोरम ने आने वाले वर्षों में गहरे आर्थिक एकीकरण, सतत विकास और भविष्य-उन्मुख साझेदारी की मजबूत नींव रखी है।
