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Blog / 07 Nov 2025

भारत–इज़राइल रक्षा सहयोग एमओयू: रणनीतिक साझेदारी और संयुक्त विकास – Dhyeya IAS

सन्दर्भ:

हाल ही में भारत और इज़राइल ने तेल अवीव में आयोजित 17वीं संयुक्त कार्यकारी समूह की बैठक के दौरान रक्षा सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता दोनों देशों के बीच भविष्य के सहयोग, सह-विकास और सह-उत्पादन के लिए एक समग्र ढांचा तैयार करता है। यह कदम भारत और इज़राइल के बीच लंबे समय से चले आ रहे मजबूत रणनीतिक संबंधों को और अधिक गहराई एवं नई दिशा प्रदान करता है।

मुख्य सहयोग के क्षेत्र:

    • रक्षा औद्योगिक सहयोग एवं तकनीकी नवाचार
    • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अनुसंधान एवं विकास तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता
    • साइबर सुरक्षा एवं आतंकवाद-निरोध
    • प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण एवं रणनीतिक संवाद

समझौते का महत्व:

    • भारत की रक्षा क्षमता का सुदृढ़ीकरण: इज़राइल से अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों, ड्रोन, एवं निगरानी तकनीकों तक पहुँच मिलेगी।
    • आतंकवाद-निरोध में रणनीतिक सहयोग का विस्तार: दोनों देश साझा खुफिया जानकारी और रणनीतियों के माध्यम से आतंकवाद का मुकाबला करने में एक-दूसरे की सहायता करेंगे।
    • स्वदेशी रक्षा उद्योग के सशक्तिकरण को प्रोत्साहन: संयुक्त अनुसंधान एवं तकनीकी हस्तांतरण से स्वदेशी रक्षा उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा।
    • सैन्य तैयारी और आपसी समन्वय में सुधार: नियमित संयुक्त सैन्य अभ्यासों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से दोनों सेनाओं की कार्यक्षमता में सुधार होगा।

भारतइज़राइल रक्षा संबंध:

स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान (सिप्री) के अनुसार, 2020–2024 की अवधि में इज़राइल भारत का तीसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता रहा, जो भारत के कुल रक्षा आयात का लगभग 13 प्रतिशत है। (रूस और फ्रांस पहले दो स्थानों पर रहे)

    • संयुक्त विकास एवं सह-उत्पादन परियोजनाएँ: जैसेबराक-8 मिसाइल प्रणाली तथा दृष्टि-10 स्टारलाइनर ड्रोन, जो इज़राइल के हर्मीस-900 का भारतीय संस्करण है।
    • प्रौद्योगिकी साझेदारी एवं नवाचार: कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, एवं रक्षा नवाचार जैसे     अत्याधुनिक क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास।
    • संयुक्त सैन्य अभ्यास: जैसे – ‘ब्लू फ्लैगहवाई युद्ध अभ्यास तथा राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के लिए आतंकवाद-रोधी प्रशिक्षण कार्यक्रम।

निष्कर्ष:

यह नया समझौता भारत और इज़राइल के बीच बढ़ते हुए रक्षा और सुरक्षा संबंधों का प्रतीक है। दोनों देश एक जैसी क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में साथ काम कर रहे हैं। साथ ही यह साझेदारी भारत की रक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाने में मदद करेगी और पश्चिम एशिया में भारत के कूटनीतिक संबंधों को और मजबूत बनाएगी।