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Blog / 25 Jun 2025

भारत को ब्लूमबर्ग ग्लोबल टोबैको कंट्रोल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया

भारत को तंबाकू छोड़ने को प्रोत्साहित करने और इस दिशा में प्रभावी पहल करने के लिए 2025 का ब्लूमबर्ग फिलैंथ्रपीज ग्लोबल टोबैको कंट्रोल अवॉर्ड प्रदान किया गया है। यह सम्मान स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत नेशनल टोबैको कंट्रोल सेल को आयरलैंड के डबलिन में आयोजित वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस ऑन टोबैको कंट्रोल के दौरान प्रदान किया गया।

WHO के MPOWER फ्रेमवर्क के तहत भारत को मिला सम्मान:

  • भारत को यह प्रतिष्ठित सम्मान विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के MPOWER नीति ढांचे की ‘O’ श्रेणी में दिया गया है, जिसका अर्थ "तंबाकू छोड़ने में मदद करना" (Offer help to quit tobacco use) है। MPOWER एक छह स्तंभों वाला साक्ष्य-आधारित वैश्विक कार्यक्रम है, जिसे WHO ने 2008 में फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल (FCTC) के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए शुरू किया था।
  • यह सम्मान दर्शाता है कि भारत ने तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है, विशेष रूप से तंबाकू छोड़ने की सेवाओं को व्यापक रूप से उपलब्ध कराने, इन्हें सामान्य स्वास्थ्य प्रणाली में एकीकृत करने और जन-जागरूकता व व्यवहार में बदलाव लाने की दिशा में।

India among 6 countries conferred with Bloomberg Philanthropies Awards for Global  Tobacco Control | India News - The Indian Express

भारत में तंबाकू छोड़ने के प्रमुख प्रयास:
भारत में तंबाकू नियंत्रण के प्रयासों का नेतृत्व
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP) करता है। इसके तहत कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं:

·         राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर (1800-11-2356) यह हेल्पलाइन हर महीने करीब 50,000 कॉल्स को संभालती है, जहां विशेषज्ञों द्वारा तंबाकू छोड़ने के लिए मार्गदर्शन दिया जाता है।

·         चार प्रमुख केंद्र, जहां से तंबाकू छोड़ने में मदद दी जाती है:

o    NIMHANS, बेंगलुरु

o    वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली

o    टाटा मेमोरियल सेंटर, मुंबई

o    डॉ. बी. बोरूआ कैंसर संस्थान, गुवाहाटी

·         देशभर के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त परामर्श सेवाएं, जैसे:

o    675 जिला अस्पताल

o    302 डेंटल कॉलेज

o    361 मेडिकल कॉलेज

·         607 गैर-संक्रामक रोग (NCD) क्लीनिक, ओरल हेल्थ क्लीनिक और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में इन सेवाओं का एकीकरण, ताकि प्राथमिक स्तर पर ही मदद मिल सके।

·         जन-जागरूकता अभियान और स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षण, जिससे तंबाकू छोड़ने की पहल को नियमित स्वास्थ्य सेवाओं का हिस्सा बनाया जा सके और लोगों में व्यवहार परिवर्तन को प्रोत्साहित किया जा सके।

तंबाकू उपयोग की स्थिति और भारत का प्रदर्शन:

·        विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की हालिया रिपोर्ट ग्लोबल टोबैको एपिडेमिक 2025 के अनुसार, वर्ष 2007 से 2023 के बीच वैश्विक स्तर पर प्रतिदिन धूम्रपान करने वालों की संख्या 22.3% से घटकर 16.4% हो गई है, अर्थात लगभग 26% की कमी दर्ज की गई है।

·        भारत में वर्ष 2023 में वयस्कों में प्रतिदिन धूम्रपान करने की दर 7% रही, जो एक सकारात्मक प्रगति को दर्शाता है।

·        हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि गैर-धूम्रपान तंबाकू उत्पादों (जैसे गुटखा, खैनी, जर्दा आदि) का उपयोग अब भी एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बना हुआ है, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों में इसका प्रभाव अधिक है।

वैश्विक और क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य:

  • भारत के साथ-साथ मॉरिशस, मैक्सिको, मोंटेनेग्रो, फिलीपींस और यूक्रेन जैसे देशों को भी तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया है।
  • यह पुरस्कार उन देशों और संगठनों को मान्यता और प्रोत्साहन प्रदान करते हैं, जो WHO की अनुशंसित नीतियों को अपनाकर तंबाकू नियंत्रण में स्थायी और ठोस प्रगति कर रहे हैं।

निष्कर्ष:

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को मिला यह सम्मान इस बात का प्रमाण है कि देश अब तंबाकू नियंत्रण को एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकता के रूप में देख रहा है। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP) अब भारत की स्वास्थ्य प्रणाली का एक सुदृढ़ और अभिन्न हिस्सा बन चुका है, जिससे यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले वर्षों में भारत और अधिक प्रभावी तथा संगठित प्रयासों के साथ तंबाकू के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाएगा। यह पुरस्कार यह भी दर्शाता है कि सरकारी प्रतिबद्धता, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और साक्ष्य-आधारित नीतियों के समन्वित प्रयासों से ही तंबाकू की लत को प्रभावी रूप से कम किया जा सकता है और दीर्घकालिक सार्वजनिक स्वास्थ्य लक्ष्यों की प्राप्ति संभव है।