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Blog / 03 Oct 2025

भारत-ईएफटीए TEPA: आर्थिक सहयोग और व्यापार में महत्वपूर्ण समझौता | Dhyeya IAS

संदर्भ:

भारत और यूरोपियन मुक्त व्यापार संघ (ईएफ़टीए) के बीच व्यापार एवं आर्थिक साझेदारी समझौता (टीईपीए) 1 अक्टूबर, 2025 से लागू हो गया है। यह भारत की अंतरराष्ट्रीय व्यापार कूटनीति में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

टीईपीए के बारे में:

भारत-ईएफ़टीए, टीईपीए एक मुक्त व्यापार समझौता है, जिसे भारत और ईएफ़टीए के बीच 10 मार्च, 2024 को हस्ताक्षरित किया गया।

ईएफ़टीए में आइसलैंड, लिच्टेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्ज़रलैंड शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य व्यापार और निवेश को प्रोत्साहित करना, रोजगार सृजन को बढ़ावा देना और दोनों पक्षों के लिए बाजार तक सहज पहुंच सुनिश्चित करना है।

India-EFTA Trade and Economic Partnership Agreement (TEPA)

टीईपीए की मुख्य विशेषताएँ:

1. टैरिफ उदारीकरण और बाजार पहुंच

·         ईएफ़टीए देश भारत से आयात की जाने वाली अधिकांश वस्तुओं पर शुल्क को खत्म या कम करेंगे।

·         भारत इसके बदले में अपने लगभग 82.7% आयात वस्तुओं पर शुल्क में छूट देगा, जो ईएफ़टीए के 95.3% निर्यात को कवर करती हैं।

·         हालांकि, “संवेदनशील क्षेत्रजैसे डेयरी, कोयला और कुछ कृषि उत्पाद इस समझौते से बाहर रखे गए हैं ताकि घरेलू हितों की सुरक्षा हो सके।

2. निवेश प्रतिबद्धता

टीईपीए की एक प्रमुख विशेषता ईएफ़टीए देशों द्वारा 15 वर्षों में 100 अरब अमेरिकी डॉलर निवेश का बाध्यकारी वचन है। निवेश का वितरण इस प्रकार है:

·         पहले 10 वर्षों में 50 अरब अमेरिकी डॉलर

·         शेष 5 वर्षों में 50 अरब अमेरिकी डॉलर

3. सहयोग के अन्य क्षेत्र

टीईपीए एक व्यापक समझौता है, जो निम्न क्षेत्रों को कवर करता है:

·         सेवाओं में व्यापार

·         निवेश को बढ़ावा देना और सुविधा प्रदान करना

·         बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर)

·         सतत विकास और व्यापार पर्यावरण

·         सीमा शुल्क प्रक्रियाएँ, उत्पत्ति के नियम, व्यापार सुविधा

·         विवाद समाधान, सरकारी खरीद, प्रतिस्पर्धा नीति आदि

इसके अतिरिक्त, भारत ने ईएफ़टीए डेस्क की स्थापना की है, जो एक एकल-खिड़की सुविधा प्रणाली है और ईएफ़टीए के व्यवसायों को भारत में स्थापित होने या विस्तार करने में सहायता प्रदान करती है।

India-EFTA Trade and Economic Partnership Agreement (TEPA)

प्रत्याशित प्रभाव और लाभ:

1.      भारतीय अर्थव्यवस्था और उद्योग के लिए

·         निर्यात में बढ़ोतरी: वस्त्र, चमड़ा, दवाइयाँ, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और मशीनरी जैसे भारतीय उत्पादकों को उच्च आय वाले यूरोपीय बाज़ारों में अधिक अवसर और बेहतर पहुंच मिलेगी।

·         विदेशी निवेश आकर्षण: स्पष्ट प्रतिबद्धताओं और बाज़ार तक आसान पहुंच के कारण भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। विशेषकर उन क्षेत्रों में जहाँ ईएफ़टीए देश उन्नत तकनीक और विशेषज्ञता लेकर आते हैं।

·         रोज़गार सृजन: अनुमानित 10 लाख प्रत्यक्ष रोज़गार से औद्योगिक समूहों और सहायक क्षेत्रों में तेज़ी से विकास को बढ़ावा मिलेगा।

2.     ईएफ़टीए / यूरोपीय कंपनियों के लिए

·         व्यापार का विविधीकरण: भारत के तेज़ी से बढ़ते बाज़ार में प्रवेश से ईएफ़टीए कंपनियों को अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को विविध बनाने और पारंपरिक व्यापार मार्गों पर निर्भरता कम करने का अवसर मिलेगा।

·         सुरक्षित निवेश वातावरण: टीईपीए में कानूनी संरक्षण, सरल विवाद समाधान और निवेश गारंटी जैसी व्यवस्थाएँ होने से भारत निवेश के लिए एक सुरक्षित और भरोसेमंद गंतव्य बनेगा।

·         सेवाओं व तकनीकी सहयोग: वित्त, तकनीक और स्वास्थ्य सेवाओं में नए अवसर खुलेंगे, साथ ही भारतीय कंपनियों (विशेषकर सॉफ़्टवेयर और जैव-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में) के साथ सहयोग बढ़ेगा।

India-EFTA Trade and Economic Partnership Agreement (TEPA)

निष्कर्ष:

भारत-ईएफ़टीए टीईपीए भारत और ईएफ़टीए देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में नए युग की शुरुआत है। यह भारत का पहला यूरोप-उन्मुख व्यापार समझौता है जिसमें बाध्यकारी प्रतिबद्धताएँ शामिल हैं, जो वैश्विक व्यापार संरचना में भारत की गहरी भागीदारी को दर्शाता है। यह समझौता भारत के यूरोपीय संघ और अन्य आर्थिक समूहों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर बातचीत को भी पूरक बनाता है और भारत को विकसित यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं और तेजी से बढ़ती एशियाई और अफ़्रीकी अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक आकर्षक केंद्र के रूप में प्रस्तुत करने में मदद करता है।