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Blog / 01 Oct 2025

भारत अपराध रिपोर्ट 2023

संदर्भ:

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 30 सितंबर 2025 कोभारत में अपराध 2023” रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के अनुसार 2023 में पंजीकृत अपराधों में कुल मिलाकर 7.2% की वृद्धि हुई, जो 2022 की तुलना में अधिक है। इसमें साइबर अपराधों, आर्थिक अपराधों और समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ अपराधों में विशेष बढ़ोतरी देखी गई, जबकि पारंपरिक हिंसक अपराधों में गिरावट दर्ज हुई।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:

1.      कुल अपराध आंकड़े:

·         कुल मामले: 2023 में कुल 62.4 लाख पंजीकृत अपराध दर्ज किए गए, जबकि 2022 में यह संख्या 58.2 लाख थी। इसका मतलब है कि हर 5 सेकंड में एक अपराध होता है।

·         अपराध का स्वरूप बदलना: रिपोर्ट में कहा गया है कि पारंपरिक हिंसक अपराधों की बजाय तकनीक-आधारित और शहरी अपराध बढ़ रहे हैं।

·         मेट्रो शहर: 19 प्रमुख महानगरों में अपराध 2022 की तुलना में 10.6% बढ़े।

India Crime Report 2023

2.     विशिष्ट अपराधों के रुझान:

·         साइबर अपराध: 2023 में साइबर अपराध के मामले 31.2% बढ़कर 86,420 हो गए।

o    मुख्य उद्देश्य: सबसे ज्यादा मामले धोखाधड़ी (68.9%) के थे, इसके बाद यौन शोषण और फिरौती के मामले आए।

·         महिलाओं के खिलाफ अपराध: महिलाओं के खिलाफ अपराध में मामूली 0.7% वृद्धि हुई, कुल 4,48,211 मामले दर्ज किए गए।

o    मुख्य अपराध: सबसे अधिक मामले पति या रिश्तेदार द्वारा क्रूरता, अपहरण और शिष्टाचार की भावना को भंग करने के इरादे से हमले थे। बलात्कार के 97.5% मामलों में अपराधी पीड़िता को जानता था।

·         बच्चों के खिलाफ अपराध: कुल 1,77,335 मामले के साथ बच्चों के खिलाफ अपराध में 9.2% की वृद्धि हुई।

o    मुख्य कारण: अपहरण और अगवा करना (45%) तथा POCSO अधिनियम के तहत दर्ज मामले (38.2%) प्रमुख थे।

·         अनुसूचित जनजातियों (STs) के खिलाफ अपराध: 28.8% की महत्वपूर्ण वृद्धि, कुल 12,960 मामले।

o    जातीय हिंसा: इस वृद्धि का मुख्य कारण मणिपुर जैसे राज्यों में जातीय संघर्ष हैं।

·         अनुसूचित जातियों (SCs) के खिलाफ अपराध: मामूली 0.4% की वृद्धि।

·         हत्या और अपहरण: हत्या के मामले 2.8% घटे, लेकिन अपहरण और अगवा करने के मामले 5.6% बढ़े।

·         आर्थिक अपराध: 6% की वृद्धि, कुल 2,04,973 मामले।

o    मुख्य श्रेणियाँ: अधिकतर मामले जालसाजी, धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े से संबंधित थे।

3.     राज्य-विशेष आंकड़े:

·         अपराध दर : उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में कुल मिलाकर सबसे ज़्यादा मामले दर्ज किए गए। हालाँकि, केरल और दिल्ली जैसे राज्यों में प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध दर सबसे ज़्यादा थी।

·         उच्च मात्रा वाले राज्य (साइबर अपराध) : कर्नाटक, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक साइबर अपराध के मामले सामने आए।

·         महिलाओं के विरुद्ध अपराध के उच्च मामले वाले राज्य : उत्तर प्रदेश, उसके बाद महाराष्ट्र और राजस्थान में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए।

·         बच्चों के विरुद्ध अपराध के उच्च मामले वाले राज्य: मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में अधिकांश मामले सामने आए।

निष्कर्ष:

एनसीआरबी की 2023 की रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि भारत में पुलिसिंग और न्याय व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है, ताकि बदलते अपराधों, विशेष रूप से डिजिटल अपराधों, से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। आंकड़े बढ़ती डिजिटल कमजोरियों और साइबर अपराधों के मामलों में आने वाली चुनौतियों की ओर इशारा करते हैं, खासकर उन राज्यों में जहां अपराध की दर अधिक है और चार्जशीटिंग की दर कम है। नए आपराधिक संहिता को लागू करने के बाद, भविष्य की रिपोर्टें अपराधों को वर्गीकृत करने और उनका ट्रैक रखने के लिए नए ढांचे को दर्शाएंगी।