संदर्भ:
कनाडा के कनानास्किस में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की मुलाकात हुई। इस बैठक में दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की राजधानियों में उच्चायुक्तों की बहाली और व्यापार वार्ताओं को फिर से शुरू करने पर सहमति जताई।
बैठक के प्रमुख परिणाम:
• उच्चायुक्तों की बहाली: भारत और कनाडा एक-दूसरे की राजधानियों में नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति करेंगे। यह प्रक्रिया जुलाई तक पूरी होने की संभावना है।
• व्यापार वार्ताएँ: दोनों देश "अर्ली प्रोग्रेस ट्रेड एग्रीमेंट" (EPTA) पर वार्ताएँ फिर से शुरू करेंगे, जिसका उद्देश्य व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) की दिशा में बढ़ना है।
• नई उभरती क्षेत्रों में सहयोग: भारत और कनाडा स्वच्छ ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल परिवर्तन, एलएनजी, खाद्य सुरक्षा, महत्वपूर्ण खनिज, उच्च शिक्षा, आवागमन (मोबिलिटी), और आपूर्ति श्रृंखला सुदृढ़ता जैसे क्षेत्रों में सहयोग करने की योजना बना रहे हैं।
राजनयिक विवाद की पृष्ठभूमि:
भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव सितंबर 2023 में शुरू हुआ, जब तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर खालिस्तानी कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में हत्या करवाने का आरोप लगाया। भारत ने इन आरोपों को खारिज किया, और दोनों देशों ने एक-दूसरे के कई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया, वीजा सेवाएँ निलंबित कर दी गईं और व्यापार वार्ताएँ रोक दी गईं।
भारत-कनाडा संबंधों के प्रमुख पहलू:
• रणनीतिक और सुरक्षा सहयोग: दोनों देश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में नियम-आधारित व्यवस्था का समर्थन करते हैं, जो क्षेत्रीय सुरक्षा, शांति और व्यापार के लिए आवश्यक है। कनाडा की इंडो-पैसिफिक रणनीति भारत को "महत्वपूर्ण साझेदार" और चीन को "बढ़ती विघटनकारी शक्ति" के रूप में मान्यता देती है।
• आर्थिक और व्यापारिक संबंध: 2023 में भारत और कनाडा के बीच वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार $9.36 बिलियन तक पहुँचा, जिसमें भारत ने $3.80 बिलियन का निर्यात और $5.56 बिलियन का आयात किया। सेवाओं में व्यापार $9.99 बिलियन रहा। कनाडा भारत का 10वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
• निवेश के अवसर: कनाडा की पेंशन फंड कंपनियों ने भारत में $75 बिलियन से अधिक का निवेश किया है, जो भारत को निवेश के लिए अनुकूल गंतव्य मानती हैं।
• प्रवासी संबंध: कनाडा में लगभग 18 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जो कनाडा की कुल जनसंख्या का 3% से अधिक हैं।
• नाभिकीय सहयोग: 2010 में हस्ताक्षरित न्यूक्लियर कोऑपरेशन एग्रीमेंट (NCA) दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को संभव बनाता है।
• रक्षा सहयोग: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और कनाडाई वाणिज्यिक निगम (CCC) के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) सैन्य और रक्षा प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ावा देता है।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री मोदी और कार्नी के बीच हुई बैठक भारत-कनाडा संबंधों को फिर से पटरी पर लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उच्चायुक्तों की बहाली और व्यापार वार्ताओं की पुनः शुरुआत दोनों देशों के संबंधों को मज़बूत करने और उभरते क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने का संकेत देती है। हालांकि, निज्जर की हत्या से संबंधित कनाडाई न्यायिक प्रक्रिया और उसमें प्रस्तुत साक्ष्य आने वाले समय में दोनों देशों के संबंधों की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएँगे।