सन्दर्भ:
हाल ही में भारत और बेल्जियम के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य व्यापार, प्रौद्योगिकी, निवेश और नवाचार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और अधिक मजबूत बनाना था।
बैठक की मुख्य बिंदु:
- आर्थिक सहयोग: इस बैठक के केंद्रबिंदु भारत और बेल्जियम के आर्थिक हितों में बढ़ती समानता रहा। इस दौरान द्विपक्षीय व्यापार को विस्तार देने, औद्योगिक सहयोग को सुदृढ़ करने और आपसी निवेश को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया गया।
- रणनीतिक सहयोग के क्षेत्र: जिन क्षेत्रों में सहयोग को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा, वे हैं:
o सेमीकंडक्टर्स
o स्वच्छ ऊर्जा
o रक्षा उत्पादन
o फार्मास्यूटिकल्स (दवा उद्योग)
इन क्षेत्रों में बेल्जियम के फ्लैंडर्स क्षेत्र की उन्नत विनिर्माण क्षमताएं और अनुसंधान व विकास (R&D) में उत्कृष्टता महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
- भारत–यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता (FTA): दोनों देश के नेताओं ने भारत और यूरोपीय संघ के बीच जारी FTA वार्ताओं की समीक्षा की। उन्होंने बाज़ार तक पहुंच आसान बनाने के लिए शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे टिकाऊ और संतुलित व्यापार को बढ़ावा मिल सके।
भारत-बेल्जियम आर्थिक संबंध:
• व्यापारिक आंकड़े: बेल्जियम, यूरोपीय संघ में भारत का पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 15.07 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया।
• विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI): अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 के बीच भारत में बेल्जियम से कुल 3.94 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ है। विशेष रूप से, पिछले एक वर्ष में इसमें 39% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई, जो लगभग 1.1 अरब डॉलर है।
विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग:
• रक्षा निर्माण
• ग्रीन हाइड्रोजन
• नैनो-इलेक्ट्रॉनिक्स
• परमाणु चिकित्सा
• दवा अनुसंधान एवं विकास (Pharmaceutical R&D)
भारत-बेल्जियम राजनयिक संबंध:
भारत की स्वतंत्रता के तुरंत बाद दोनों देशों के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित हुए। बेल्जियम ने 1947 में नई दिल्ली में अपना दूतावास खोला, जबकि भारत ने 1948 में ब्रुसेल्स में अपना दूतावास स्थापित किया।
भारत और बेल्जियम लोकतंत्र, बहुलवाद और कानून के शासन जैसे साझा मूल्यों में विश्वास रखते हैं। साथ ही, बेल्जियम ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के प्रयासों का दृढ़ समर्थन किया है।
आगे की राह:
तेजी से प्रगति के लिए दोनों देशों ने यह तय किया:
• उच्च स्तरीय राजनीतिक और आर्थिक संवाद को मजबूत करना।
• नियमित व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों के दौरे को प्रोत्साहित करना।
• सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) और संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं को बढ़ावा देना।
• भविष्य की तकनीकों और हरित समाधानों में सहयोग को और गहरा करना।
निष्कर्ष:
मई 2025 में आयोजित यह बैठक भारत-बेल्जियम संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत का संकेत देती है, जो आपसी विश्वास, साझा मूल्यों, नवाचार, सतत विकास और समावेशी प्रगति की मजबूत नींव पर आधारित है। जैसे-जैसे दोनों देश रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग को गति देते हैं, यह साझेदारी आने वाले वर्षों में एक सशक्त भारत-यूरोप आर्थिक गलियारे के निर्माण में एक निर्णायक भूमिका निभाएगी।