सन्दर्भ:
भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लोरेनसो ने भारतीय उद्योगपतियों और उद्यमियों को अंगोला में निवेश और निर्यात के बढ़ते अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया। नई दिल्ली में आयोजित इंडिया-अंगोला बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति लोरेनसो ने अंगोला की भौगोलिक महत्ता, संपन्न प्राकृतिक संसाधनों, और आर्थिक संभावनाओं को रेखांकित किया। उन्होंने विशेष रूप से कृषि, फार्मास्यूटिकल्स और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भारत-अंगोला सहयोग की अपार संभावनाओं पर जोर दिया।
अंगोला का क्षेत्रीय बाज़ारों तक रणनीतिक पहुँच:
अंगोला अफ्रीका महाद्वीप का एक महत्वपूर्ण द्वार है, जो निम्नलिखित दो प्रमुख व्यापारिक समझौतों के माध्यम से क्षेत्रीय बाज़ारों तक विशेष पहुँच रखता है:
• दक्षिणी अफ्रीकी विकास समुदाय (SADC)
• अफ्रीकी महाद्वीपीय मुक्त व्यापार क्षेत्र (AfCFTA)
सहयोग के प्रमुख क्षेत्र:
1. कृषि: अंगोला के पास विशाल और उपजाऊ कृषि भूमि उपलब्ध है। वह भारत की कृषि तकनीक, सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों और खाद्य प्रसंस्करण में विशेषज्ञता का लाभ उठाना चाहता है। इस क्षेत्र में भारतीय निवेश से न केवल अंगोला की घरेलू खाद्य सुरक्षा सुदृढ़ होगी, बल्कि क्षेत्रीय निर्यात क्षमताओं में भी उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।
2. दवाइयाँ (फार्मास्यूटिकल्स): भारत विश्व स्तर पर सस्ती, गुणवत्तापूर्ण और विश्वसनीय दवाइयों के उत्पादन में अग्रणी है। यह विशेषज्ञता अंगोला की स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, दवा निर्माण की स्थानीय क्षमता और स्वास्थ्य सुरक्षा को मज़बूत करने में अहम भूमिका निभा सकती है। फार्मास्यूटिकल क्षेत्र अंगोला के आर्थिक विविधीकरण के लिए भी एक प्रमुख आधार बन सकता है।
3. नवीकरणीय ऊर्जा: सतत विकास की दिशा में अग्रसर अंगोला, हरित ऊर्जा समाधान अपनाने के प्रति प्रतिबद्ध है। भारत की क्लीन-टेक कंपनियाँ (विशेषकर सौर, पवन और जल विद्युत क्षेत्रों में) अंगोला की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। यह सहयोग अंगोला के ऊर्जा क्षेत्र के आधुनिकीकरण और कार्बन उत्सर्जन में कमी की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
भारत-अंगोला व्यापार मंच के बारे में:
भारत-अंगोला व्यापार मंच एक सहयोगात्मक पहल है जिसका उद्देश्य भारत और अंगोला के बीच द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाना है।
- यह मंच आपसी आर्थिक विकास और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कृषि, खनन, ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा और सूचना प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों पर चर्चा की सुविधा प्रदान करता है।
भारत-अंगोला व्यापार और आर्थिक संबंध:
हाल के वर्षों में भारत और अंगोला के आर्थिक संबंध मज़बूत हुए हैं, और द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
द्विपक्षीय व्यापार की वृद्धि:
• वर्ष 2020-21 में भारत और अंगोला के बीच व्यापार $2.14 अरब था, जो 2022-23 में बढ़कर $4.22 अरब हो गया।
• वर्ष 2023-24 में व्यापार $4.19 अरब रहा, जिसमें भारत का निर्यात रिकॉर्ड $698 मिलियन तक पहुँच गया।
भारत से अंगोला के प्रमुख निर्यात:
• दवाइयाँ
• मशीनें
• वाहन
• खाद्य उत्पाद
अंगोला से भारत के प्रमुख आयात:
• कच्चा तेल (द्विपक्षीय व्यापार का 90% हिस्सा)
• हीरे
• पेट्रोलियम उत्पाद
अंगोला के व्यापार में भारत की स्थिति:
• भारत, अंगोला का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और उसके कुल विदेशी व्यापार का लगभग 10% हिस्सा भारत के साथ होता है।
• चीन के बाद भारत, अंगोला का दूसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है।
• भारत और अंगोला के बीच बढ़ते व्यापारिक संबंध दोनों देशों के बीच मजबूत होते आर्थिक संबंधों को दर्शाते हैं। द्विपक्षीय व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए स्थापित भारत-अंगोला व्यापार और सांस्कृतिक परिषद आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
निष्कर्ष:
अंगोला के राष्ट्रपति राष्ट्रपति लोरेनसो द्वारा भारतीय व्यवसायों को दिए गए आमंत्रण से स्पष्ट है कि अंगोला विदेशी निवेश के लिए पूरी तरह तैयार है और वह अफ्रीका की निर्यात-प्रधान अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का इच्छुक है। आज जब वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएँ तेज़ी से पुनर्गठित हो रही हैं और उभरते बाज़ारों का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में भारत और अंगोला के बीच यह आर्थिक सहयोग दक्षिण-दक्षिण साझेदारी को नई दिशा दे सकता है। यह भागीदारी न केवल दोनों देशों के आर्थिक विकास को गति देगी, बल्कि अफ्रीकी उपमहाद्वीप में भारत की भूमिका को भी और अधिक सशक्त बनाएगी।