संदर्भ:
हाल ही में मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना भारत के दौरे पर थे। उनकी भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने कुल 10 समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
मुख्य समझौते:
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क्षेत्र |
क्या सहमति हुई / क्या घोषणा की गई |
महत्त्व |
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धरोहर और संस्कृति |
मंगोलिया में विरासत स्थलों का जीर्णोद्धार; नालंदा विश्वविद्यालय (भारत) को गंडन मठ (मंगोलिया) से जोड़ना। |
यह प्रयास बौद्ध धर्म पर आधारित आध्यात्मिक और सभ्यतागत संबंधों को मज़बूती देते हैं। इससे सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण होगा, विद्वानों के बीच आदान-प्रदान बढ़ेगा और जन-जन के संपर्क गहरे होंगे। |
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आव्रजन और जन-संपर्क |
मंगोलियाई नागरिकों के लिए फ्री ई-वीज़ा; युवा मंगोलियाई सांस्कृतिक राजदूतों को भारत भ्रमण का आमंत्रण। |
इससे यात्रा, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा। |
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खनिज, ऊर्जा और भूविज्ञान |
1.7 अरब डॉलर के ऋण समझौते के माध्यम से भारत समर्थित तेल रिफाइनरी परियोजना में भारत का समर्थन अरबों डॉलर की ऋण सहायता; मंगोलिया से महत्वपूर्ण खनिजों (तांबा, कोयला आदि) की प्राप्ति में रुचि; व्लादिवोस्तोक (रूस) या तियानजिन (चीन) के माध्यम से निर्यात मार्गों की खोज। |
मंगोलिया खनिज संसाधनों से समृद्ध है, इससे भारत की औद्योगिक ज़रूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। रिफाइनरी परियोजना मंगोलिया की ऊर्जा सुरक्षा को मज़बूती देगी और रोजगार व तकनीकी सहयोग के अवसर पैदा करेगी। परिवहन और पारगमन (Transit) की चुनौतियाँ हैं, लेकिन इस पर प्रयास जारी है। |
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रक्षा और सुरक्षा सहयोग |
उलानबटार में एक रक्षा अताशे (Defence Attaché) की तैनाती; मंगोलिया की सीमा सुरक्षा बलों के लिए क्षमता निर्माण; संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम। |
यह दोनों देशों के रणनीतिक और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करता है। क्षेत्रीय भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बदलते संदर्भ में यह सहयोग मंगोलिया की क्षमताओं को बढ़ाता है और भारत को मध्य एशिया की सुरक्षा व्यवस्था में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में मदद करता है। |
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डिजिटल समाधान और अवसंरचना |
डिजिटल सहयोग पर समझौता ज्ञापन; डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना साझेदारी; प्राचीन हस्तलिपियों का डिजिटलीकरण; डिजिटल और IT क्षेत्र में संभावनाओं की तलाश। |
इससे दोनों देशों को डिजिटल शासन, सार्वजनिक सेवाओं और विरासत संरक्षण में प्रगति का लाभ मिलेगा। |
भारत–मंगोलिया संबंध:
· भारत और मंगोलिया ने दिसंबर 1955 में औपचारिक रूप से राजनयिक संबंध स्थापित किए। भारत पूर्वी ब्लॉक के बाहर मंगोलिया के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला पहला देश था। समय-समय पर दोनों देशों के बीच कई मैत्री और सहयोग संधियाँ हस्ताक्षरित की गईं, जिन्होंने आपसी विश्वास और सहभागिता को मज़बूती दी।
· वर्ष 2015 में, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उलानबटार यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक उन्नत किया गया।
निष्कर्ष:
भारत और मंगोलिया के बीच 10 समझौतों पर हस्ताक्षर दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देते हैं। जैसे-जैसे दोनों देश अलग-अलग क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं, यह साझेदारी आने वाले समय में और भी ऊँचाई छूने की संभावना रखती है।
