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Blog / 05 Sep 2025

महत्वपूर्ण खनिजों के पुनर्चक्रण को बढ़ावा देने हेतु प्रोत्साहन योजना

संदर्भ:

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (NCMM) के अंतर्गत ₹1,500 करोड़ (लगभग 170.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की प्रोत्साहन योजना को मंज़ूरी दी है। इसका उद्देश्य लिथियम, कोबाल्ट और निकल जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के निष्कर्षण के लिए ई-कचरे और बैटरी कचरे के पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना है। यह योजना वित्त वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक लागू रहेगी।

योजना के मुख्य उद्देश्य:

    • 270 किलोटन प्रति वर्ष की पुनर्चक्रण क्षमता विकसित की जाएगी।
    •  इससे लगभग 40 किलोटन प्रति वर्ष महत्वपूर्ण खनिजों का निष्कर्षण किया जा सकेगा।
    • योजना के तहत लगभग ₹8,000 करोड़ का निजी निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य है।
    •  इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 70,000 रोज़गार के अवसर सृजित होंगे।

योजना का केंद्रबिंदु:

    • यह योजना निम्नलिखित वस्तुओं के पुनर्चक्रण को बढ़ावा देती है:
      • ई-कचरा
      • लिथियम-आयन बैटरी (LIB) स्क्रैप
      • पुराने वाहनों से उत्प्रेरक कनवर्टर
    • इसका उद्देश्य आयात निर्भरता कम करना और स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं को समर्थन देने के लिए लिथियम, कोबाल्ट, और निकल जैसे महत्वपूर्ण खनिजों का निष्कर्षण करना है।
    • इस योजना में स्टार्ट-अप समेत छोटे और बड़े पुनर्चक्रणकर्ता दोनों पात्र हैं, और कुल धनराशि का एक-तिहाई हिस्सा छोटे तथा नए लोगो के लिए आरक्षित रखा गया है।

Incentive Scheme to Boost Critical Mineral Recycling

वित्तीय सहायता:

दो प्रकार की सब्सिडी प्रदान की जाएगी:

·         पूंजीगत व्यय: उत्पादन के समयसीमा के अनुसार मशीनरी पर 20% सब्सिडी दी जाएगी; यदि उत्पादन में देरी होती है तो सब्सिडी कम होगी।

·         परिचालन व्यय: यह वित्त वर्ष 2025-26 में वृद्धिशील बिक्री के आधार पर दो चरणों में दिया जाएगा- 40% वित्त वर्ष 2026-27 में और शेष 60% वित्त वर्ष 2030-31 में।

प्रोत्साहन की सीमाएँ:

·         बड़ी इकाइयाँ: अधिकतम ₹50 करोड़ तक, जिसमें परिचालन व्यय के लिए ₹10 करोड़ की सीमा है।

·         छोटी इकाइयाँ: अधिकतम ₹25 करोड़ तक, जिसमें परिचालन व्यय के लिए ₹5 करोड़ की सीमा है।

महत्वपूर्ण खनिजों के बारे में:

    • महत्वपूर्ण खनिज ऐसे गैर-ईंधन खनिज होते हैं जो आधुनिक तकनीकों, आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं। इनकी आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान की संभावना अधिक होती है, इसलिए उनका आर्थिक महत्व और आपूर्ति जोखिम उन्हें महत्वपूर्ण बनाते हैं।

प्रमुख महत्वपूर्ण खनिज और उनके उपयोग:

    • लिथियम: इलेक्ट्रिक वाहनों, लैपटॉप और मोबाइल फोन की रिचार्जेबल बैटरियों में उपयोगी। मुख्य स्रोत ब्राइन और पेग्माटाइट।
    • कोबाल्ट: इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों, मिश्र धातुओं और एयरोस्पेस पुर्जों में उपयोग होता है। प्रमुख आपूर्ति स्रोत कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य है।
    • ग्रेफाइट: बैटरी के एनोड के लिए आवश्यक, साथ ही स्नेहक और उच्च तापमान वाले अनुप्रयोगों में भी इस्तेमाल।
    • दुर्लभ मृदा तत्व (REE): ईवी मोटर, पवन टरबाइन और इलेक्ट्रॉनिक्स में महत्वपूर्ण। चीन वैश्विक प्रसंस्करण में अग्रणी है।
    • तांबा: विद्युत तारों, सौर पैनलों और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आवश्यक, जो ऊर्जा अवसंरचना का मूल है।
    • नियोबियम और टैंटलम: एयरोस्पेस मिश्र धातु, इलेक्ट्रॉनिक्स और चिकित्सा उपकरणों में प्रयुक्त।

राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन:

2025 में शुरू, यह भारत सरकार की एक रणनीतिक पहल है जो स्वच्छ ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और रक्षा के लिए आवश्यक खनिजों की दीर्घकालिक उपलब्धता सुनिश्चित करती है।

·         मिशन का कुल बजट ₹34,300 करोड़ है, जिसमें सरकार का योगदान ₹16,300 करोड़ और सार्वजनिक व निजी क्षेत्र का ₹18,000 करोड़ शामिल है।

·         यह योजना 2025-31 तक सात वर्षों के लिए है और इसका उद्देश्य चीन जैसे देशों पर भारत की आयात निर्भरता को कम करना है।

निष्कर्ष:

यह पहल इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरियों और नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों के लिए स्थायी आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करके भारत की हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देती है। यह घरेलू नवाचार को प्रोत्साहित करती है, अपशिष्ट को कम करती है और महत्वपूर्ण तकनीकों की आपूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित करती है।