संदर्भ:
हाल ही में भारत सरकार ने ई-ट्रकों (इलेक्ट्रिक ट्रकों) के लिए अपनी पहली प्रोत्साहन योजना शुरू की है, जो पीएम ई-ड्राइव योजना (PM E-DRIVE Scheme) के तहत लाई गई है। भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने इस योजना का औपचारिक रूप से शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य देशभर में लगभग 5,600 ई-ट्रकों की तैनाती को समर्थन देना है।
योजना की मुख्य विशेषताएँ:
- यह योजना N2 और N3 श्रेणी के ई-ट्रकों के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है।
- प्रोत्साहन राशि अधिकतम ₹9.6 लाख तक हो सकती है, जो वाहन के ग्रॉस व्हीकल वेट (GVW) पर निर्भर करती है।
- N2 श्रेणी में वे ट्रक शामिल हैं जिनका कुल वजन 3.5 टन से अधिक और 12 टन तक होता है।
- N3 श्रेणी में 12 टन से अधिक और 55 टन तक के ट्रक शामिल हैं।
योजना के लाभ:
- यह योजना स्वदेशी निर्माण को प्रोत्साहित करेगी।
- यह लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और परिवहन क्षेत्र के कार्बन उत्सर्जन को घटाने में मदद करेगी।
- योजना के संभावित लाभार्थियों में सीमेंट, बंदरगाह, इस्पात और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के ई-ट्रक उपयोगकर्ता शामिल हैं।
- ई-ट्रकों की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए निर्माता-प्रायोजित वारंटी प्रदान की जाएगी, जिसमें बैटरी पर 5 साल या 5 लाख किलोमीटर की वारंटी शामिल है।
प्रभाव:
- यह योजना भारत की 2070 तक नेट ज़ीरो उत्सर्जन लक्ष्य को समर्थन देने की एक रणनीतिक पहल है।
- ई-ट्रकों को अपनाकर सरकार जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम करने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को घटाने का लक्ष्य रखती है।
- योजना के तहत प्रोत्साहन पाने के लिए पुराने प्रदूषणकारी ट्रकों को स्क्रैप करना अनिवार्य है, जिससे यह पहल परिवहन क्षेत्र को स्वच्छ और टिकाऊ बनाने में योगदान देगी।
पीएम ई-ड्राइव योजना के बारे में:
पीएम ई-ड्राइव (PM Electric Drive Revolution in Innovative Vehicle Enhancement) एक प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन (EV) प्रोत्साहन योजना है, जिसे मंत्रिमंडल ने ₹10,900 करोड़ के बजट के साथ मंजूरी दी है।
यह योजना अक्टूबर 2024 से मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगी।
योजना के उद्देश्य:
- विभिन्न वाहन श्रेणियों में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाना।
- देशभर में ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे का निर्माण।
- आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप घरेलू ईवी निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र का विकास।
प्रोत्साहन के पात्र वाहन:
- इलेक्ट्रिक दोपहिया (e-2W) और तिपहिया (e-3W) वाहन (निजी एवं वाणिज्यिक)
- सार्वजनिक परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक बसें
- ई-एंबुलेंस
- स्क्रैपिंग प्रमाणपत्र के साथ ई-ट्रक
प्रमुख प्रोत्साहन प्रावधान:
- प्रोत्साहन अधिकतम एक्स-फैक्ट्री कीमत का 15% या निर्धारित वाहन-वार सीमा (जो भी कम हो) तक सीमित है।
- केवल वे ईवी वाहन जिनकी कीमत सूचित सीमा से कम है, वे ही प्रोत्साहन के पात्र होंगे।
निष्कर्ष:
ई-ट्रकों के लिए शुरू की गई यह प्रोत्साहन योजना भारत में स्वच्छ मालवाहन गतिशीलता (clean freight mobility) को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह योजना उत्सर्जन में कमी, स्वदेशी निर्माण को प्रोत्साहन और लॉजिस्टिक्स लागत में कटौती के ज़रिए परिवहन क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव डालने की संभावना रखती है।
ई-ट्रकों को अपनाने में सहायता देकर सरकार देश के परिवहन तंत्र को अधिक टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।