सन्दर्भ:
भारत सरकार ने गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार के लिए कई पहलें शुरू की हैं। जिनमें मिशन पोषण 2.0 और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) दो ऐसे कार्यक्रम हैं जिन्होंने उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर यह जानकारी दी।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) के बारे में:
2017 में प्रारंभ की गई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना एक मातृत्व लाभ योजना है, जिसका उद्देश्य प्रसव और शिशु देखभाल के दौरान होने वाले वेतन हानि (wage loss) की आंशिक भरपाई करना है। इस योजना ने अब तक 4.05 करोड़ से अधिक महिलाओं को गर्भावस्था और प्रसवोत्तर देखभाल के दौरान आर्थिक सहायता प्रदान कर सकारात्मक प्रभाव डाला है।
योजना के अंतर्गत:
● पात्र गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं को ₹5,000 की नकद प्रोत्साहन राशि तीन किस्तों में दी जाती है।
● यह गर्भावस्था का शीघ्र पंजीकरण (early registration), गर्भावस्था पूर्व स्वास्थ्य जांच (antenatal check-ups) तथा संस्थागत प्रसव (institutional deliveries) को प्रोत्साहित करती है।
मिशन पोषण 2.0 के बारे में:
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत प्रारंभ किया गया मिशन पोषण 2.0 कुपोषण की चुनौती को समग्र दृष्टिकोण (holistic manner) से संबोधित करने का प्रयास है। इसके अंतर्गत आंगनवाड़ी सेवाएं, पोषण अभियान और किशोरी बालिका योजना जैसी पूर्ववर्ती योजनाओं को एकीकृत (subsumed) कर एक समेकित ढांचा तैयार किया गया है।
जुलाई 2025 तक:
● 72.22 लाख गर्भवती महिलाएं पोषण ट्रैकर (Poshan Tracker) पर सक्रिय रूप से लाभार्थी के रूप में पंजीकृत हैं।
● पूरक पोषण (Supplementary Nutrition) के रूप में 600 कैलोरी और 18–20 ग्राम प्रोटीन युक्त टेक-होम राशन (THR) वर्ष में अधिकतम 300 दिनों तक प्रदान किया जाता है।
सेवाओं का विस्तार 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों, स्तनपान कराने वाली माताओं और 14–18 वर्ष की किशोरी बालिकाओं तक है, विशेष रूप से आकांक्षी जिलों और उत्तर-पूर्वी राज्यों में।
अन्य उपाय:
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) :
मातृ स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने व्यापक योजनाएं लागू की हैं:
● सुमन कार्यक्रम प्रत्येक महिला के लिए सम्मानजनक, शून्य-लागत, गुणवत्तापूर्ण मातृ देखभाल सुनिश्चित करता है।
● जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (जेएसएसके) निःशुल्क प्रसव , निदान, दवाइयां, रक्त और परिवहन की सुविधा प्रदान करता है।
● प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के तहत प्रत्येक माह की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क गर्भावस्था पूर्व स्वास्थ्य जांच (Antenatal Check-up) की सुविधा प्रदान की जाती है।
● विस्तारित PMSMA के तहत उच्च-जोखिम वाली गर्भावस्थाओं (high-risk pregnancies) की ट्रैकिंग और आशा कार्यकर्ताओं को वित्तीय प्रोत्साहन।
● आयरन एवं फोलिक एसिड (IFA) का पूरक सेवन तथा कृमिनाशक दवा से गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की दर कम होती है और जन्म के समय तथा गर्भावस्था के दौरान होने वाली जटिलताओं की संभावना घटती है।
पोषण ट्रैकर:
● मार्च 2021 में प्रारंभ किया गया पोषण ट्रैकर एक डिजिटल सुशासन उपकरण है, जो आंगनवाड़ी सेवाओं की मॉनिटरिंग करता है। यह पोषण, वृद्धि निगरानी, टेक-होम राशन (THR) वितरण और उपस्थिति का रियल-टाइम डेटा एकत्र करता है।
● जुलाई 2025 से, टेक-होम राशन वितरण के लिए फेशियल रिकग्निशन सिस्टम (FRS) अनिवार्य कर दिया गया है।
निष्कर्ष :
भारत की मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सुधार के लिए एकीकृत प्रयास मिशन पोषण 2.0, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) जैसी पहलों के माध्यम से किए जा रहे हैं। इन पहलों का उद्देश्य माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार करना और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करके सेवा प्रदायगी को सशक्त बनाया जा रहा है और जवाबदेही बढ़ाई जा रही है।