संदर्भ:
हाल ही में दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में स्थित पट्टे शाह दरगाह (दरगाह मस्जिद पट्टावाली) में भारी वर्षा के कारण दीवार एवं छत का एक हिस्सा ढह गया, जिसके परिणामस्वरूप जानमाल की हानि भी हुई। यह संरचना हुमायूँ के मकबरे के विश्व धरोहर स्थल के समीप स्थित है, किंतु यह स्थल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिसूचित संरक्षित स्मारकों की सूची में सम्मिलित नहीं है।
हुमायूँ के मकबरे के विषय में:
· 1570 में निर्मित हुमायूँ का मकबरा भारतीय उपमहाद्वीप का पहला प्रमुख उद्यान-मकबरा (Garden Tomb) है तथा ताजमहल का एक महत्त्वपूर्ण पूर्ववर्ती (Precursor) माना जाता है।
· इसे हुमायूँ की पहली पत्नी, महारानी बेगा बेगम (हाजी बेगम) ने बनवाया था, तथा फ़ारसी वास्तुकार मीराक मिर्ज़ा गयास और सैय्यद मुहम्मद ने डिज़ाइन किया था।
· इसकी संरचना में चारबाग (चार-चौथाई) उद्यान, संगमरमर से मढ़ा दोहरा गुंबद और ऊँचा चबूतरा शामिल है—ये सभी मुग़ल अंत्येष्टि वास्तुकला (Mughal Funerary Architecture) की प्रमुख विशेषताएँ हैं।
· इस मकबरे में 150 से अधिक मुग़ल शाही परिवार के सदस्यों के अवशेष विद्यमान हैं, जिस कारण इसे प्रायः “मुगलों का शयनागार” कहा जाता है।
· 1993 में इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त हुई। इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और आगा खान ट्रस्ट फ़ॉर कल्चर द्वारा व्यापक जीर्णोद्धार किया गया, जो ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण प्रयासों के महत्व को रेखांकित करता हैं।
हुमायूँ के विषय में:
1. राज्यारोहण एवं प्रारंभिक चुनौतियाँ:
· 1530 ई. में बाबर की मृत्यु के पश्चात् उनके ज्येष्ठ पुत्र हुमायूँ ने मुग़ल गद्दी संभाली।
· उनके शासनकाल की शुरुआत प्रशासनिक कमज़ोरी, वित्तीय संकट और सामंती विद्रोहों से घिरी रही।
· 1532 में चुनार की घेराबंदी में विजय उनकी प्रारंभिक उपलब्धियों में गिनी जाती है।
2. पराजय और निर्वासन :
· चौसा का युद्ध (1539): शेरशाह सूरी से पराजित; जीवन बड़ी कठिनाई से बचा।
· कन्नौज/बिलग्राम का युद्ध (1540): निर्णायक पराजय ने उन्हें 15 वर्षों के निर्वासन के लिए विवश किया।
· फ़ारस से प्राप्त समर्थन के आधार पर 1545 में कंधार और काबुल पर पुनः अधिकार किया तथा 1555 में दिल्ली की पुनः प्राप्ति की।
3. फ़ारसी प्रभाव और प्रशासनिक सुधार:
· निर्वासन काल में फ़ारसी संस्कृति और प्रशासन से गहरा प्रभाव ग्रहण किया।
· दरबारी शिष्टाचार, राजस्व प्रथाओं एवं संगठनात्मक ढाँचे में फ़ारसी परंपराओं को सम्मिलित किया।
· कला और वास्तुकला के क्षेत्र में भी फ़ारसी शैली को भारतीय संदर्भ में ढाला।
· दीनपनाह (शरण नगर) की स्थापना तथा जमाली मस्जिद का निर्माण उनके प्रशासनिक और धार्मिक संरक्षण को दर्शाता है।
4. स्थापत्य विरासत:
· हुमायूँ का मकबरा (1570): उनकी पत्नी हाजी बेगम द्वारा निर्मित।
· भारतीय उपमहाद्वीप का पहला भव्य उद्यान-मकबरा।
· इसमें चारबाग योजना, ऊँचा चबूतरा, तथा संगमरमर से मढ़ा दोहरा गुंबद जैसे स्थापत्य तत्त्व शामिल हैं। बाद की मुग़ल वास्तुकला, विशेषकर ताजमहल, का प्रेरणास्रोत बना।
5. सांस्कृतिक योगदान:
· फ़ारसी चित्रकार मीर सैय्यद अली और अब्दल समद को संरक्षण प्रदान किया, इससे मुग़ल लघु चित्रकला की नींव पड़ी।
· निगार खाना (चित्रकला का घर) की स्थापना की तथा हमज़ा-नामा चित्रण परियोजना शुरू की।
· उनकी बहन गुलबदन बेगम की रचना हुमायूँ-नामा मुग़ल दरबार और समकालीन समाज पर महिला दृष्टिकोण से एक अद्वितीय ऐतिहासिक स्रोत है।
निष्कर्ष:
हुमायूँ का मकबरा एक महत्वपूर्ण मुग़ल वास्तुकला है, जिसमें फ़ारसी और भारतीय शैलियों का सम्मिश्रण है और ताजमहल जैसे स्मारकों का मार्ग प्रशस्त हुआ। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में, यह सांस्कृतिक गौरव और वैश्विक विरासत मूल्य दोनों का प्रतीक है। हाल ही में पास में हुआ विध्वंस ऐतिहासिक संरचनाओं की नाजुकता को उजागर करता है और भारत की स्थापत्य विरासत की रक्षा के लिए न केवल संरक्षित स्मारकों, बल्कि आसपास के विरासत स्थलों के भी सतर्क संरक्षण की आवश्यकता को पुष्ट करता है।