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Blog / 12 Sep 2025

हिमाचल प्रदेश ‘पूर्ण साक्षर’ राज्य घोषित

सन्दर्भ-
हिमाचल प्रदेश को आधिकारिक रूप से उल्लास (Understanding Lifelong Learning for All in Society) पहल के तहत "पूर्ण साक्षर" घोषित किया गया है। इस प्रकार, यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत का पाँचवाँ राज्य/केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। हालांकि इसका अर्थ 100% साक्षरता नहीं है, लेकिन राज्य ने 99.3% साक्षरता दर प्राप्त कर ली है, जो कि सरकार द्वारा निर्धारित 95% की सीमा से अधिक है।

यह मील का पत्थर भारत के व्यापक साक्षरता लक्ष्यों का प्रतीक है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य (SDG-4) के अंतर्गत आते हैं, जिनका उद्देश्य 2030 तक सार्वभौमिक साक्षरता प्राप्त करना है।

सफलता के कारक

  • उच्च प्रारंभिक साक्षरता दर: 2011 की जनगणना के अनुसार 82.8%
  • मजबूत सामुदायिक भागीदारी और सुशासन।
  • अपेक्षाकृत छोटी जनसंख्या, जिससे पहुँच आसान रही।
  • स्वयंसेवकों और तकनीक-आधारित शिक्षण प्लेटफ़ॉर्म का प्रभावी उपयोग।

उल्लास कार्यक्रम के बारे में-
यह कार्यक्रम 2022 में शुरू किया गया था, जिसका लक्ष्य 2030 तक 100% साक्षरता प्राप्त करना है।

मुख्य विशेषताएँ

  • 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के उन वयस्कों पर केंद्रित, जिन्हें औपचारिक शिक्षा नहीं मिली।
  • बुनियादी पढ़ना, लिखना, गणना और जीवन कौशल (जैसेबैंक चेक का उपयोग, मोबाइल भुगतान, कैलेंडर, समय का ज्ञान) सिखाना।
  • मोबाइल ऐप्स और सामुदायिक स्वयंसेवकों के माध्यम से शिक्षा प्रदान करना।
  • शिक्षार्थियों का मूल्यांकन FLNAT (Functional Literacy and Numeracy Assessment Test) के माध्यम से।
  • राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) द्वारा प्रमाणन।

साक्षरता को सहयोग देने वाला राष्ट्रीय शैक्षिक ढाँचा
भारत के साक्षरता लक्ष्य, विद्यालय और वयस्क शिक्षा सुधारों की एक बड़ी पारिस्थितिकी से जुड़े हुए हैं। निम्नलिखित प्रमुख पहलें एक साथ मिलकर कार्य कर रही हैं:

पहल

उद्देश्य / केंद्रबिंदु

NEP 2020

प्री-स्कूल से उच्च शिक्षा तक समग्र, लचीला और बहुविषयक शिक्षा सुधार।

पीएम श्री स्कूल

14,500 NEP-संरेखित मॉडल स्कूल विकसित करना।

निपुण भारत मिशन

2026–27 तक कक्षा 3 तक मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान सुनिश्चित करना।

DIKSHA पोर्टल

शिक्षक प्रशिक्षण और ई-कॉन्टेंट हेतु राष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म। NISHTHA और FLN मॉड्यूल का समर्थन।

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF)

अनुभवात्मक और दक्षता-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना।

पीएम ई-विद्या

टीवी, रेडियो, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म द्वारा डिजिटल शिक्षा तक बहु-आयामी पहुँच।

उल्लास (ULLAS)

नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत वयस्क शिक्षा कार्यक्रम। जीवन पर्यंत सीखने और प्रमाणन पर केंद्रित।

ये कार्यक्रम औपचारिक शिक्षा और वयस्क शिक्षा को जोड़ते हैं, और शिक्षा तक समावेशी, समान एवं आजीवन पहुँच सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं।


सर्वव्यापी साक्षरता की चुनौतियाँ

  • क्षेत्रीय असमानताएँ: बिहार, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य अब भी पीछे हैं।
  • लैंगिक अंतर: ग्रामीण क्षेत्रों में महिला साक्षरता अब भी कम है।
  • डिजिटल खाई: सीमित इंटरनेट पहुँच, तकनीक-आधारित शिक्षण में बाधा डालती है।
  • पुराना आँकड़ा: अंतिम जनगणना 2011 में हुई, जिससे वास्तविक समय की नीतिगत लक्ष्यीकरण मुश्किल।
  • उच्च ड्रॉपआउट दर: प्रवासी और कामकाजी आबादी प्रशिक्षण पूरा करने में कठिनाई झेलती है।

निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश, गोवा, मिज़ोरम, लद्दाख और त्रिपुरा के साथ उन चुनिंदा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की श्रेणी में शामिल हो गया है, जिन्होंने पूर्ण साक्षरता का दर्जा हासिल किया है। यह उपलब्धि अन्य राज्यों के लिए एक रोडमैप प्रस्तुत करती है, जो यह दर्शाती है कि सुदृढ़ नीतियाँ, जमीनी अभियान और सामुदायिक भागीदारी शिक्षा को बढ़ावा देने में कितने प्रभावी हो सकते हैं।