सन्दर्भ:
लद्दाख स्थित हान्ले डार्क स्काई रिज़र्व (HDSR) ने हाल ही में अपने तीसरे वार्षिक “स्टार पार्टी” का आयोजन किया, जो भारत के खगोल-पर्यटन एवं वैज्ञानिक जन-जागरूकता पहलों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि को चिह्नित करता है। 18 से 23 सितम्बर 2025 के बीच आयोजित इस कार्यक्रम में देशभर से खगोलशास्त्री और खगोल-फ़ोटोग्राफ़र आए, जिन्हें पृथ्वी के सबसे अंधकारमय स्थलों में से एक पर खगोलीय घटनाओं का अवलोकन और उनका छायांकन करने का अद्वितीय अवसर प्राप्त हुआ।
2025 स्टार पार्टी के बारे में:
हान्ले डार्क स्काई रिज़र्व की तीसरी स्टार पार्टी का आयोजन भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA), केंद्रीय शासित प्रदेश लद्दाख के वन्यजीव संरक्षण विभाग तथा भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस आयोजन में भारत के विभिन्न क्षेत्रों—बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, मंडी, अहमदाबाद, लक्षद्वीप और मुंबई—से आए 45 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
डार्क स्काई रिज़र्व के बारे में:
इंटरनेशनल डार्क स्काई एसोसिएशन (IDA) के “अंतरराष्ट्रीय डार्क स्काई रिज़र्व कार्यक्रम दिशानिर्देशों” के अनुसार, इंटरनेशनल डार्क स्काई रिज़र्व (IDSR) सामान्यतः 700 वर्ग किलोमीटर या उससे अधिक के सार्वजनिक अथवा निजी क्षेत्र को कहा जाता है, जिसे असाधारण रूप से अंधकारमय रात्रिकालीन आकाश हेतु मान्यता प्राप्त होती है। ऐसे क्षेत्र सक्रिय रूप से उस अंधकार को संरक्षित रखने के प्रयास करते हैं ताकि इसका उपयोग वैज्ञानिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक, पारिस्थितिक तथा जनसामान्य की आनंदपरक आवश्यकताओं के लिए किया जा सके।
इस प्रकार के रिज़र्व को दो क्षेत्रों में संरचित किया जाता है—
- कोर क्षेत्र (Core Zone): यह सबसे अंधकारमय हिस्सा होता है, जिस पर कृत्रिम प्रकाश प्रदूषण का न्यूनतम प्रभाव पड़ता है और जिसे इस प्रकार बनाए रखा जाता है कि आकाशगंगा जैसे खगोलीय दृश्य सामान्य परिस्थितियों में स्पष्ट दिखाई दें।
- परिधीय/बफ़र क्षेत्र (Peripheral/Buffer Zone): यह कोर क्षेत्र को घेरे रहता है और बाहरी प्रकाश प्रदूषण से उसकी रक्षा करता है। इस क्षेत्र में अनुकूल प्रकाश व्यवस्था एवं नीतियों को अपनाना अनिवार्य होता है।
हान्ले डार्क स्काई रिज़र्व (HDSR) के बारे में:
दिसम्बर 2022 में स्थापित हान्ले डार्क स्काई रिज़र्व भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय डार्क स्काई रिज़र्व है। यह लगभग 1,073 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है और 4,500 मीटर की ऊँचाई पर चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य के अंतर्गत स्थित है। यह रिज़र्व भारतीय खगोलीय वेधशाला (IAO) के इर्द-गिर्द केंद्रित है, जिसका प्रबंधन भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के अंतर्गत किया जाता है।
हान्ले डार्क स्काई रिज़र्व के दो प्रमुख उद्देश्य हैं—
1. प्रकाश प्रदूषण का नियंत्रण: कृत्रिम प्रकाश को कम करने के उपायों का क्रियान्वयन, जिससे खगोलीय अनुसंधान एवं पारिस्थितिक संतुलन के लिए प्राकृतिक रात्रिकालीन आकाश संरक्षित रहे।
2. खगोल-पर्यटन को बढ़ावा: अंधकारमय आकाश का उपयोग कर स्थानीय समुदायों की आजीविका को पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन के माध्यम से सुदृढ़ करना।
यह रिज़र्व बॉर्टल-1 श्रेणी के आकाश से युक्त है जो सबसे अंधकारमय श्रेणी मानी जाती है और इस कारण यह तारामंडल अवलोकन एवं खगोल-फोटोग्राफी के लिए आदर्श स्थल है।
निष्कर्ष:
हान्ले डार्क स्काई रिज़र्व में आयोजित तीसरी वार्षिक स्टार पार्टी वैज्ञानिक अनुसंधान, पर्यावरण संरक्षण एवं सामुदायिक विकास के सफल एकीकरण का उदाहरण प्रस्तुत करती है। भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय डार्क स्काई रिज़र्व के रूप में HDSR न केवल प्राकृतिक रात्रिकालीन आकाश की रक्षा करता है, बल्कि खगोल-पर्यटन के माध्यम से सतत एवं समावेशी विकास की दिशा में भी मार्ग प्रशस्त करता है।