संदर्भ:
हाल ही में भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट (WTI) ने "गार्डियंस ऑफ द वाइल्ड" नामक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जो उन वनकर्मियों को सम्मानित करती है, जिन्होंने वनों और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।
रिपोर्ट के बारे में:
"गार्डियंस ऑफ द वाइल्ड" रिपोर्ट वास्तविक जीवन की कहानियों, केस स्टडीज़ और तस्वीरों का एक वृत्तचित्र-शैली का संग्रह है। यह भारत में वन्यजीव संरक्षण के अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे वन रक्षक, महावत, ट्रैकर और स्थानीय समुदाय के सदस्यों के अनुभवों को सामने लाता है। रिपोर्ट उनके रोज़मर्रा के संघर्षों की एक दुर्लभ झलक पेश करती है, जिनमें शामिल हैं:
· मानव और वन्यजीव के बीच संघर्ष की स्थितियाँ
· अवैध शिकार रोधी गश्त
· प्राकृतिक आपदाएँ
· दुर्गम इलाकों में लंबे समय तक निगरानी और सुरक्षा
पहचान और सुधार की अपील:
रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब भारत के संरक्षित क्षेत्र अवैध अतिक्रमण, जलवायु परिवर्तन और आवासीय क्षति के कारण बढ़ते दबाव में हैं। फिर भी, सबसे पहले मुकाबला करने वाली टीम अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे वन रक्षक, अभी भी संसाधनों, वेतन और पहचान की कमी का सामना कर रही है।
रिपोर्ट में प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
· बेहतर बीमा कवरेज और स्वास्थ्य लाभ
· पर्याप्त प्रशिक्षण और सुरक्षा उपकरण
· मानसिक स्वास्थ्य सहायता
· नीतिगत चर्चाओं में शामिल होना
भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट के बारे में:
भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट (WTI) भारत में वन्यजीव संरक्षण के लिए एक प्रमुख चैरिटेबल ट्रस्ट है। इसकी स्थापना 1998 में नई दिल्ली में हुई थी। इसका मुख्यालय नोएडा, उत्तर प्रदेश में है और इसे भारत के सबसे प्रभावशाली वन्यजीव संरक्षण संगठनों में माना जाता है।
मुख्य सेवाएँ:
भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट का बहुआयामी दृष्टिकोण निम्नलिखित क्षेत्रों में है:
· घायल या संकटग्रस्त वन्यजीवों का आपातकालीन बचाव
· संकटग्रस्त और लुप्तप्राय प्रजातियों की प्रजनन और संरक्षण कार्यक्रम
· प्राकृतिक आवास की बहाली और समुदाय के साथ संरक्षण कार्य
· बचाए गए वन्यजीवों को पुनः जंगल में लौटाना
· तस्करी और अवैध वन्यजीव व्यापार रोकने के लिए कानून और प्रवर्तन में सहयोग
निष्कर्ष:
"गार्डियंस ऑफ द वाइल्ड" रिपोर्ट सिर्फ एक रिपोर्ट नहीं, बल्कि एक पहल है। इसका उद्देश्य वन्यजीव संरक्षण को मानवीय दृष्टिकोण से दिखाना और उन लोगों पर ध्यान केंद्रित करना है जो इसे ज़मीनी स्तर पर लागू करते हैं। भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट सरकार, नागरिक समाज और आम जनता से अपील करता है कि वे भारत के वन फ्रंटलाइन कर्मचारियों को अधिक संस्थागत समर्थन और सम्मान दें।
