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Blog / 13 Nov 2025

दिल्ली में GRAP चरण-3 लागू: गंभीर प्रदूषण नियंत्रण उपाय | Dhyeya IAS

संदर्भ:

हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की वायु गुणवत्ता में तीव्र गिरावट दर्ज की गई है, जिसमें वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) “गंभीरश्रेणी (401–450) में पहुँच गया है और कुछ क्षेत्रों में यह इससे भी अधिक स्तर पर चला गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली और उसके आस-पास के ज़िलों में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को लागू करने का निर्देश जारी किया है।

ग्रेप-3 के बारे में:

      • ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) एक आपातकालीन कार्ययोजना है, जिसे दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थितियों से निपटने के लिए लागू किया जाता है। यह योजना चार चरणों (Stage I से IV) में विभाजित है, जो वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के स्तर के आधार पर तय किए जाते हैं।
      • चरण III तब लागू किया जाता है जब AQI का स्तर 401 या उससे अधिक पहुँच जाता है, जो गंभीरवायु प्रदूषण की स्थिति को दर्शाता है।
      • इस चरण में वाहनों की आवाजाही, निर्माण कार्यों और औद्योगिक गतिविधियों पर कड़ी पाबंदियाँ लगाई जाती हैं, ताकि प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित और कम किया जा सके।

Graded Response Action Plan (GRAP) 3 in Delhi

चरण-III के तहत लागू नियम:

      • दिल्ली-एनसीआर में BS-III पेट्रोल वाहनों और BS-IV डीज़ल वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
      • इस प्रतिबंध में कारों और दोपहिया वाहनों जैसे हल्के मोटर वाहन (LMV) भी शामिल हैं।
      • केवल इलेक्ट्रिक, CNG और BS-VI डीज़ल वाहनों को चलाने की अनुमति दी गई है।

अन्य प्रतिबंध:

      • गैर-जरूरी निर्माण और तोड़फोड़ (Demolition) के सभी कार्य रोक दिए जाते हैं।
      • सीमेंट, रेत, फ्लाई ऐश जैसी धूल पैदा करने वाली सामग्रियों के परिवहन पर रोक लगाई जाती है।
      • केवल राष्ट्रीय महत्व या जनहित वाले प्रोजेक्ट (जैसे अस्पताल, मेट्रो निर्माण आदि) सुरक्षा उपायों के साथ जारी रह सकते हैं।

छूट प्राप्त वाहन:

      • शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहन।
      • आपातकालीन सेवाओं (जैसे एंबुलेंस, फायर ट्रक, पुलिस आदि) के वाहन।
      • सरकारी या यूटिलिटी वाहन, जो आवश्यक सेवाओं में लगे हों।
      • जरूरी वस्तुओं (जैसे खाद्य पदार्थ, दवाएँ, ईंधन आदि) ले जाने वाले मालवाहक वाहन।

प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर दंड:

यदि कोई प्रतिबंधित वाहन ग्रेप-3 के दौरान सड़कों पर पाया जाता है, तो उसके वाहन मालिक पर निम्न कार्रवाई की जा सकती है:

      • मोटर वाहन अधिनियम और प्रदूषण नियंत्रण नियमों के तहत ₹20,000 या उससे अधिक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
      • बार-बार उल्लंघन की स्थिति में वाहन को जब्त भी किया जा सकता है।

इन नियमों का कड़ाई से पालन दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में किया जाएगा।

इन उपायों का महत्व:

      • वाहनों से निकलने वाला धुआँ, खासकर पुराने इंजन और डीज़ल कण (Particulate Matter), वायु प्रदूषण का बड़ा कारण हैं। ऐसे में पुराने या ज़्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर रोक लगाने से प्रदूषण का स्तर घटता है।
      • इसके साथ ही, धूल, निर्माण/विध्वंस कार्य और गैर-मानक ईंधन से होने वाले प्रदूषण को भी GRAP-3 के अंतर्गत नियंत्रित किया जाता है।
      • ये प्रतिबंध तीव्र वायु प्रदूषण की स्थितियों से निपटने के लिए अस्थायी और आपातकालीन उपाय हैं; इनका उद्देश्य स्थायी या हमेशा के लिए पूर्ण प्रतिबंध लगाना नहीं है।