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Blog / 12 May 2025

स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी योजना का विस्तार

सन्दर्भ:

हाल ही में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी योजना (CGSS) के विस्तार को आधिकारिक रूप से अधिसूचित किया है। इस सुधार का उद्देश्य स्टार्टअप्स के लिए पूंजी जुटाने को सरल बनाना, ऋणदाताओं के लिए कर्ज संबंधी जोखिम को कम करना तथा भारत को नवाचार-आधारित और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाने के मिशन को और अधिक सशक्त करना है।

विस्तारित योजना की मुख्य विशेषताएं:

स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी योजना (CGSS) के विस्तार से कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं, जिससे इस योजना की उपयोगिता और आकर्षण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

गारंटी कवर सीमा में वृद्धि

·        प्रति उधारकर्ता अधिकतम गारंटी कवर को दोगुना कर ₹10 करोड़ से बढ़ाकर ₹20 करोड़ कर दिया गया है।

गारंटी कवर प्रतिशत में संशोधन

·        ₹10 करोड़ तक की ऋण राशि पर सरकार अब डिफॉल्ट की गई राशि का 85% तक गारंटी कवर प्रदान करेगी।

·        ₹10 करोड़ से अधिक की ऋण राशि के मामलों में यह कवरेज 75% होगा।

चैंपियन सेक्टरों के लिए वार्षिक गारंटी शुल्क (AGF) में कटौती

·        मेक इन इंडियापहल के अंतर्गत चिन्हित 27 प्रमुख क्षेत्रों में कार्यरत स्टार्टअप्स के लिए वार्षिक गारंटी शुल्क को 2% से घटाकर 1% कर दिया गया है।

·        ये क्षेत्र भारत के विनिर्माण आधार, तकनीकी प्रगति और निर्यात क्षमताओं को सशक्त बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

विस्तारित योजना के लाभ:

·        ऋण तक पहुँच में वृद्धि: बेहतर गारंटी शर्तों के कारण बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए स्टार्टअप्स को ऋण उपलब्ध कराना अधिक आकर्षक बन गया है। इससे प्रारंभिक चरण के नवाचार-आधारित उद्यमों के लिए पूंजी की उपलब्धता में उल्लेखनीय विस्तार होगा।

·        ऋण जोखिम में कमी: सरकार द्वारा ऋणदाताओं के साथ जोखिम साझा करने से वित्तीय संस्थान अब स्टार्टअप्स को वित्तपोषण प्रदान करने में अधिक सहज महसूस करेंगे। चूँकि स्टार्टअप्स के पास अक्सर सीमित अनुभव और संपार्श्विक (कोलेटरल) नहीं होता, वे सामान्यतः उच्च जोखिम वाले माने जाते हैं — यह योजना उस धारणा को बदलने में सहायक होगी।

·        अनुसंधान, विकास एवं नवाचार को प्रोत्साहन: अब स्टार्टअप्स के पास अनुसंधान, विकास और उत्पाद नवाचार में निवेश के लिए अधिक वित्तीय संसाधन उपलब्ध होंगे। इससे भारत को उन्नत तकनीकी समाधान विकसित करने और एक वैश्विक नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित होने में मदद मिलेगी।

·        प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों को सशक्त समर्थन: चैंपियन सेक्टरों के लिए वार्षिक गारंटी शुल्क में की गई कटौती से ऋण लेना अधिक किफायती होगा। इससे पूंजी उन रणनीतिक क्षेत्रों की ओर प्रवाहित होगी जो भारत की आर्थिक प्रगति और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अहम भूमिका निभाते हैं।

योजना के बारे में:

स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी योजना (CGSS) की शुरुआत 6 अक्टूबर, 2022 को स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के तहत की गई थी, जिसकी आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 16 जनवरी, 2016 को रखी गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्टार्टअप्स के लिए निम्नलिखित माध्यमों से जमानत -मुक्त ऋण वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करना है :

  • कार्यशील पूंजी ऋण
  • सावधि ऋण
  • उद्यम ऋण

सीजीएसएस निम्नलिखित द्वारा दिए गए ऋणों को कवर करता है:

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
  • अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं (एआईएफआई)
  • गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (एनबीएफसी)
  • सेबी-पंजीकृत वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ)

निष्कर्ष:

इस योजना का विस्तार केंद्रीय बजट 2025-26 के उद्देश्य के अनुरूप है, जिसमें उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए ऋण उपलब्धता में सुधार और पूंजीगत लागत को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। यह विस्तार सरकार की उस प्रतिबद्धता को भी स्पष्ट करता है, जिसके तहत नवाचार, स्टार्टअप सशक्तिकरण और आर्थिक आत्मनिर्भरता के माध्यम से भारत को विकसित भारत (Viksit Bharat) में बदलने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।