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Blog / 28 Oct 2025

कैंसर उपचार के लिए गूगल एआई मॉडल

सन्दर्भ:

गूगल डीपमाइंड (Google DeepMind) के सेल2सेंटेंस-स्केल (C2S-Scale) एआई मॉडल ने येल विश्वविद्यालय के सहयोग से एक नया कैंसर उपचार संबंधी परिकल्पना (hypothesis) उत्पन्न की है, जिसे प्रयोगात्मक रूप से भी प्रमाणित किया गया है। यह परिकल्पना ऐसे कोल्ड ट्यूमर को प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए दृश्यमान बना सकती है, जिन्हें सामान्यतः शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पहचान नहीं पाती।

C2S-Scale के बारे में:

C2S-Scale गूगल डीपमाइंड, गूगल रिसर्च और येल विश्वविद्यालय द्वारा विकसित ओपन-सोर्स बड़े भाषा मॉडल्स (LLMs) का एक समूह है।
यह जेम्मा (Gemma) फ्रेमवर्क पर आधारित है और इसे व्यक्तिगत कोशिकाओं (cells) की भाषाको समझने और उससे नए वैज्ञानिक निष्कर्ष उत्पन्न करने के लिए बनाया गया है। इसका उद्देश्य जीनोमिक डेटा और मानव भाषा के बीच के अंतर को ख़त्म करना है।

Google AI model helps unmask cancer cells to the immune system: Lead  scientist explains breakthrough | Explained News - The Indian Express

मुख्य कार्यप्रणाली:

जटिल जैविक डेटा को संसाधित करने के लिए C2S-Scale एक अनोखी रूपांतरण प्रक्रिया अपनाता है

    • इनपुट (Input):
      मॉडल को सिंगल-सेल RNA सीक्वेंसिंग (scRNA-seq) डेटा के विशाल डेटासेट (27 अरब पैरामीटर) पर प्रशिक्षित किया गया है, जो प्रत्येक कोशिका के जीन अभिव्यक्ति (gene expression) को मापता है।
    • रूपांतरण (Conversion):
      एक कोशिका में जीन गतिविधि को एक सेल सेंटेंस (cell sentence)” में परिवर्तित किया जाता है अर्थात जीनों की एक श्रृंखला, जिन्हें उनकी अभिव्यक्ति के स्तर के अनुसार क्रमबद्ध किया जाता है।
    • विश्लेषण (Analysis):
      इसके बाद मॉडल अपनी भाषा प्रसंस्करण क्षमताओं (language processing capabilities) का उपयोग करते हुए लाखों कोशिकाओं के सेल सेंटेंसको पढ़ताऔर समझता है।
      यह सीखता है कि कौन-से पैटर्न किसी कोशिका के प्रकार, अवस्था और व्यवहार को परिभाषित करते हैं।

एआई मॉडल की वैज्ञानिक उपलब्धि:

    • एआई मॉडल ने सही भविष्यवाणी की कि सिल्मिटासर्टिब को लो-डोज़ इंटरफेरॉन के साथ मिलाने से कुछ कैंसर कोशिकाएँ प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए अधिक दृश्यमान हो सकती हैं।
      प्रयोगशाला परीक्षणों ने इस भविष्यवाणी को सत्य साबित किया। एंटीजन प्रस्तुति (antigen presentation) में लगभग 50% की वृद्धि देखी गई।
    • यह खोज विशेष रूप से उनकोल्ड ट्यूमरके उपचार में सहायक हो सकती है जो आम तौर पर प्रतिरक्षा प्रणाली से छिपे रहते हैं।
      सिल्मिटासर्टिब CK2 प्रोटीन को अवरुद्ध करके काम करता है और जब इसे इंटरफेरॉन के साथ मिलाया जाता है, तो यह कैंसर कोशिकाओं पर मौजूद संकेतोंको मजबूत करता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को उन्हें पहचानने में मदद करते हैं।

कैंसर उपचार के लिए निहितार्थ:

यह खोज कैंसर उपचार के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण संभावनाएँ प्रस्तुत करती है।

    • C2S-Scale संभावित दवा उम्मीदवारों की पहचान कर सकता है और उनकी प्रभावशीलता का पूर्वानुमान लगा सकता है।
    • यह एआई मॉडल शोधकर्ताओं को सबसे संभावनाशील दवा संयोजनों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है, जिससे दवा खोज (drug discovery) की प्रक्रिया तेज़ और कुशल हो जाती है।
    • इससे प्रयोगों का दायरा संकुचित होकर अधिक लक्षित हो जाता है और विचार से उपचार (idea to therapy) तक की अवधि में नाटकीय रूप से कमी आ सकती है।

निष्कर्ष:

हालाँकि प्रारंभिक परिणाम उत्साहजनक हैं, लेकिन यह समझने के लिए आगे और शोध एवं क्लिनिकल ट्रायल्स आवश्यक हैं कि क्या यह प्रभाव वास्तविक रोगियों के लिए सुरक्षित और प्रभावी उपचार में परिवर्तित हो सकता है। सेल2सेंटेंस-स्केल (C2S-Scale) का विकास सिंगल-सेल विश्लेषण के क्षेत्र में एक नया मोर्चा खोलता है, जो वैज्ञानिकों को नई जैविक अंतर्दृष्टियाँ प्राप्त करने और नवीन कैंसर उपचार विकसित करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण प्रदान करता है।