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Blog / 05 Sep 2025

वैश्विक शांति सूचकांक (GPI) 2025

संदर्भ:

हाल ही में जारी वैश्विक शांति सूचकांक (Global Peace Index - GPI) 2025 में आइसलैंड को लगातार 17वें वर्ष विश्व का सबसे शांतिपूर्ण देश घोषित किया गया है। भारत इस सूचकांक में 163 देशों में से 115वें स्थान पर रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में उसके शांति स्कोर में मामूली सुधार को दर्शाता है

वैश्विक शांति सूचकांक (GPI) के विषय में:

    • वैश्विक शांति सूचकांक (Global Peace Index - GPI) एक वार्षिक रिपोर्ट है, जो विश्व के देशों की सापेक्षिक शांति का मूल्यांकन करती है। यह रिपोर्ट अर्थशास्त्र और शांति संस्थान (Institute for Economics and Peace - IEP) द्वारा प्रकाशित की जाती है, जिसका मुख्यालय सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में स्थित है।
    • GPI 2025 में 163 स्वतंत्र देशों और क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जो विश्व की कुल जनसंख्या का लगभग 99.7% प्रतिनिधित्व करते हैं। यह सूचकांक देशों का मूल्यांकन तीन मुख्य क्षेत्रों में समूहीकृत 23 संकेतकों के आधार पर करता है।

वैश्विक शांति सूचकांक में भारत का स्थान:

भारत, वर्ष 2025 के वैश्विक शांति सूचकांक (GPI) में 115वें स्थान पर रहा है, जो पिछले वर्ष की तुलना में मामूली सुधार को दर्शाता है। भारत का वर्तमान GPI स्कोर 2.229 है, जो शांति में 0.58% की वृद्धि को दर्शाता है।

हालांकि यह प्रगति सकारात्मक संकेत है, भारत को अब भी आंतरिक संघर्षों, सीमा तनावों, और सुरक्षा संबंधी चिंताओं जैसी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

शीर्ष 10 सबसे शांतिपूर्ण देश (2025):

·        वर्ष 2025 के वैश्विक शांति सूचकांक (GPI) में सबसे शांतिपूर्ण देशों की सूची में आइसलैंड, आयरलैंड, न्यूज़ीलैंड, फ़िनलैंड, ऑस्ट्रिया, स्विट्ज़रलैंड, सिंगापुर, पुर्तगाल, डेनमार्क, और स्लोवेनिया शामिल हैं। ये देश सामाजिक स्थिरता, कम अपराध दर, प्रभावी शासन, और सैन्य हस्तक्षेप की न्यूनता जैसे मानकों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। इनमें से आइसलैंड लगातार 17वें वर्ष भी दुनिया का सबसे शांतिपूर्ण देश बना हुआ है।

·        वहीं, सबसे कम शांतिपूर्ण देशों में रूस, यूक्रेन, सूडान, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC), और यमन शामिल हैं। इन देशों में जारी सशस्त्र संघर्ष, राजनीतिक अस्थिरता, आतंकवाद, और मानवीय संकट शांति सूचकांक में गिरावट के मुख्य कारण हैं।

क्षेत्रीय अंतर्दृष्टि:

·        यूरोप: शीर्ष 10 में अधिकांश स्थानों पर काबिज़, सबसे शांतिपूर्ण क्षेत्र बना हुआ है।

·        दक्षिण अमेरिका: विशेष रूप से अर्जेंटीना और पेरू में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

·        उप-सहारा अफ्रीका और मध्य पूर्व: अभी भी सबसे कम शांतिपूर्ण क्षेत्र बने हुए हैं।

·        वैश्विक प्रवृत्ति: बढ़ते आंतरिक संघर्षों, सैन्यीकरण, और भू-राजनीतिक तनावों के कारण वैश्विक शांति में समग्र रूप से गिरावट देखी गई है।

अर्थशास्त्र एवं शांति संस्थान (आईईपी) के बारे में:

·        अर्थशास्त्र एवं शांति संस्थान (IEP) एक स्वतंत्र, गैर-लाभकारी थिंक टैंक है, जो शांति को मापने, उसके आर्थिक प्रभाव को समझने और स्थायी शांति को बढ़ावा देने वाले सामाजिक, आर्थिक और संस्थागत कारकों की पहचान करने के लिए कार्य करता है।

मुख्य अवधारणाएँ:

    • सकारात्मक शांति: आईईपी "सकारात्मक शांति" के विचार को बढ़ावा देता है, जिसे आठ स्तंभों द्वारा परिभाषित किया गया है, जिनमें एक सुचारु रूप से कार्य करने वाली सरकार, कम भ्रष्टाचार, सुदृढ़ व्यावसायिक वातावरण, संसाधनों का समान वितरण, आदि शामिल हैं।
    • यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि शांति केवल हिंसा का अभाव नहीं है, बल्कि सामाजिक सद्भाव को बनाए रखने वाली संरचनाओं की उपस्थिति है।

मुख्यालय और वैश्विक उपस्थिति:

    •  सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में मुख्यालय।
    • न्यूयॉर्क, ब्रुसेल्स, द हेग, मेक्सिको सिटी और हरारे में वैश्विक कार्यालय स्थित हैं।

निष्कर्ष:

हालांकि जीपीआई 2025 रैंकिंग में भारत का मामूली सुधार एक सकारात्मक संकेत है, फिर भी अभी भी कई चुनौतियाँ हैं। आंतरिक अशांति से निपटना, सैन्यीकरण को कम करना और समावेशी विकास को बढ़ावा देना दीर्घकालिक शांति सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण होगा। जीपीआई नीति निर्धारण और राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्थिरता की प्रगति को मापने के लिए एक महत्वपूर्ण मानक के रूप में कार्य करता है।