सन्दर्भ:
हाल ही में इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEP) द्वारा ग्लोबल पीस इंडेक्स (GPI) 2025 जारी किया गया। इसके अनुसार, वैश्विक शांति स्तर में 0.36 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। यह लगातार 13वीं बार है जब दुनिया में शांति का स्तर और नीचे गया है।
रिपोर्ट का दायरा और पद्धति:
GPI 2025 रिपोर्ट में 163 देशों को शामिल किया गया है, जो विश्व की 99.7% जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह रिपोर्ट 23 गुणात्मक और मात्रात्मक संकेतकों के आधार पर तीन प्रमुख डोमेन में शांति का मूल्यांकन करती है:
1. सामाजिक सुरक्षा और सुरक्षा का स्तर
2. आंतरिक एवं बाह्य संघर्षों की तीव्रता
3. सैन्यीकरण की स्थिति
प्रमुख निष्कर्ष:
· रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में दुनिया में 59 सक्रिय राज्य-आधारित संघर्ष चल रहे हैं, जो कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे अधिक हैं।
· बीते एक वर्ष में 17 देशों में 1000 से अधिक संघर्षजनित मौतें दर्ज की गई हैं।
· 2008 से अब तक 17 में से 23 संकेतकों में गिरावट आई है।
· 2025 में कुल 94 देशों में शांति का स्तर गिरा, जबकि 66 देशों में सुधार हुआ और 1 में कोई बदलाव नहीं हुआ।
· केवल 9% संघर्ष निर्णायक सैन्य जीत में समाप्त होते हैं, और मात्र 4% का समाधान संवाद के ज़रिए हुआ। इससे ‘फॉरएवर वॉर्स’ की प्रवृत्ति को बल मिला है।
भारत की स्थिति:
भारत को 2025 के GPI में 115वां स्थान प्राप्त हुआ है, और उसका GPI स्कोर 2.229 है। भारत की रैंकिंग में 0.58% का सुधार देखा गया है। यह पहले की तुलना में बेहतर है:
· 2024 – 116वां स्थान
· 2023 – 126वां स्थान
· 2020 – 139वां स्थान
· 2019 – 141वां स्थान
यह सुधार भारत में आंतरिक सुरक्षा, सीमा सुरक्षा, और राजनीतिक स्थिरता में धीरे-धीरे हुए सुधार को दर्शाता है।
क्षेत्रीय विश्लेषण – दक्षिण एशिया:
रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में औसत शांति स्तर में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है। खासतौर पर बांग्लादेश और पाकिस्तान में शांति का स्तर तेज़ी से गिरा है। अफगानिस्तान को अब भी इस क्षेत्र और विश्व का सबसे अस्थिर व अशांत देश माना गया है।
अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य:
रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया एक नए भू-राजनीतिक ध्रुवीकरण की ओर बढ़ रही है। महाशक्तियों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा, मध्यम-स्तरीय शक्तियों का उदय और उन्नत सैन्य तकनीकों (जैसे AI-ड्रोन, स्पेस हथियार) की होड़ ने संघर्षों को और जटिल बना दिया है।
साथ ही, रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 के बाद से हर परमाणु हथियार संपन्न देश ने अपने शस्त्रागार को बढ़ाया है। सिपरी (Stockholm International Peace Research Institute) की हालिया रिपोर्ट भी इस परमाणु होड़ की पुष्टि करती है।
सबसे शांतिपूर्ण देश:
जीपीआई 2025 के अनुसार आइसलैंड लगातार 2008 से विश्व का सबसे शांतिपूर्ण देश बना हुआ है। उसके बाद आयरलैंड, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रिया का स्थान है।
जीपीआई 2025 |
देश |
1 |
आइसलैंड |
2 |
आयरलैंड |
3 |
न्यूजीलैंड |
4 |
ऑस्ट्रिया |
5 |
स्विट्जरलैंड |
6 |
सिंगापुर |
7 |
पुर्तगाल |
8 |
डेनमार्क |
9 |
स्लोवेनिया |
10 |
फिनलैंड |
निष्कर्ष:
जीपीआई 2025 स्पष्ट करता है कि दुनिया में शांति लगातार गिर रही है और परंपरागत संघर्ष समाधान रणनीतियाँ असफल हो रही हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार, 'सकारात्मक शांति' में निवेश ही एकमात्र स्थायी समाधान है, जो आर्थिक वृद्धि, सामाजिक कल्याण और वैश्विक स्थिरता का आधार बन सकता है। भारत की स्थिति में सुधार उत्साहजनक है, लेकिन क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर चुनौतियाँ अभी भी गंभीर बनी हुई हैं।