संदर्भ:
हाल ही में वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन (WIPO) ने पोर्टुलांस इंस्टीट्यूट के सहयोग से ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) 2025 का 18वां संस्करण प्रकाशित किया।
जीआईआई 2025 की वैश्विक मुख्य बातें:
1. शीर्ष नवप्रवर्तक और रैंकिंग में बदलाव
· स्विट्जरलैंड पहले स्थान पर बना हुआ है, इसके बाद स्वीडन, अमेरिका, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर का स्थान है।
· खास बात यह है कि चीन पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुआ है और वर्तमान में 10वें स्थान पर है। जर्मनी अब शीर्ष 10 से बाहर हो गया है।
2. नवाचार में बेहतर प्रदर्शन करने वाले देश
· कुछ मध्यम और निम्न आय वाले देश अपनी आय के स्तर से बेहतर नवाचार प्रदर्शन कर रहे हैं। इन्हें “ओवर-परफॉर्मर” कहा जाता है। भारत और वियतनाम इस श्रेणी में शामिल हैं।
3. नवाचार निवेश की धीमी गति
· वैश्विक स्तर पर अनुसंधान एवं विकास (R&D) की वृद्धि दर घटकर 2024 में 2.9% हो गई, जबकि 2023-24 में यह लगभग 4.4% थी। 2025 के लिए अनुमानित वृद्धि दर 2.3% है।
· कॉर्पोरेट R&D निवेश कमजोर है, विशेषकर आईसीटी, एआई और फार्मा सेक्टर के बाहर। विनिर्माण और उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्रों ने अपने निवेश में कटौती की है।
4. वेंचर कैपिटल (VC) रुझान
· 2024 में वेंचर कैपिटल सौदों का कुल मूल्य लगभग 7.7% बढ़ा, मुख्य रूप से अमेरिका में बड़े सौदे और जेनरेटिव AI में निवेश के कारण।
· हालांकि, VC सौदों की संख्या लगातार तीसरे वर्ष लगभग 4.4% घटी है।
भारत का प्रदर्शन – जीआईआई 2025:
1. रैंक और प्रवृत्ति
· भारत 139 अर्थव्यवस्थाओं में 38वें स्थान पर है।
· भारत, सेंट्रल और साउदर्न एशिया में शीर्ष पर है और लोअर-मिडिल इनकम देशों में सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
2. ओवर-परफॉर्मर का दर्जा
· भारत लगातार 15 वर्षों (2011 से) से नवाचार ओवर-परफॉर्मर रहा है, यानी इसकी आय के स्तर की तुलना में नवाचार का प्रदर्शन बेहतर है।
3. भारत की प्रमुख ताकतें
· मजबूत आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) सेवाओं का निर्यात।
· जीवंत स्टार्टअप इकोसिस्टम – यूनिकॉर्न कंपनियों का मूल्यांकन, लेट-स्टेज VC डील्स, अमूर्त संपत्तियों का विस्तार।
· बेहतर ज्ञान सृजन – वैज्ञानिक प्रकाशनों और पेटेंट फाइलिंग में वृद्धि।
· इनोवेशन क्लस्टर्स – भारत के चार क्लस्टर वैश्विक शीर्ष-100 में (बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई)।
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) के बारे में:
- ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स हर वर्ष वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन (WIPO) द्वारा पोर्टुलांस इंस्टीट्यूट के साथ साझेदारी में प्रकाशित किया जाता है।
- इसकी शुरुआत 2007 में हुई थी।
- यह लगभग 139 अर्थव्यवस्थाओं के नवाचार प्रदर्शन का आकलन करता है और करीब 80 संकेतकों (इंडिकेटर्स) का उपयोग करता है।
निष्कर्ष:
भारत ने नवाचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। यह 2020 में 48वें स्थान से बढ़कर 2024 में 39वें और अब 2025 में 38वें स्थान पर पहुंच गया है। यह उपलब्धि अनुसंधान एवं विकास (R&D) में बढ़ते निवेश, हाई-टेक्नोलॉजी निर्यात और बौद्धिक संपदा (IP) फाइलिंग में वृद्धि की वजह से संभव हुई है। उच्च-आय वाले देशों के साथ नवाचार के अंतर को कम करने के लिए देशों को संरचनात्मक सुधार लागू करने होंगे, अनुसंधान एवं विकास (R&D) में निवेश बढ़ाना होगा, सभी के लिए नवाचार तक समावेशी पहुंच सुनिश्चित करनी होगी और सतत (सस्टेनेबल) नवाचार को प्राथमिकता देनी होगी, जो पर्यावरणीय और आर्थिक लक्ष्यों का संतुलन बनाए।