संदर्भ:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में गाज़ा में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए एक व्यापक 20 बिंदुओं वाला शांति प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गाज़ा में जारी हिंसा को समाप्त करना, बंधक संकट का समाधान करना, और वहाँ की शासन व्यवस्था तथा पुनर्निर्माण को पुनर्गठित करना है।
पृष्ठभूमि:
7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इज़राइल पर किए गए हमलों के बाद इज़राइल-हमास संघर्ष बहुत तेज़ी से बढ़ गया। इसके जवाब में इज़राइल ने गाज़ा में बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाया। कई बार युद्धविराम, बंधक अदला-बदली और पुनर्निर्माण की कोशिशें की गईं, लेकिन कोई स्थायी शांति नहीं बन सकी। इस युद्ध के चलते गाज़ा में गंभीर मानवीय संकट गहराता गया, जिसमें हज़ारों नागरिक हताहत हुए, विस्थापित हुए और बुनियादी ढाँचे नष्ट हुए।
समझौते की प्रमुख विशेषताएँ:
• तत्काल युद्धविराम और वापसी रेखा: यदि दोनों पक्ष इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं, तो सभी प्रकार की लड़ाई तुरंत समाप्त हो जाएगी। इज़राइल ने एक तय “प्रारंभिक वापसी रेखा” पर सहमति जताई है, जो हमास की पुष्टि के बाद लागू होगी। इसके बाद इज़राइली सेना चरणबद्ध तरीके से गाज़ा से अपनी वापसी शुरू करेगी।
• बंधक और कैदियों की अदला-बदली: इज़राइल द्वारा योजना की सार्वजनिक स्वीकृति के 72 घंटे के भीतर, सभी इज़राइली बंधकों (जीवित और मृत दोनों) को लौटाना अनिवार्य होगा। बदले में, इज़राइल बड़ी संख्या में फ़िलिस्तीनी कैदियों (आजीवन कारावास पाए हुए कैदियों सहित) और फ़िलिस्तीनियों के शवों को निर्धारित अनुपात (जैसे, प्रत्येक मृत इज़राइली के बदले 15 फ़िलिस्तीनी शव) के अनुसार रिहा करेगा।
• हमास का निरस्त्रीकरण और विसैन्यीकरण: हमास के सभी सैन्य ढाँचे, सुरंगें और हथियार निर्माण केंद्र स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय निगरानी में ध्वस्त या निष्क्रिय किए जाएंगे। हमास शासन से अपनी भूमिका पूरी तरह छोड़ेगा, जबकि वे सदस्य जो शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व स्वीकार करते हैं, उन्हें माफी या क्षमादान दिया जा सकता है।
• संक्रमणकालीन शासन और अंतर्राष्ट्रीय निगरानी: एक तकनीकी फ़िलिस्तीनी समिति (गैर-राजनीतिक) अस्थायी रूप से गाज़ा का प्रशासन एक अंतर्राष्ट्रीय “शांति बोर्ड” की देखरेख में करेगी, जिसके अध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प होंगे और इसमें टोनी ब्लेयर जैसे अंतर्राष्ट्रीय नेता भी शामिल हो सकते हैं।
• सुरक्षा और पुनर्निर्माण: एक अंतर्राष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (ISF) गाज़ा की सुरक्षा, सीमा नियंत्रण और एक प्रशिक्षित फ़िलिस्तीनी पुलिस बल के गठन में सहायता करेगा। बहुपक्षीय निगरानी में बड़े पैमाने पर पुनर्निर्माण, मानवीय सहायता और एक विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone) की स्थापना की योजना भी शामिल है।
• स्वैच्छिक आवागमन और जबरन विस्थापन नहीं: योजना के अनुसार किसी को भी गाज़ा छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा; जो लोग स्वेच्छा से बाहर जाना चाहते हैं, वे ऐसा कर सकते हैं और परिस्थितियाँ सामान्य होने पर वापस लौट सकते हैं।
संभावित परिणाम और प्रभाव:
• युद्ध की समाप्ति और मानवीय राहत: एक सफल युद्धविराम से नागरिक की मौतों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आ सकती है, मानवीय सहायता की व्यापक पहुँच संभव हो सकेगी और गाज़ा के लोगों के जीवन में स्थिरता लौट सकती है।
• बंधक संकट का समाधान: त्वरित बंधक और कैदियों के आदान-प्रदान से एक बड़े मानवीय और राजनीतिक गतिरोध का अंत हो सकता है, जिससे प्रभावित परिवारों को राहत मिलेगी और समाज में विश्वास तथा मनोबल बढ़ेगा।
• शासन पुनर्स्थापन एवं पुनर्निर्माण: संक्रमणकालीन प्रशासनिक मॉडल गाज़ा की शासन व्यवस्था को सशस्त्र नियंत्रण से मुक्त कर पुनर्गठित करने का अवसर देगा। इससे तटस्थ निगरानी में संस्थाओं, बुनियादी ढाँचे और आर्थिक गतिविधियों का पुनर्निर्माण संभव हो सकेगा।
• सुरक्षा की स्थिरता: हमास के निरस्त्रीकरण, अंतरराष्ट्रीय निगरानी और आईएसएफ की तैनाती से पुनः हिंसा भड़कने की संभावना कम होगी। यह व्यवस्था इज़राइल और गाज़ा दोनों को दीर्घकालिक स्थिरता और सुरक्षा का आश्वासन प्रदान कर सकती है।
हालाँकि, इसके सामने कई गंभीर जोखिम भी हैं, हमास द्वारा समझौते का पालन न करना, निगरानी और सत्यापन में कठिनाई, आंतरिक असहमति, संप्रभुता पर मतभेद, तथा वापसी, निरस्त्रीकरण और शासन के चरणबद्ध क्रियान्वयन की नाजुकता आदि।
निष्कर्ष:
डोनाल्ड ट्रम्प का गाज़ा शांति समझौता अब तक प्रस्तुत किए गए सबसे महत्वाकांक्षी प्रस्तावों में से एक है। इसमें युद्धविराम, बंधकों की वापसी, हमास का निरस्त्रीकरण, शासन में सुधार और पुनर्निर्माण- सभी पहलुओं को अंतरराष्ट्रीय निगरानी में समाहित करने का प्रयास किया गया है। इस योजना की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि क्या हमास इसे स्वीकार करता है, इज़राइल वास्तविक सहयोग करता है, और बाहरी शक्तियाँ इसे निष्पक्ष एवं प्रभावी तरीके से लागू कर पाती हैं।