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Blog / 11 Oct 2025

ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच प्रथम वार्षिक रक्षा मंत्री संवाद

संदर्भ:

हाल ही में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच प्रथम वार्षिक रक्षा मंत्री संवाद कैनबरा में आयोजित किया गया। यह बैठक दोनों देशों के रक्षा सहयोग को एक नई दिशा देने वाला महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस संवाद की सह-अध्यक्षता भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने की। वार्ता के दौरान मुख्य रूप से रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग, समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता को सुदृढ़ बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

मुख्य उपलब्धियाँ:

·        वार्षिक संवाद का संस्थानीकरण: रक्षा मंत्रियों के संवाद को अब आधिकारिक रूप से एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में स्थापित कर दिया गया है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को आमंत्रित किया है कि इस संवाद के दूसरे संस्करण की मेजबानी वर्ष 2026 में भारत में की जाए।

·        पनडुब्बी बचाव और हवा में ईंधन भरने से जुड़े समझौते:

o   पारस्परिक पनडुब्बी बचाव सहायता और सहयोग पर ऑस्ट्रेलिया-भारत कार्यान्वयन व्यवस्था पर हस्ताक्षर किए गए।

o   एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग (हवा से हवा में ईंधन भरने) संबंधी 2024 के समझौते को लागू करने की दिशा में ठोस प्रगति दर्ज की गई।

·        सूचना साझाकरण, समुद्री सुरक्षा और लॉजिस्टिक समर्थन:

o   संयुक्त समुद्री सुरक्षा सहयोग रोडमैप के तहत सूचना साझाकरण और समुद्री सहयोग को बढ़ाने पर सहमति बनी।

o   भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र में ऑस्ट्रेलियाई नौसैनिक जहाजों के मरम्मत और रखरखाव के लिए अपने शिपयार्ड उपलब्ध कराने की पेशकश की।

·        क्षेत्रीय सुरक्षा और नियम-आधारित व्यवस्था को समर्थन:

o   दोनों देशों ने मुक्त, खुला और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया।

o   समुद्री मार्गों की स्वतंत्रता, निर्बाध व्यापार और अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून (UNCLOS) के सम्मान को प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया।

o   क्वाड सहयोग और भारतऑस्ट्रेलियाइंडोनेशिया त्रिपक्षीय ढांचे के माध्यम से क्षेत्रीय साझेदारी को और मजबूत किया गया।

India and Australia Strengthen Defence Partnership with Inaugural Defence  Ministers' Dialogue - Psu Corner.com

भारतऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति:

1. रणनीतिक साझेदारी:

·         व्यापक रणनीतिक साझेदारी (CSP): 2020 में स्थापित इस साझेदारी ने दोनों देशों के रिश्तों को एक व्यापक स्तर पर पहुंचाया, जिसमें रक्षा, सुरक्षा और आर्थिक सहयोग शामिल हैं।

    • रक्षा सहयोग: दोनों देश संयुक्त सैन्य अभ्यास जैसे ऑस्ट्राहिंद (AUSTRAHIND) और मालाबार (Malabar) में भाग लेते हैं, जिससे पारस्परिक समझ और सामरिक तालमेल मजबूत होता है।

2. आर्थिक और व्यापारिक संबंध:

·         आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA): 2022 में हस्ताक्षरित इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच शुल्क (Tariffs) कम करना और व्यापार को बढ़ावा देना है।

·         व्यापार का स्तर: 2023 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार 49 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिससे भारत ऑस्ट्रेलिया का चौथा सबसे बड़ा निर्यात बाज़ार बन गया।

·         निवेश प्रवाह: ऑस्ट्रेलिया का भारत में निवेश 17.6 अरब डॉलर रहा, जबकि भारत का ऑस्ट्रेलिया में निवेश 34.5 अरब डॉलर था, यह दोनों के बीच मजबूत आर्थिक साझेदारी को दर्शाता है।

3. नवीकरणीय ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिज:

·         नवीकरणीय ऊर्जा साझेदारी: 2024 में शुरू हुई इस साझेदारी का उद्देश्य सौर ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन और ऊर्जा भंडारण के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना है।

·         महत्वपूर्ण खनिज सहयोग: दोनों देश मिलकर महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने पर काम कर रहे हैं, जो भारत की स्वच्छ ऊर्जा योजनाओं और ऑस्ट्रेलिया के खनन उद्योग दोनों के लिए लाभदायक है।

4. शैक्षणिक और सांस्कृतिक संबंध:

·         विद्यार्थी गतिशीलता: 2024 तक, 1,20,000 से अधिक भारतीय छात्र ऑस्ट्रेलिया की संस्थाओं में पढ़ाई कर रहे थे, जिससे भारत, ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय छात्र स्रोत बन गया।

·         संस्थागत सहयोग: ऑस्ट्रेलियाइंडिया शिक्षा एवं कौशल परिषद (AIESC) जैसी पहलें अनुसंधान और शैक्षणिक साझेदारी को बढ़ावा देती हैं।

·         सांस्कृतिक जुड़ाव: 2025 में आयोजित नेशनल इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया में 40 से अधिक भारतीय फिल्मों का प्रदर्शन किया गया, जो दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है।

निष्कर्ष:

2025 का भारतऑस्ट्रेलिया रक्षा मंत्रियों का यह संवाद द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन बिंदु के रूप में उभरा है। अब दोनों देश केवल रणनीतिक दृष्टिकोण साझा करने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वास्तविक रक्षा संचालन, रक्षा उद्योग सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा संरचना को मजबूत करने की दिशा में व्यावहारिक और निर्णायक कदम उठा रहे हैं। यदि यह सहयोग इसी रफ्तार से आगे बढ़ा, तो भारतऑस्ट्रेलिया साझेदारी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था, सामरिक संतुलन और नियम-आधारित प्रणाली को गहराई से प्रभावित कर सकती है।